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एंबुलेंस चालक पर 40 किलोमीटर के लिए 57 हजार रुपये वसूलने का आरोप, निजी अस्पताल भी कर रहे मनमानी

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Published : May 16, 2021, 11:02 AM IST

कोरोना संक्रमण के दौर में प्रशासन की सख्ती के बावजूद भी निजी अस्पताल और एंबुलेंस चालक कोरोना मरीजों से मनमाने तरीके से पैसे वसूल रहे हैं. सोनीपत में एक अस्पताल पर ऑक्सीजन देने के लिए मरीज से 500 रुपए प्रति घंटा वसूलने का आरोप लगा है.

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सोनीपत:कोरोना संक्रमण के दौर में निजी अस्पताल और एंबुलेंस चालक कर रहे कालाबाजारी

सोनीपत: कोरोना महामारी के दौर में भी निजी अस्पताल और एंबुलेंस चालक अपनी कालाबाजारी करने की हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं.बता दें कि देश में कोविड-19 महामारी अपना विकराल रूप दिखा रही है. देश से निजी अस्पतालों और एंबुलेंस चालकों की लापरवाही के साथ-साथ ज्यादा वसूली की खबरें भी सामने आ रही हैं. ऐसे ही कुछ मामले सोनीपत से भी उजागर हुए हैं.

ये भी पढ़ें: ऑक्सीजन की सौदागरी करने वालों पर सख्त स्वास्थ्य विभाग, गोहाना में 4 दुकानों पर रेड

सोनीपत में एक अस्पताल पर ऑक्सीजन देने के लिए मरीज से 500 रुपए प्रति घंटा वसूलने का आरोप लगा है. वहीं एक एंबुलेंस चालक पर मरीज से 40 किलोमीटर के 57 हजार रुपए वसूलने का आरोप है. मरीज के परिजन जय देवी अस्पताल और सनराइज अस्पताल पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगा रहे हैं. जिसके चलते सोनीपत जिला प्रशासन ने सनराइज हॉस्पिटल को कोरोना मरीजों का इलाज कराने से मना कर दिया है. बता दें कि जिला प्रशासन के आला अधिकारी इन दोनों मामलों की जांच कर रहे हैं.

सोनीपत:कोरोना संक्रमण के दौर में निजी अस्पताल और एंबुलेंस चालक कर रहे कालाबाजारी

बताया जा रहा है कि सोनीपत के बहालगढ़ चौक पर स्थित सनराइज हॉस्पिटल पर बड़ी लापरवाही के आरोप लग रहे हैं.यहां पर दिल्ली के रहने वाले इकबाल नाम के शख्स को कोविड-19 के चलते दाखिल कराया गया था. लेकिन जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टरों ने उसको यहां से लेकर जाने के लिए कह दिया. मरीज के परिजनों को सनराइज हॉस्पिटल के प्रबंधन ने जो बिल थमाया उसे देखकर उनके होश उड़ गए. सरकार ने जो रेट कोविड-19 से संक्रमित मरीज के लिए तय कर रखे थे उससे ज्यादा यहां पर वसूले गए थे.

बता दें कि सरकार अस्पतालों फ्री में ऑक्सीजन दे रही है. लेकिन उसके भी 500 रुपए प्रति घंटा के हिसाब से मरीज के परिजनों से वसूले गए. इसके बाद परिजन इकबाल को सोनीपत के ही फिम्स हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. जहां पर इकबाल ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. परिजनों ने दोनों अस्पतालों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों की लापरवाही से इकबाल की मौत हुई है. परिजनों का आरोप है कि इकबाल कोविड-19 से संक्रमित नहीं था. लेकिन फिम्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मृतक इकबाल को प्लाज्मा भी चढ़ा दिया.

ये भी पढ़ें: ऑक्सीजन की कालाबाजारी के मामले में कांग्रेस विधायक ने पुलिस पर लगाए संगीन आरोप

बता दें कि सोनीपत के सारंग रोड पर रहने वाले जोगिंदर वर्मा नाम के एक शख्स से निजी अस्पताल में तैनात एंबुलेंस चालक ने मरीज को सोनीपत से पानीपत ले जाने के लिए 57000 वसूल लिए. जबकि सोनीपत से पानीपत की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है.उपायुक्त श्याम लाल ने सभी मामलों पर जानकारी देते हुए कहा कि हमारे पास सनराइज हॉस्पिटल का एक बिल आया है. जिसको लेकर हम कार्रवाई कर रहे हैं.उपायुक्त ने बताया कि एसडीएम के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है जो कि हॉस्पिटलों की जांच कर रही है.

सोनीपत: कोरोना महामारी के दौर में भी निजी अस्पताल और एंबुलेंस चालक अपनी कालाबाजारी करने की हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं.बता दें कि देश में कोविड-19 महामारी अपना विकराल रूप दिखा रही है. देश से निजी अस्पतालों और एंबुलेंस चालकों की लापरवाही के साथ-साथ ज्यादा वसूली की खबरें भी सामने आ रही हैं. ऐसे ही कुछ मामले सोनीपत से भी उजागर हुए हैं.

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सोनीपत में एक अस्पताल पर ऑक्सीजन देने के लिए मरीज से 500 रुपए प्रति घंटा वसूलने का आरोप लगा है. वहीं एक एंबुलेंस चालक पर मरीज से 40 किलोमीटर के 57 हजार रुपए वसूलने का आरोप है. मरीज के परिजन जय देवी अस्पताल और सनराइज अस्पताल पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगा रहे हैं. जिसके चलते सोनीपत जिला प्रशासन ने सनराइज हॉस्पिटल को कोरोना मरीजों का इलाज कराने से मना कर दिया है. बता दें कि जिला प्रशासन के आला अधिकारी इन दोनों मामलों की जांच कर रहे हैं.

सोनीपत:कोरोना संक्रमण के दौर में निजी अस्पताल और एंबुलेंस चालक कर रहे कालाबाजारी

बताया जा रहा है कि सोनीपत के बहालगढ़ चौक पर स्थित सनराइज हॉस्पिटल पर बड़ी लापरवाही के आरोप लग रहे हैं.यहां पर दिल्ली के रहने वाले इकबाल नाम के शख्स को कोविड-19 के चलते दाखिल कराया गया था. लेकिन जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टरों ने उसको यहां से लेकर जाने के लिए कह दिया. मरीज के परिजनों को सनराइज हॉस्पिटल के प्रबंधन ने जो बिल थमाया उसे देखकर उनके होश उड़ गए. सरकार ने जो रेट कोविड-19 से संक्रमित मरीज के लिए तय कर रखे थे उससे ज्यादा यहां पर वसूले गए थे.

बता दें कि सरकार अस्पतालों फ्री में ऑक्सीजन दे रही है. लेकिन उसके भी 500 रुपए प्रति घंटा के हिसाब से मरीज के परिजनों से वसूले गए. इसके बाद परिजन इकबाल को सोनीपत के ही फिम्स हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. जहां पर इकबाल ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. परिजनों ने दोनों अस्पतालों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों की लापरवाही से इकबाल की मौत हुई है. परिजनों का आरोप है कि इकबाल कोविड-19 से संक्रमित नहीं था. लेकिन फिम्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मृतक इकबाल को प्लाज्मा भी चढ़ा दिया.

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बता दें कि सोनीपत के सारंग रोड पर रहने वाले जोगिंदर वर्मा नाम के एक शख्स से निजी अस्पताल में तैनात एंबुलेंस चालक ने मरीज को सोनीपत से पानीपत ले जाने के लिए 57000 वसूल लिए. जबकि सोनीपत से पानीपत की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है.उपायुक्त श्याम लाल ने सभी मामलों पर जानकारी देते हुए कहा कि हमारे पास सनराइज हॉस्पिटल का एक बिल आया है. जिसको लेकर हम कार्रवाई कर रहे हैं.उपायुक्त ने बताया कि एसडीएम के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है जो कि हॉस्पिटलों की जांच कर रही है.

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