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तालाब में मछली मरने से गांव में फैल रही बदबू, ग्रामीणों को सता रहा महामारी का डर - महामारी

गोहाना में एसपी माजरा गांव के एक तालाब में अज्ञात कारणों से मछली मर रही है, जिसके कारण वहां बदबू फैल रही है. जिसके चलते ग्रामीणों को तालाब किनारे आने जाने में भारी समस्याओं का सामना उठाना पड़ रहा. इतना ही नहीं ग्रामीण को डर है कि कहीं तालाब का पानी पीने से उनके पशु बीमारियों के शिकार ना हो जाए.

तालाब में अज्ञात कारणों से मछलियों की हो रही मौत
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Published : Aug 2, 2019, 9:47 PM IST

सोनीपत: गोहाना के गांव एसपी माजरा में करीब एक महीने पहले तालाब भरने के लिए छोड़े गए नहरी पानी के साथ मछली भी आ गई थी. लेकिन कुछ दिन पहले मछली मरने से पानी दूषित हो गया. मरी हुई मछलियां तालाब किनारे पर पड़ी हुई हैं. अज्ञात कारणों के चलते हजारों की संख्या में मछलियां मर गई हैं. दुर्गंध के कारण पशुपालक भी पशुओं को लेकर तालाब पर नहीं पहुंच रहे हैं. ग्रामीणों ने पंचायत विभाग से तालाब का पानी बदलवाने की मांग की है.

तालाब के पास एक मंदिर भी है, जहां पर पूजा पाठ करने वालों को भी बदबू का सामना करना पड़ रहा है. आवारा जानवर मछलियों को नोंच कर खा रहे हैं. इतना ही नहीं आवारा कुत्तें मछलियों को गांव में ले जाकर दूसरी जगहों पर छोड़ देते हैं. जिसके चलते गांव में गंदगी फैल रही है. गांव वालों का कहना है कि मरी हुई मछली खाने से आवारा जानवर गांव में महामारी ला सकते हैं.

तालाब में अज्ञात कारणों से मछलियों की हो रही मौत

ग्रामीणों का कहना है कि यदि पशु इस पानी को पिएंगे तो बीमार हो जाएंगे. इससे पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कई साल पहले भी गांव के तालाब में इस तरह से मछली आ गई थी. उस दौरान ग्रामीणों ने तालाब की सफाई कराई थी. लेकिन बाद में विवाद हो गया था. इसे देखते हुए ग्रामीण इस बार तालाब की सफाई कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही तालाब की सफाई नहीं कराई और पानी नहीं बदला गया, तो दुर्गंध का क्षेत्र और बढ़ जाएगा.

सोनीपत: गोहाना के गांव एसपी माजरा में करीब एक महीने पहले तालाब भरने के लिए छोड़े गए नहरी पानी के साथ मछली भी आ गई थी. लेकिन कुछ दिन पहले मछली मरने से पानी दूषित हो गया. मरी हुई मछलियां तालाब किनारे पर पड़ी हुई हैं. अज्ञात कारणों के चलते हजारों की संख्या में मछलियां मर गई हैं. दुर्गंध के कारण पशुपालक भी पशुओं को लेकर तालाब पर नहीं पहुंच रहे हैं. ग्रामीणों ने पंचायत विभाग से तालाब का पानी बदलवाने की मांग की है.

तालाब के पास एक मंदिर भी है, जहां पर पूजा पाठ करने वालों को भी बदबू का सामना करना पड़ रहा है. आवारा जानवर मछलियों को नोंच कर खा रहे हैं. इतना ही नहीं आवारा कुत्तें मछलियों को गांव में ले जाकर दूसरी जगहों पर छोड़ देते हैं. जिसके चलते गांव में गंदगी फैल रही है. गांव वालों का कहना है कि मरी हुई मछली खाने से आवारा जानवर गांव में महामारी ला सकते हैं.

तालाब में अज्ञात कारणों से मछलियों की हो रही मौत

ग्रामीणों का कहना है कि यदि पशु इस पानी को पिएंगे तो बीमार हो जाएंगे. इससे पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कई साल पहले भी गांव के तालाब में इस तरह से मछली आ गई थी. उस दौरान ग्रामीणों ने तालाब की सफाई कराई थी. लेकिन बाद में विवाद हो गया था. इसे देखते हुए ग्रामीण इस बार तालाब की सफाई कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही तालाब की सफाई नहीं कराई और पानी नहीं बदला गया, तो दुर्गंध का क्षेत्र और बढ़ जाएगा.

Intro:gohana news Body:एंकर रीड- गोहाना के गांव एसपी माजरा में करीब एक माह पहले तालाब भरने के लिए छोड़े नहरी पानी के साथ मछली भी आ गई। कुछ दिन पहले मछली मरने से पानी दूषित हो गया। मछलियां किनारे पर पड़ी हुई है। अज्ञात कारण के चलते हजारों की संख्या में मछली मर गई। दुर्गंध के कारण पशुपालक भी पशुओं को लेकर तालाब पर नहीं पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों ने पंचायत विभाग से तालाब का पानी बदलवाने की मांग की है। तालाब के साथ लगता मंदिर भी जहां पर पूजा पाठ करने वालों को भी बदबू का सामना करना पड रहा है। कौवे व आवारा कुत्तें इन मरी हुई मछली को खा भी रहें है व गांव के अन्य स्थानों पर ले जाकर छोड देते है जिसके कारण गांव बदबू के साथ गंदगी भी फैली हुई है। गांव वालों का मानना है मरी मछली खाने आवारा जानवर गांव में महामारी ला सकते है।
वीओं0 1- ग्रामीण सुधीर, पप्पू और अजीत के अनुसार बाबा वाला तालाब में गर्मी के मौसम में तालाब में पानी का स्तर कम हो गया था। जबकि गर्मी में पानी की अधिक जरूरत होती है। इसलिए तालाब में नहरी पानी छोड़ा गया था। नहरी पानी के साथ ही कुछ मछलियां भी तालाब में पहुंच गई। काफी दिन तक मछली तालाब में ही रही। कुछ दिन पहले पानी में से दुर्गंध आने लगी। देखने पर पता चला कि तालाब में मछलियां मर गई है। अज्ञात कारणों के चलते मछली मरी है उन्हें अभी तक कारणों का नहीं पता है। कुछ मछलियां तालाब के किनारे पर भी पड़ी हुई हैं। इसका पता जैसे ही पशुपालकों को पता चला तो उन्होंने भी पशुओं को तालाब पर लेकर जाना बंद कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पशु इस पानी को पिएंगे तो बीमार हो जाएंगे। इससे पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई हैं। उन्होंने बताया कि कई वर्ष पहले भी गांव के तालाब में इस तरह से मछली आ गई थी। उस दौरान ग्रामीणों ने तालाब की सफाई कराई थी। परंतु बाद में विवाद हो गया था। इसे देखते हुए ग्रामीण इस बार तालाब की सफाई कराने के लिए आगे नहीं आ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही तालाब की सफाई नहीं कराई और पानी नहीं बदला गया तो यह दुर्गंध अधिक क्षेत्र में फैल जाएगी।
बाईट- ग्रामीण सुधीर, पप्पू और अजीत



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