सोनीपत: खरखौदा के सैदपुर गांव में घरों के बाहर बिजली मीटर लगाने पर विवाद लगातार बढ़ रहा है. मामले में बिजली विभाग और ग्रामीणों में बीच खींचतान जारी है. मीटर बाहर करने की कार्रवाई को लेकर सैदपुर के ग्रामीणों और बिजली विभाग के कर्मचारियों के बीच में हुए विवाद के बाद ग्रामीणों पर एफआईआर हुई. जिसके विरोध में सोमवार को गांव सरपंच धमेंद्र की अगुवाई में ग्रामीण एसडीएम श्वेता सुहाग से मिलने पहुंचे.
एसडीएम से मिले सैदपुर गांव के ग्रामीण
इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि बिजली विभाग की तरफ से उनके ऊपर गलत शिकायत देकर मामला दर्ज करवाया गया है, जबकि ग्रामीणों ने मीटर बाहर करने की कार्रवाई का विरोध नहीं किया था, बल्कि ये मांग की थी कि मीटर बाहर करने से पहले गांव में बिजली के खंभे और तार लगाए जाएं. वहीं एसडीएम ने ग्रामीणों की बात सुनने के बाद मामले की जांच का आश्वासन दिया है.
जानिए क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि बीते दिनों बिजली विभाग की तरफ से सैदपुर गांव में घरों से बिजली मीटर बाहर करने की कार्रवाई शुरू की गई थी. पहले दिन जहां बिजली विभाग की टीम पुलिस बल के साथ गांव में पहुंची थी. वहीं दो दिनों तक विभाग ने बगैर पुलिस सुरक्षा के गांव में मीटर बाहर करने की कार्रवाई को अंजाम दिया, लेकिन तीसरे दिन ग्रामीणों और बिजली निगम की टीम के बीच विवाद हो गया.
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बिजली विभाग के एसडीओ आशीष दहिया ने शिकायत दी थी कि ग्रामीणों ने ना केवल काम करने से रोक दिया बल्कि मीटर लगाने दोबारा गांव में आने पर जान से मारने की भी धमकी दी. शिकायत पर पुलिस ने तीन नामजद ग्रामीणों सहित महिलाओं और पुरुषों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. ऐसे में सोमवार को ग्रामीण एसडीएम श्वेता सुहाग से मिले और विभाग की कार्रवाई को एक तरफा बताते हुए कहा जांच की मांग की.
एसडीएम ने दिया जांच का आश्वासन
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने बिजली विभाग से गांव में खंबे लगाने और जर्जर तारों को बदलने की बात कही थी, लेकिन अधिकारियों ने उन पर झूठी एफआईआर दर्ज कर दी. फिलहाल इस मामले में खरखौदा की एसडीएम श्वेता सुहाग ने ग्रामीणों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.