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किसानों का समर्थन करने न्यूजीलैंड से सिंघु बॉर्डर पहुंचा NRI

न्यूजीलैंड के रहने वाले कमलप्रीत खास तौर पर किसान आंदोलन में शामिल होने सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं. उनकी मानें तो ये सिर्फ पंजाब के किसानों का नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों का आंदोलन हैं.

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किसानों का समर्थन करने न्यूजीलैंड से सिंघु बॉर्डर पहुंचा NRI
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Published : Dec 10, 2020, 7:10 AM IST

सोनीपत: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 15 दिनों से जारी है. ऐसे में देशभर से किसानों को समर्थन तो मिल ही रहा है. साथ ही बाहर जाकर बसे भारत के लोग भी किसानों के समर्थन में उतर रहे हैं. इसी कड़ी में न्यूजीलैंड से लौटे कमलप्रीत भी सिंघु बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने पहुंचे.

एनआरआई कमलप्रीत ने बताया कि वो न्यूजीलैंड से खासतौर पर किसानों को समर्थन देने यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि ये कोई पंजाब के किसानों का आंदोलन नहीं है. ये पूरे देश का आंदोलन हैं और इस आंदोलन को विदेशी लोगों का भी साथ मिल रहा है.

किसानों का समर्थन करने न्यूजीलैंड से सिंघु बॉर्डर पहुंचा NRI

उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार को जल्द से जल्द ये कानून वापल ले लेने चाहिए. अगर किसान इन कानूनों के खिलाफ हैं तो ये कानून उनपर किसी भी हालत में थोपने नहीं चाहिए.

गौरतलब है कि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के संशोधन के लिखित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और सभी किसान नेता 3 कृषि कानून रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून लागू करवाने पर अड़िग हैं.साथ ही किसानों की ओर से आगे की रणनीति भी तैयार की गई है. जिसके तहत-

  • 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को अवरुद्ध किया जाएगा
  • किसान अदानी-अंबानी के उत्पादों जैसे रिलायंस की जियो सिम का बहिष्कार करेंगे
  • 14 दिसंबर को पूरे देश में होगा विरोध प्रदर्शन
  • 12 दिसंबर को टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा
  • भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा
  • 14 दिसंबर को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के किसान जिला मुख्यालयों पर एक दिन का धरना देंगे और अन्य राज्यों के किसान 14 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.
  • जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा.

सोनीपत: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 15 दिनों से जारी है. ऐसे में देशभर से किसानों को समर्थन तो मिल ही रहा है. साथ ही बाहर जाकर बसे भारत के लोग भी किसानों के समर्थन में उतर रहे हैं. इसी कड़ी में न्यूजीलैंड से लौटे कमलप्रीत भी सिंघु बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने पहुंचे.

एनआरआई कमलप्रीत ने बताया कि वो न्यूजीलैंड से खासतौर पर किसानों को समर्थन देने यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि ये कोई पंजाब के किसानों का आंदोलन नहीं है. ये पूरे देश का आंदोलन हैं और इस आंदोलन को विदेशी लोगों का भी साथ मिल रहा है.

किसानों का समर्थन करने न्यूजीलैंड से सिंघु बॉर्डर पहुंचा NRI

उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार को जल्द से जल्द ये कानून वापल ले लेने चाहिए. अगर किसान इन कानूनों के खिलाफ हैं तो ये कानून उनपर किसी भी हालत में थोपने नहीं चाहिए.

गौरतलब है कि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के संशोधन के लिखित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और सभी किसान नेता 3 कृषि कानून रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून लागू करवाने पर अड़िग हैं.साथ ही किसानों की ओर से आगे की रणनीति भी तैयार की गई है. जिसके तहत-

  • 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को अवरुद्ध किया जाएगा
  • किसान अदानी-अंबानी के उत्पादों जैसे रिलायंस की जियो सिम का बहिष्कार करेंगे
  • 14 दिसंबर को पूरे देश में होगा विरोध प्रदर्शन
  • 12 दिसंबर को टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा
  • भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा
  • 14 दिसंबर को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के किसान जिला मुख्यालयों पर एक दिन का धरना देंगे और अन्य राज्यों के किसान 14 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.
  • जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा.
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