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'कोरोना नियमों का उल्लंघन करने पर हमारे चालान कटते हैं तो नेताओं के क्यों नहीं' - sonipat news

क्या सभी नियम कायदे आम लोगों के लिए ही हैं. राजनीतिक बैठकों में तो कोई मास्क नहीं लगाता, आखिर वहां किसी का चालान क्यों नहीं होता. सिर्फ छोटे-छोटे दुकानदारों के ही चालान क्यों हो रहे हैं. ये बात ईटीवी भारत के कैमरे पर गोहाना के नाराज व्यापारियों ने कही है.

gohana lockdown violation
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Published : Aug 22, 2020, 10:39 PM IST

सोनीपत: कोरोना के बढ़ते मामलों को देख हरियाणा सरकार ने पंजाब और उत्तरप्रदेश की तरह वीकेंड लॉकडाउन लगाने का ऐलान कर दिया है. अब शनिवार और रविवार को सभी दफ्तर और दुकानें बंद रहेंगी, सिर्फ आवश्यक सेवाओं को जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इस वीकेंड लॉकडाउन में व्यापारी वर्ग काफी परेशान है.

सुनिए आखिर उनकी क्या समस्या है?

व्यापारियों का कहना है कि सबसे ज्यादा टैक्स व्यापारी वर्ग भर रहा है और सरकार हमारे उपर ही डंडा चला रही है. सरकार को इस आदेश को वापस लेना होगा. क्योंकि सरकार ने जिस तरह से ये आदेश दिया है. उसके बाद आम जनता और व्यापारियों में सरकार के प्रति रोष है.

'कोरोना नियमों का उल्लंघन करने पर हमारे चालान कटते हैं तो नेताओं के क्यों नहीं'

दुकानदार संजय मेहंदीरता ने बताया कि शनिवार को मीटिंग का आयोजन किया गया है. जिस तरीके से सरकार ने 2 दिन बंद करने के आदेश दिए हैं. इसके विरोध में सभी व्यापारी इकट्ठा होकर सरकार के फरमान का विरोध करते हैं. जब कोई दुकानदार मास्क नहीं पहनता है या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करता है. तो दुकानों पर जुर्माना किया जाता है. बीजेपी बरोदा उप चुनाव की तैयारियों को लेकर मीटिंग कर रही है. वहां पर सोशल डिस्टेंस की सरेआम धज्जियां उड़ाई जाती है, लेकिन वहां पर जुर्माना नहीं किया जाता.

क्या बोले जेपी दलाल ?

इस पूरे मामले पर जेपी दलाल ने कहा कि किसी भी दुकानदार या रेहड़ी वाले का चालान नहीं हो रहा है. वो मीडियाकर्मियों पर ही भड़कते नजर आए. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी रेहड़ी चालक का चालान किया गया है तो मेरे पास लेकर आओ. मैं भरूंगा चालान. उन्होंने कहा कि किसी से कोई चालान नहीं लिया गया है.

'राजनीतिक बैठक के लिए नहीं है गाइडलाइंस'

चरखी दादरी से बीजेपी विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि गृह मंत्री अनिल विज ने जो आदेश दिए हैं उसमें दफ्तर और दुकानों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक बैठकों के लिए कोई गाइडलाइंस सरकार ने जारी नहीं की हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि किसी भी गरीब के साथ अन्याय नहीं हो रहा है.

प्रशासन की लीपापोती

आखिर में ईटीवी भारत ने इस मामले को प्रशासन के सामने रखा, क्योंकि कोरोना काल में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी प्रशासन की है, लेकिन प्रशासन भी इस पूरे मामले में लीपापोती करता नजर आया. एएसपी उदय सिंह मीणा ने कहा कि अगर किसी भी रानजीतिक बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है, तो वो उचित कार्रवाई करेंगे.

सोनीपत: कोरोना के बढ़ते मामलों को देख हरियाणा सरकार ने पंजाब और उत्तरप्रदेश की तरह वीकेंड लॉकडाउन लगाने का ऐलान कर दिया है. अब शनिवार और रविवार को सभी दफ्तर और दुकानें बंद रहेंगी, सिर्फ आवश्यक सेवाओं को जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इस वीकेंड लॉकडाउन में व्यापारी वर्ग काफी परेशान है.

सुनिए आखिर उनकी क्या समस्या है?

व्यापारियों का कहना है कि सबसे ज्यादा टैक्स व्यापारी वर्ग भर रहा है और सरकार हमारे उपर ही डंडा चला रही है. सरकार को इस आदेश को वापस लेना होगा. क्योंकि सरकार ने जिस तरह से ये आदेश दिया है. उसके बाद आम जनता और व्यापारियों में सरकार के प्रति रोष है.

'कोरोना नियमों का उल्लंघन करने पर हमारे चालान कटते हैं तो नेताओं के क्यों नहीं'

दुकानदार संजय मेहंदीरता ने बताया कि शनिवार को मीटिंग का आयोजन किया गया है. जिस तरीके से सरकार ने 2 दिन बंद करने के आदेश दिए हैं. इसके विरोध में सभी व्यापारी इकट्ठा होकर सरकार के फरमान का विरोध करते हैं. जब कोई दुकानदार मास्क नहीं पहनता है या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करता है. तो दुकानों पर जुर्माना किया जाता है. बीजेपी बरोदा उप चुनाव की तैयारियों को लेकर मीटिंग कर रही है. वहां पर सोशल डिस्टेंस की सरेआम धज्जियां उड़ाई जाती है, लेकिन वहां पर जुर्माना नहीं किया जाता.

क्या बोले जेपी दलाल ?

इस पूरे मामले पर जेपी दलाल ने कहा कि किसी भी दुकानदार या रेहड़ी वाले का चालान नहीं हो रहा है. वो मीडियाकर्मियों पर ही भड़कते नजर आए. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी रेहड़ी चालक का चालान किया गया है तो मेरे पास लेकर आओ. मैं भरूंगा चालान. उन्होंने कहा कि किसी से कोई चालान नहीं लिया गया है.

'राजनीतिक बैठक के लिए नहीं है गाइडलाइंस'

चरखी दादरी से बीजेपी विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि गृह मंत्री अनिल विज ने जो आदेश दिए हैं उसमें दफ्तर और दुकानों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक बैठकों के लिए कोई गाइडलाइंस सरकार ने जारी नहीं की हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि किसी भी गरीब के साथ अन्याय नहीं हो रहा है.

प्रशासन की लीपापोती

आखिर में ईटीवी भारत ने इस मामले को प्रशासन के सामने रखा, क्योंकि कोरोना काल में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी प्रशासन की है, लेकिन प्रशासन भी इस पूरे मामले में लीपापोती करता नजर आया. एएसपी उदय सिंह मीणा ने कहा कि अगर किसी भी रानजीतिक बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है, तो वो उचित कार्रवाई करेंगे.

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