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किसानों की महापंचायत कल, बोले- मांगें नहीं मानी तो 2023 में करेंगे 2020 वाला किसान आंदोलन - farmer movement

राजीव गांधी एजूकेशन सिटी सोनीपत में रविवार को हरियाणा-पंजाब के किसान महापंचायत (Mahapanchayat of farmers in Sonipat) करने वाले हैं. इस पंचायत में किसान राष्ट्रपति को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे. जिसमें कई प्रकार की मांगें रखी जाएंगी. साथ ही किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है अगर जल्द उनकी सभी मांगें नहीं मानी गई तो 2023 में फिर से किसान आंदोलन किया जाएगा.

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Published : Dec 10, 2022, 6:33 PM IST

Updated : Dec 10, 2022, 7:51 PM IST

किसानों की महापंचायत कल, बोले- मांगें नहीं मानी तो 2023 में करेंगे 2020 वाला किसान आंदोलन

सोनीपत: 26 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए आंदोलन शुरू किया और करीब 1 साल से ज्यादा समय तक किसानों ने अपनी मांगों को लेकर हर मौसम में अपना आंदोलन जारी रखा. जिसके बाद सरकार भी किसानों के सामने झुकी और किसानों की सभी मांगों को मानते हुए तीनों कृषि कानूनो को रद्द कर दिया. इसके बाद सरकार के भरोसे पर 11 नवंबर 2021 को किसानों ने दिल्ली की सभी सीमाओं को खाली कर दिया.

किसान आंदोलन को स्थगित हुए 1 साल पूरा होने जा रहा है लेकिन मांगें पूरी नहीं होने पर एक बार फिर किसान आंदोलन की राह पर जाते दिखाई दे रहे हैं. राजीव गांधी एजूकेशन सिटी सोनीपत में एक बार फिर किसान एक महापंचायत (Mahapanchayat of farmers in Sonipat) करने जा रहे हैं. जिसमें हरियाणा-पंजाब के हजारों-लाखों किसान आएंगे. जिसको लेकर आज किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, अभिमन्यु सिंह कोहाड़, बलदेव सिंह सिरसा ने प्रेस कांफ्रेंस करके 11 दिसंबर के कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया.

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि कल का दिन हमारे लिए बड़ा दिन है. जो कि 1 साल पहले हम यहां से किसान मोर्चा जीत कर घर वापस आए थे. जिन किसानों ने इस किसान आंदोलन में अपनी जान गवाई उनके कारण इस किसान आंदोलन को हमने फतेह किया था. उन्होंने कहा कि पहले तो शहीद किसानों को हम यहां (kisan mahapanchayat in sonipat) पर श्रद्धांजलि देंगे और उसके बाद आगे के कार्यक्रमों की रुपरेखा तैयार की जाएगी.

उन्होंने कहा कि हम कल राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सरकार को सौंपेंगे. जिसमें हमारी मांगें होंगी एमएसपी गारंटी कानून (MSP Guarantee Act) दोबारा से बनवाना और सरकार ने किसान आंदोलन में किसानों की मदद करने वाले एनआरआई पर जो प्रतिबंध लगाए हैं उनको हटाना. इसके साथ ही कई अन्य मुद्दे भी हैं.

वहीं जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को जवाब दिया कि संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) को गैर राजनीतिक रखना हमारी जिम्मेवारी बनती है और इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं. इस मोर्चा में आज भी वह लोग शामिल हैं जो कि किसी भी राजनीतिक दल से संबंध नहीं रखते. उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले 2023 में दोबारा से किसान आंदोलन का आगाज होगा. उन्होंने कहा आज भी पंजाब के 17 से 18 जत्थेबंदिया हमारे साथ है.

वहीं किसान नेता अभिमन्यु सिंह कोहाड़ और बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि कल किसानों की महापंचायत राजीव गांधी एजूकेशन सिटी सोनीपत में आयोजित की जा रही है. दिल्ली जाने वाले लोगों को परेशान करना हमारा मकसद नहीं है. 2023 में कैसे हमारे आंदोलन की रणनीति रहेगी इस पर भी चर्चा होने जा रही है. सरकार द्वारा लखीमपुर खीरी में हमारे साथ वादाखिलाफी हो रही है जिसको लेकर हम किसानों से चर्चा करेंगे.

ये भी पढ़ें- हरियाणा BJP में बिश्नोई परिवार का दर्जा बढ़ा, परिवार सहित संगठन में शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई

सरकार किसानों को उसकी जमीन से बेदखल करने में जुटी है हम सरकार से कहना चाहते हैं कि अगर सरकार को किसी विकास कार्यों के तहत भूमि अधिग्रहण करना है तो वह भूमि अधिग्रहण 2013 के तहत करना चाहिए. किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि एमएसपी गारंटी कानून (MSP Guarantee Act) बिजली संशोधन बिल दिल्ली के केस वापस लेने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय उर्फ टेनी को पद से हटाने जैसे मुद्दों पर कल हम हम चर्चा करने जा रहे हैं. साथ ही हम सरकार को बताना चाहते हैं कि अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो 2023 में 2020 वाला आंदोलन हम दोबारा से खड़ा कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- गेहूं की फसल में सुंडी का प्रकोप, किसान ऐसे कर सकते हैं रोकथाम

किसानों की महापंचायत कल, बोले- मांगें नहीं मानी तो 2023 में करेंगे 2020 वाला किसान आंदोलन

सोनीपत: 26 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए आंदोलन शुरू किया और करीब 1 साल से ज्यादा समय तक किसानों ने अपनी मांगों को लेकर हर मौसम में अपना आंदोलन जारी रखा. जिसके बाद सरकार भी किसानों के सामने झुकी और किसानों की सभी मांगों को मानते हुए तीनों कृषि कानूनो को रद्द कर दिया. इसके बाद सरकार के भरोसे पर 11 नवंबर 2021 को किसानों ने दिल्ली की सभी सीमाओं को खाली कर दिया.

किसान आंदोलन को स्थगित हुए 1 साल पूरा होने जा रहा है लेकिन मांगें पूरी नहीं होने पर एक बार फिर किसान आंदोलन की राह पर जाते दिखाई दे रहे हैं. राजीव गांधी एजूकेशन सिटी सोनीपत में एक बार फिर किसान एक महापंचायत (Mahapanchayat of farmers in Sonipat) करने जा रहे हैं. जिसमें हरियाणा-पंजाब के हजारों-लाखों किसान आएंगे. जिसको लेकर आज किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, अभिमन्यु सिंह कोहाड़, बलदेव सिंह सिरसा ने प्रेस कांफ्रेंस करके 11 दिसंबर के कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया.

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि कल का दिन हमारे लिए बड़ा दिन है. जो कि 1 साल पहले हम यहां से किसान मोर्चा जीत कर घर वापस आए थे. जिन किसानों ने इस किसान आंदोलन में अपनी जान गवाई उनके कारण इस किसान आंदोलन को हमने फतेह किया था. उन्होंने कहा कि पहले तो शहीद किसानों को हम यहां (kisan mahapanchayat in sonipat) पर श्रद्धांजलि देंगे और उसके बाद आगे के कार्यक्रमों की रुपरेखा तैयार की जाएगी.

उन्होंने कहा कि हम कल राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सरकार को सौंपेंगे. जिसमें हमारी मांगें होंगी एमएसपी गारंटी कानून (MSP Guarantee Act) दोबारा से बनवाना और सरकार ने किसान आंदोलन में किसानों की मदद करने वाले एनआरआई पर जो प्रतिबंध लगाए हैं उनको हटाना. इसके साथ ही कई अन्य मुद्दे भी हैं.

वहीं जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को जवाब दिया कि संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) को गैर राजनीतिक रखना हमारी जिम्मेवारी बनती है और इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं. इस मोर्चा में आज भी वह लोग शामिल हैं जो कि किसी भी राजनीतिक दल से संबंध नहीं रखते. उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले 2023 में दोबारा से किसान आंदोलन का आगाज होगा. उन्होंने कहा आज भी पंजाब के 17 से 18 जत्थेबंदिया हमारे साथ है.

वहीं किसान नेता अभिमन्यु सिंह कोहाड़ और बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि कल किसानों की महापंचायत राजीव गांधी एजूकेशन सिटी सोनीपत में आयोजित की जा रही है. दिल्ली जाने वाले लोगों को परेशान करना हमारा मकसद नहीं है. 2023 में कैसे हमारे आंदोलन की रणनीति रहेगी इस पर भी चर्चा होने जा रही है. सरकार द्वारा लखीमपुर खीरी में हमारे साथ वादाखिलाफी हो रही है जिसको लेकर हम किसानों से चर्चा करेंगे.

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सरकार किसानों को उसकी जमीन से बेदखल करने में जुटी है हम सरकार से कहना चाहते हैं कि अगर सरकार को किसी विकास कार्यों के तहत भूमि अधिग्रहण करना है तो वह भूमि अधिग्रहण 2013 के तहत करना चाहिए. किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि एमएसपी गारंटी कानून (MSP Guarantee Act) बिजली संशोधन बिल दिल्ली के केस वापस लेने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय उर्फ टेनी को पद से हटाने जैसे मुद्दों पर कल हम हम चर्चा करने जा रहे हैं. साथ ही हम सरकार को बताना चाहते हैं कि अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो 2023 में 2020 वाला आंदोलन हम दोबारा से खड़ा कर सकते हैं.

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Last Updated : Dec 10, 2022, 7:51 PM IST
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