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सोनीपत: गोहाना के गांव छिछराणा में हुई सर्वजातीय महापंचायत - baroda bypoll news

रविवार को गांव छिछराणा में सर्वजातीय महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश के सभी जाट नेता पहुंचे.

sarv jatiya mahapanchayat in gohana
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Published : Aug 2, 2020, 10:53 PM IST

सोनीपत: बरोदा उपचुनाव से पहले जाट नेताओं ने गांव छिछराणा में सर्वजातीय महापंचायत बुलाकर सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं. सर्वजातीय महापंचायत मलिक चबूतरे पर की गई, जिसमें प्रदेश के सभी जाट नेता पहुंचे.

गोहाना के गांव छिछराणा में हुई सर्वजातीय महापंचायत, देखें वीडियो

जाट नेता सुबह सिंह का कहना है कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान लगे मुकदमें लोग 4 साल से झेल रहे हैं. सरकार आश्वासन के बाद भी उनके मुकदमें वापस नहीं हुए, अगर सरकार मुकदमें वापस नहीं तो हम अगली लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी अगली मीटिंग बड़ी होगी और आंदोलन की तैयारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस सरकार में किसानों की साथ ज्यादती हो रही है. किसानों के खेतों में बिजली के टॉवर बिना मुआवजे के लगाए जाते हैं. सरकार किसानों के साथ जबरदस्ती करती है, सरकार मंडियों को खत्म करने जा रही है.

वहीं जाट नेता ने केंद्र सरकार के खेती-किसानी से जुड़े तीन अध्यादेशों को किसान विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार जमीनों को प्राइवेट हाथों में देना चाहती है. मंडियों को समाप्त करना चाहती है. इसके खिलाफ हम लड़ाई लड़ेंगे.

ये भी पढ़ें- खेती-किसानी से जुड़े इन 3 अध्यादेशों पर जारी है घमासान, आसान भाषा में जानिए पूरी कहानी

सोनीपत: बरोदा उपचुनाव से पहले जाट नेताओं ने गांव छिछराणा में सर्वजातीय महापंचायत बुलाकर सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं. सर्वजातीय महापंचायत मलिक चबूतरे पर की गई, जिसमें प्रदेश के सभी जाट नेता पहुंचे.

गोहाना के गांव छिछराणा में हुई सर्वजातीय महापंचायत, देखें वीडियो

जाट नेता सुबह सिंह का कहना है कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान लगे मुकदमें लोग 4 साल से झेल रहे हैं. सरकार आश्वासन के बाद भी उनके मुकदमें वापस नहीं हुए, अगर सरकार मुकदमें वापस नहीं तो हम अगली लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी अगली मीटिंग बड़ी होगी और आंदोलन की तैयारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस सरकार में किसानों की साथ ज्यादती हो रही है. किसानों के खेतों में बिजली के टॉवर बिना मुआवजे के लगाए जाते हैं. सरकार किसानों के साथ जबरदस्ती करती है, सरकार मंडियों को खत्म करने जा रही है.

वहीं जाट नेता ने केंद्र सरकार के खेती-किसानी से जुड़े तीन अध्यादेशों को किसान विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार जमीनों को प्राइवेट हाथों में देना चाहती है. मंडियों को समाप्त करना चाहती है. इसके खिलाफ हम लड़ाई लड़ेंगे.

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