सोनीपत: खरखौदा शराब तस्करी, चोरी और भ्रष्टाचार के मामले में कई सवालों से पर्दा उठाने के लिए एसआईटी ने गुजरात पुलिस से भी संपर्क साधा है. मुख्य आरोपी भूपेंद्र को फिलहाल गुजरात पुलिस पूछताछ के लिए रिमांड पर लेकर गई है. एसआईटी रिमांड के दौरान भूपेंद्र के बीमार हो जाने के चलते पूरी तरह पूछताछ नहीं कर पाई थी.
एसआईटी ने आशंका जताई है कि खरखौदा शराब तस्करी के तार हरियाणा के साथ पंजाब तक जुड़े हो सकते हैं. दूसरे राज्य की शराब डिस्टलरी में सस्ती शराब को महंगे ब्रांड और कई राज्यों में सप्लाई के लेबल लगाकर तैयार कराना आसान नहीं है. कई अधिकारियों का मानना है कि अकेले भूपेंद्र के लिए ये सब करना आसान नहीं था.
अधिकारियों के मुताबिक इसमें कुछ और लोग भी शामिल हैं. एसआईटी की पूछताछ में भूपेंद्र के बीमार होने के चलते कई सवाल अधूरे रह गए थे. अब भूपेंद्र को गुजरात पुलिस रिमांड पर लेकर गई है. ऐसे में एसआईटी ने कई सवालों का जवाब जानने के लिए गुजरात पुलिस से भी संपर्क किया है. जिसकी मदद से भूपेंद्र से सवालों के जवाब लिए जा सके.
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मामले में एसपी एसआईटी राहुल शर्मा ने बताया कि शराब तस्करी में भूपेंद्र से गुजरात पुलिस पूछताछ कर रही है. जिनसे भी संपर्क किया गया है. भूपेंद्र से जुड़े मामलों में कुछ जानकारी लेने में मदद ली जा रही है. फरार आरोपियों की गिरफ्तारी को भी दबिश जारी है.
सोनीपत पुलिस ने इस घोटाले में कई और बड़े लोगों के शामिल होने की आशंका जताई है. इसकी पूछताछ के लिए एसईटी ने भूपेंद्र को चार दिन की रिमांड पर लिया था. इसी दौरान भूपेंद्र बीमार हो गया था. पुलिस ने उसको पीजीआइ रोहतक में भर्ती कराया. पीजीआइ से भूपेंद्र सीधे जेल चला गया. अब भूपेंद्र को गुजरात पुलिस रिमांड पर लेकर गई है.
सोनीपत पुलिस के गुजरात पुलिस को दिए गए सवाल:
1. पंजाब से शराब तस्करी का धंधा कब से चल रहा था?
2. शराब का ब्रांड और सर्किल बदलने का काम डिस्टलरी में होता था या गोदाम में?
3. बिना लेबल की शराब पर लगाने के लिए रैपर कहां पर प्रिट कराते थे?
4. शराब के ब्रांड की असली खाली बोतल कहां से मंगवाते थे?
5. क्या डिस्टलरी में ही लेबल और पैकिंग चेंज कराई जाती थी?
6. शराब तस्करी में शामिल पंजाब के विधायक की भूमिका क्या थी?
7. बिना टैक्स चुकाए डिस्टलरी से शराब निकलवाने का मध्यस्थ कौन था?
8. शराब तस्करी में जसबीर की हिस्सेदारी कितनी थी?
9. पुलिस-प्रशासन के किन वरिष्ठ अधिकारियों को शुकराना जाता था?
10. आबकारी विभाग के अधिकारियों की भूमिका क्या रहती थी?
11. एक साथ कई राज्यों में तस्करी के खेल को संचालित कराने में कौन-कौन शामिल थे?
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अगर गुजरात पुलिस से भी जरूरी सवालों के उत्तर नहीं मिल पाते हैं तो एसईटी के पास कई रास्ते हैं. पुलिस के अनुसार अभी भूपेंद्र को राजस्थान, बिहार, दिल्ली, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कानपुर और मुरादाबाद आदि की पुलिस रिमांड पर ले जा सकती है. वहां पर भूपेंद्र ने शराब की तस्करी की थी. ऐसे कई मामलों में भूपेंद्र नामजद है तो कई अन्य अनसुलझे मामलों में उससे पूछताछ हो सकती है.
क्या है पूरा मामला?
सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र खरखौदा थाने में सरेंडर कर चुका है. जिसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है.