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शराब घोटाला: बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह से पूछताछ के बाद एसईटी ने पंजाब डिस्टलरी में की छापेमारी

खरखौदा शराब तस्करी मामले में बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह से पूछताछ के दौरान एसईटी ने पंजाब स्थित डिस्टलरी में जाकर भी छानबीन है. डिस्टलरी से जो सैंपल लिए गए हैं इनका मिलान गोदाम में मिली शराब से किया जाएगा.

liquor scam case sonipat
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Published : Jun 28, 2020, 9:36 AM IST

सोनीपत: खरखौदा शराब तस्करी मामले में बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह से पूछताछ के दौरान एसईटी ने पंजाब स्थित डिस्टलरी में जाकर भी छानबीन है. वहां पर छापेमारी कर एसईटी ने शराब, रैपर और बोतल के सैंपल लिए हैं. खबर है कि आरोपी भूपेंद्र इसी डिस्टलरी से अवैध शराब को बिक्री के लिए ले जाता था. डिस्टलरी से जो सैंपल लिए गए हैं इनका मिलान गोदाम में मिली शराब से किया जाएगा.

अवैध शराब पंजाब के राजपुर स्थित डिस्टलरी से लाई जाती थी. इसकी पुष्टि आरोपी भूपेंद्र ने भी रिमांड पर पूछताछ के दौरान की थी. एसईटी को बताया गया था कि एक ही ब्रांड की शराब डिस्टलरी से प्राप्त करते थे. उसको कंपनी में ही अलग-अलग ब्रांड की बोतलों में पैक करा लेते थे. इन बोतलों पर लगने वाले लेबल को मनमाने ढंग से चस्पा करा लेते थे.

भूपेंद्र की उगाही पर एसईटी ने शुक्रवार रात को डिस्टलरी में छापामारी की. वहां से विभिन्न ब्रांड की शराब, खाली बोतल और रैपर के सैंपल लिए गए. इन सैंपल को जांच को भेजा गया है. इसके साथ ही गोदाम में मिली शराब, बोतल व रैपर का मिलान इससे कराया जाएगा. जिससे प्रमाणित हो सके कि तस्करी की शराब इसी डिस्टलरी की थी. बर्खास्त इस्पेक्टर जसबीर से पूछताछ के बाद मामले में गहनता से जांच की जा रही है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

ये भी पढ़ें- रिपोर्ट आने से पहले शराब घोटाले पर कुछ भी कहना SET के अस्तित्व पर सवाल- विज

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम ये रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा, जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात हैं. इस शराब घोटाले में खरखौदा थाने के दो एसएचओ समेत 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है.

सोनीपत: खरखौदा शराब तस्करी मामले में बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह से पूछताछ के दौरान एसईटी ने पंजाब स्थित डिस्टलरी में जाकर भी छानबीन है. वहां पर छापेमारी कर एसईटी ने शराब, रैपर और बोतल के सैंपल लिए हैं. खबर है कि आरोपी भूपेंद्र इसी डिस्टलरी से अवैध शराब को बिक्री के लिए ले जाता था. डिस्टलरी से जो सैंपल लिए गए हैं इनका मिलान गोदाम में मिली शराब से किया जाएगा.

अवैध शराब पंजाब के राजपुर स्थित डिस्टलरी से लाई जाती थी. इसकी पुष्टि आरोपी भूपेंद्र ने भी रिमांड पर पूछताछ के दौरान की थी. एसईटी को बताया गया था कि एक ही ब्रांड की शराब डिस्टलरी से प्राप्त करते थे. उसको कंपनी में ही अलग-अलग ब्रांड की बोतलों में पैक करा लेते थे. इन बोतलों पर लगने वाले लेबल को मनमाने ढंग से चस्पा करा लेते थे.

भूपेंद्र की उगाही पर एसईटी ने शुक्रवार रात को डिस्टलरी में छापामारी की. वहां से विभिन्न ब्रांड की शराब, खाली बोतल और रैपर के सैंपल लिए गए. इन सैंपल को जांच को भेजा गया है. इसके साथ ही गोदाम में मिली शराब, बोतल व रैपर का मिलान इससे कराया जाएगा. जिससे प्रमाणित हो सके कि तस्करी की शराब इसी डिस्टलरी की थी. बर्खास्त इस्पेक्टर जसबीर से पूछताछ के बाद मामले में गहनता से जांच की जा रही है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

ये भी पढ़ें- रिपोर्ट आने से पहले शराब घोटाले पर कुछ भी कहना SET के अस्तित्व पर सवाल- विज

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम ये रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा, जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात हैं. इस शराब घोटाले में खरखौदा थाने के दो एसएचओ समेत 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है.

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