सोनीपत: राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रविवार को सोनीपत के कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि चंडीगढ़ में सरकार ने भले ही विश्वासमत हासिल कर लिया हो लेकिन प्रदेश सरकार जनता का विश्वास पूरी तरह से खो चुकी है.
दीपेंद्र ने कहा कि सरकार को इस बात पर आत्ममंथन करना चाहिए कि उसके खिलाफ जनता में इतना रोष क्यों है? 7 साल में इस सरकार की दिशाहीन नीतियों ने हरियाणा का भट्ठा बैठा दिया. उन्होंने कहा कि सरकार की पूर्ण विफलता के कारण ही हरियाणा में व्यापार चौपट हो गया है, उद्योग यहां से पलायन कर रहे हैं और बेरोज़गारी चरम पर है.
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दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि तीन कृषि कानूनों से सबसे ज्यादा प्रभावित हरियाणा और पंजाब के किसान हैं. पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ राजनीति से ऊपर उठ कर सारे दल एक हो गए, लेकिन हरियाणा में सत्ता में बैठे नेता किसानों के खिलाफ हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि संसद में भी हरियाणा के 14 सांसद किसानों के खिलाफ एक तरफ थे और वो अकेले किसानों के समर्थन में आवाज उठाते रहे. उन्होंने कहा कि किसानों और मजदूरों को कोई चोट पहुंचाता है तो उसका दर्द सांसदों, विधायकों को महसूस होना चाहिए.
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दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान आंदोलन में 300 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी, उनके शव गांवों में लौट गए, लेकिन बीजेपी के किसी भी सांसद या विधायक ने सहानुभूति के दो शब्द तक नहीं कहे. दीपेंद्र ने कहा कि सरकार को अब हर हाल में किसानों के साथ सकारात्मक बातचीत करनी होगी.