सोनीपत: तीन कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) लगातार जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा और हरियाणा के भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप में एक बार फिर से खींचतान बढ़ गई है. हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले होने वाली मीटिंग का बहिष्कार कर दिया है. चढ़ूनी का कहना है कि पंजाब के 32 जत्थेबंदियों ने संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक पर एक तरह से कब्ज़ा कर लिया है.
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने कहा कि कल इन्होंने पंजाब की 4 जत्थेबंदियों को मीटिंग से बाहर निकाल दिया था. 32 जत्थेबंदियों के कई नेता मीटिंग में बैठ जाते हैं और हमारे लोगों को बाहर निकाल दिया जाता है. मेरे द्वारा डेरा बाबा नानक से जत्था लाने पर भी विवाद हुआ. अगर किसी की बेज़्ज़ती होगी तो मेरा फ़र्ज़ उनकी तरफदारी करना है, ये बेज़्ज़ती सहन नही होगी.
गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) का कहना है कि इस आंदोलन में हमने खून पसीना एक किया है. हमने इस आंदोलन को सबसे ज्यादा कुर्बानी दी है. हम मोर्चा छोड़कर नहीं भाग रहे, कोई भी इस गलतफमही में ना रहे. पहले से ज्यादा काम इस मोर्चे में होगा.
आंदोलन में तानाशाही करने के आरोप लगते हुए गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने कहा कि 15 अगस्त को हम हरियाणा में एक बार फिर बड़ा प्रदर्शन करेंगे. पंजाब की 32 जत्थेबंदी आंदोलन में तानाशाही चलाना चाहती हैं. चढ़ूनी ने कहा कि मेरे व्यवहार में ही नहीं है कि तानाशाही सही जाए. ये आंदोलन हमारा है हम इसे लड़ेंगे.
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