सोनीपत: कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन सातवें दिन में प्रवेश कर गया है. सात दिन बीत जाने के बाद भी किसानों का जोश ठंडा होने की बजाए बढ़ता ही जा रहा है. इस दौरान किसानों को दूसरे संगठनों और आम लोगों का भी भरपूर साथ मिल रहा है. किसान आंदोलन में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.
सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर भी किसानों डटे हुए हैं. जिसके समर्थन में अन्य वर्गों के लोग भी आ रहे हैं. आंदोलन की कुछ तस्वीरें ईटीवी भारत के कैमरे में भी कैद हुई. इन तस्वीरों में पंजाब से आए मेघा और जसप्रीत को साइकिल पर सवार होकर किसान आंदोलन में शामिल होते हुए देखा जा सकता है.
किसानों का समर्थन करने साइकिल से सिंघु बॉर्डर पहुंचे मेघा और जसप्रीत पंजाब के संगरूर जिले के रहने वाले हैं. दोनों सालों से साइकिल चालते आ रहे हैं और पेशे से जसप्रीत एक उद्योगपति हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मेघा और जसप्रीत ने कहा कि किसान हमारे देश की रीड की हड्डी हैं और किसानों के खिलाफ मोदी सरकार अत्याचार कर रही है. किसानों को अलग-अलग वर्गों का समर्थन मिल रहा है और हम भी पंजाब से साइकिल पर सवार होकर किसानों का समर्थन करने पर यहां आए हैं. उन्होंने आगे कहा कि सरकार को किसानों की मांग जल्द से जल्द पूरी करनी चाहिए.
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बता दें कि पिछले सात दिनों से तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने और अन्य मांगों को लेकर किसान दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान किसानों को दूसरे वर्गों का भी काफी समर्थन मिल रहा है. वहीं किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली के चार मुख्य बॉर्डर पूरी तरह से सील हैं.