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सोनीपत:सिसाना गांव में परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह को किया गया याद

खरखौदा के सिसाना गांव में परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह के अदम्य साहस व उनकी वीरता को याद किया गया. इस मौके पर एनसीसी कैडेट्स और ग्रामीणों ने उनके स्मारक पर जाकर उन्हें सैल्यूट किया.

ncc cadets pay tribute to paramvir Chakra winner Colonel Hoshiar Singh in sonipat
सिसाना गांव में परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह को किया गया याद
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Published : Feb 24, 2021, 1:06 PM IST

सोनीपत: एनसीसी छात्रों को जागरूक करने व परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह के बारे में अवगत कराने के लिए एक समारोह सिसाना गांव में हुआ. जिसमें परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह के साथी रहे ब्रिगेडियर सत्यदेव दहिया ने सिसाना में उनके स्मारक पर पहुंचकर एनसीसी छात्रों व ग्रामीणों को परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह के अदम्य साहस व उनकी वीरता के बारे में बताया.

ब्रिगेडियर सत्यदेव दहिया भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में वे उनके साथ थे. पहले उन्हें चोट लग गई थी वे अस्पताल में भर्ती हो गए. इसके बाद जैसे ही कर्नल होशियार सिंह को चोट लगी, तो वे भी अस्पताल में पहुंचे थे. जहां पर कर्नल होशियार ने उन्हें खुद सारी बातें बताई थी.

ncc cadets pay tribute to paramvir Chakra winner Colonel Hoshiar Singh in sonipat
सिसाना गांव में परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह को किया गया याद

ये भी पढ़ें: चरखी दादरी: सेना ने वीर चक्र खजान सिंह की पत्नी को किया सम्मानित

पाक फौज को मुंहतोड़ जवाब देते समय हो गए थे घायल

जिसमें उन्होंने बताया था कि वे लगतार गोलाबारी कर रहे थे. एक के बाद एक दुश्मनों की फौज को मुहं तोड़ जवाब दे रहे थे. निरंतर आगे बढ़ते चले गए. अस्पताल में इलाज के दौरान सबसे पहले उनके सामने ही ये सूचना कर्नल होशियार सिंह को मैसेज दिया गया था कि उन्हे परमवीर चक्र का सम्मान के लिए चयनित किया गया है.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम: सोहना में भारतीय सेना के जवानों के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन

सांबा सेक्टर में दिखाई बहादुरी के लिए मिला परमवीर चक्र

उन्होंने बताया कि पहले अंग्रेजी शासनकाल में देश में सबसे ऊंचे पुरस्कार को विकटोरिया क्रास बोलते थे. बाद में इस पुरस्कार का नाम परमवीर चक्र रखा गया. वर्ष 1971 में होशियार सिंह सांबा शकरगढ़ सेक्टर में थे. जहां पर उन्होंने वीरता दिखाई थी. कर्नल होशियार सिंह वॉलीवाल के प्लेयर भी थे. इस मौके पर दहिया खाप प्रधान सुरेंद्र दहिया, पूर्व सरपंच धर्मबीर सिंह, राजकुमार सिसाना सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें: शहीद की वीरांगना ने दी सेना मेडल लौटाने की चेतावनी, ये है पूरा मामला

सोनीपत: एनसीसी छात्रों को जागरूक करने व परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह के बारे में अवगत कराने के लिए एक समारोह सिसाना गांव में हुआ. जिसमें परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह के साथी रहे ब्रिगेडियर सत्यदेव दहिया ने सिसाना में उनके स्मारक पर पहुंचकर एनसीसी छात्रों व ग्रामीणों को परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह के अदम्य साहस व उनकी वीरता के बारे में बताया.

ब्रिगेडियर सत्यदेव दहिया भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में वे उनके साथ थे. पहले उन्हें चोट लग गई थी वे अस्पताल में भर्ती हो गए. इसके बाद जैसे ही कर्नल होशियार सिंह को चोट लगी, तो वे भी अस्पताल में पहुंचे थे. जहां पर कर्नल होशियार ने उन्हें खुद सारी बातें बताई थी.

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सिसाना गांव में परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह को किया गया याद

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जिसमें उन्होंने बताया था कि वे लगतार गोलाबारी कर रहे थे. एक के बाद एक दुश्मनों की फौज को मुहं तोड़ जवाब दे रहे थे. निरंतर आगे बढ़ते चले गए. अस्पताल में इलाज के दौरान सबसे पहले उनके सामने ही ये सूचना कर्नल होशियार सिंह को मैसेज दिया गया था कि उन्हे परमवीर चक्र का सम्मान के लिए चयनित किया गया है.

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सांबा सेक्टर में दिखाई बहादुरी के लिए मिला परमवीर चक्र

उन्होंने बताया कि पहले अंग्रेजी शासनकाल में देश में सबसे ऊंचे पुरस्कार को विकटोरिया क्रास बोलते थे. बाद में इस पुरस्कार का नाम परमवीर चक्र रखा गया. वर्ष 1971 में होशियार सिंह सांबा शकरगढ़ सेक्टर में थे. जहां पर उन्होंने वीरता दिखाई थी. कर्नल होशियार सिंह वॉलीवाल के प्लेयर भी थे. इस मौके पर दहिया खाप प्रधान सुरेंद्र दहिया, पूर्व सरपंच धर्मबीर सिंह, राजकुमार सिसाना सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे.

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