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सोनीपत में छोटे कारोबारियों पर पड़ी किसान आंदोलन की मार, लाखों का हुआ नुकसान - किसान आंदोलन में उद्योगो का नुकसान

Sonipat news: किसान आंदोलन के दौरान सोनीपत के नेशनल हाईवे 44 पर छोटे दुकानदारों ढाबा मालिकों और कारोबारियों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना (Restaurant loss sonipat) पड़ा. अब सभी यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनका कारोबार अब एक बार फिर पटरी पर लौट आएगा.

Restaurant loss sonipat
किसान आंदोलन के दौरान ढाबे वालों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
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Published : Dec 13, 2021, 7:18 PM IST

Updated : Dec 13, 2021, 8:08 PM IST

सोनीपत: 26 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमाओं पर देशभर के किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन शुरू किया (Famer Protest In Sonipat) था. देखते ही देखते यह आंदोलन करीब 1 साल तक चला और 28 नवंबर को शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों में तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया. इसके बाद किसानों ने दिल्ली की सीमाओं को खाली कर दिया. इस 1 साल के दौरान सबसे ज्यादा मार नेशनल हाईवे 44 स्थित कारोबारियों पर पड़ी है. छोटे दुकानदारों में ढाबा चलाने वाले भी शामिल हैं.

गौरतलब है कि किसान आंदोलन के चलते सोनीपत के कुंडली क्षेत्र कारोबारियों ने कई बार किसान आंदोलन के खिलाफ आवाज उठाई थी. कारोबारियों ने सरकार से गुहार लगाई थी कि जल्द से जल्द इस किसान आंदोलन को सरकार समाप्त करें ताकि उनके कारोबार को बचाया जा सकें. नेशनल हाईवे 44 पर स्थित मशहूर ढाबे के मैनेजर सिकंदर सिंह ने बताया कि अब किसान आंदोलन खत्म हो चुका है. अब उम्मीद यह है कि उनका कारोबार भी अब जल्दी ही पटरी पर लौट आएगा. हमें आंदोलन से पहले कोरोना के चलते नुकसान उठाना पड़ा. इसके बाद अब किसान आंदोलन के चलते उन्हें मार झेलनी पड़ी.

सोनीपत में छोटे कारोबारियों पर पड़ी किसान आंदोलन की मार, लाखों का हुआ नुकसान

कुंडली बॉर्डर के नजदीक छोटे दुकानदार संचालको ने बताया कि किसान आंदोलन के चलते एक तो जाम की स्थिति बनी रहती थी और कारोबार में काफी घाटा हुआ है. एक दुकानदार ने तो अपना दुखड़ा रोते हुए बताया कि कई बार बहुत जाम के चलते अपनी बाइक दुकान तक नहीं लेकर पहुंच पाता था. 31 दिसंबर 2020 को उसकी बाइक भी चोरी हो गई थी. वह भी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेड खोले, जल्द शुरू होगा वाहनों का आवागमन

अब उम्मीद यह लगाई जा रही है कि जल्दी ही उनका काम धंधा पटरी पर लौटेगा और वह दोबारा से अपनी दुकानदारी और कारोबार संभाल पाएंगे. वहीं कुंडली बॉर्डर पर स्थित एक प्रॉपर्टी डीलर ने कहा कि 1 साल का समय बहुत लंबा हो जाता है. प्रॉपर्टी का काम तो बिल्कुल ठप पड़ा (Farmers Protest Loss Property Builders) है.अब किसान आंदोलन खत्म हुआ है. उम्मीद है लगाई जा रही है कियहां के कारोबारियों की जिंदगी पटरी पर जल्द ही लौट आएगी.

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सोनीपत: 26 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमाओं पर देशभर के किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन शुरू किया (Famer Protest In Sonipat) था. देखते ही देखते यह आंदोलन करीब 1 साल तक चला और 28 नवंबर को शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों में तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया. इसके बाद किसानों ने दिल्ली की सीमाओं को खाली कर दिया. इस 1 साल के दौरान सबसे ज्यादा मार नेशनल हाईवे 44 स्थित कारोबारियों पर पड़ी है. छोटे दुकानदारों में ढाबा चलाने वाले भी शामिल हैं.

गौरतलब है कि किसान आंदोलन के चलते सोनीपत के कुंडली क्षेत्र कारोबारियों ने कई बार किसान आंदोलन के खिलाफ आवाज उठाई थी. कारोबारियों ने सरकार से गुहार लगाई थी कि जल्द से जल्द इस किसान आंदोलन को सरकार समाप्त करें ताकि उनके कारोबार को बचाया जा सकें. नेशनल हाईवे 44 पर स्थित मशहूर ढाबे के मैनेजर सिकंदर सिंह ने बताया कि अब किसान आंदोलन खत्म हो चुका है. अब उम्मीद यह है कि उनका कारोबार भी अब जल्दी ही पटरी पर लौट आएगा. हमें आंदोलन से पहले कोरोना के चलते नुकसान उठाना पड़ा. इसके बाद अब किसान आंदोलन के चलते उन्हें मार झेलनी पड़ी.

सोनीपत में छोटे कारोबारियों पर पड़ी किसान आंदोलन की मार, लाखों का हुआ नुकसान

कुंडली बॉर्डर के नजदीक छोटे दुकानदार संचालको ने बताया कि किसान आंदोलन के चलते एक तो जाम की स्थिति बनी रहती थी और कारोबार में काफी घाटा हुआ है. एक दुकानदार ने तो अपना दुखड़ा रोते हुए बताया कि कई बार बहुत जाम के चलते अपनी बाइक दुकान तक नहीं लेकर पहुंच पाता था. 31 दिसंबर 2020 को उसकी बाइक भी चोरी हो गई थी. वह भी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

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अब उम्मीद यह लगाई जा रही है कि जल्दी ही उनका काम धंधा पटरी पर लौटेगा और वह दोबारा से अपनी दुकानदारी और कारोबार संभाल पाएंगे. वहीं कुंडली बॉर्डर पर स्थित एक प्रॉपर्टी डीलर ने कहा कि 1 साल का समय बहुत लंबा हो जाता है. प्रॉपर्टी का काम तो बिल्कुल ठप पड़ा (Farmers Protest Loss Property Builders) है.अब किसान आंदोलन खत्म हुआ है. उम्मीद है लगाई जा रही है कियहां के कारोबारियों की जिंदगी पटरी पर जल्द ही लौट आएगी.

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Last Updated : Dec 13, 2021, 8:08 PM IST
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