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शराब घोटाला: गुजरात पुलिस आरोपी भूपेंद्र से पूछेगी हरियाणा पुलिस के सवाल

सोनीपत के खरखौदा में शराब घोटाले के मामले में गुजरात पुलिस मुख्य आरोपी भूपेंद्र को पूछताछ और रिमांड के लिए लेकर गई है. ऐसे में एसईटी और सोनीपत पुलिस के सवालों के जवाब भी गुजरात पुलिस के माध्यम से पूछे जाएंगे.

liquor scam case sonipat kharkhoda
liquor scam case sonipat kharkhoda
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Published : Jun 18, 2020, 10:45 AM IST

सोनीपत: खरखौदा शराब तस्करी के मामला सवालों की गुत्थी में उलझता जा रहा है. इस गुत्थी को सुलाझाया जा सके इसके लिए गुजरात पुलिस मुख्य आरोपी भूपेंद्र को पूछताछ और रिमांड के लिए लेकर गई है. ऐसे में एसईटी और सोनीपत पुलिस के सवालों के जवाब भी गुजरात पुलिस के माध्यम से पूछे जाएंगे.

सोनीपत पुलिस अधिकारियों ने कुछ महत्वपूर्ण सवालों की सूची तैयार कर गुजरात पुलिस को भेज दी है. एसईटी की रिमांड के दौरान भूपेंद्र की तबीयत खराब हो गई थी. जिसकी वजह से जरूरी पूछताछ नहीं हो पाई थी. अब गुजरात पुलिस आरोपी भूपेंद्र से पूछताछ करेगी.

खरखौदा शराब तस्करी का मामला कोई सामान्य नहीं है. ये शराब की ऐसी तस्करी है, जिसने पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है. हरियाणा के साथ ही पंजाब का तंत्र भी तस्करी के मामले में घिर गया है. दूसरे राज्यों की डिस्टलरी में सस्ती शराब को महंगे ब्रांड और कई राज्यों में सप्लाई की पैकिग में तैयार कराना आसान नहीं है. कई अधिकारियों का मानना है कि अकेले भूपेंद्र के लिए ये सब करना आसान नहीं था.

पुलिस ने इस घोटाले में कई और बड़े लोगों के शामिल होने की आशंका जताई है. इसकी पूछताछ के लिए एसईटी ने भूपेंद्र को चार दिन की रिमांड पर लिया था. इसी दौरान भूपेंद्र बीमार हो गया था. पुलिस ने उसको पीजीआइ रोहतक में भर्ती कराया. पीजीआइ से भूपेंद्र सीधे जेल चला गया. अब भूपेंद्र को गुजरात पुलिस रिमांड पर लेकर गई है.

सोनीपत पुलिस के गुजरात पुलिस को दिए गए सवाल:

1. पंजाब से शराब तस्करी का धंधा कब से चल रहा था?

2. शराब का ब्रांड और सर्किल बदलने का काम डिस्टलरी में होता था या गोदाम में?

3. बिना लेबल की शराब पर लगाने के लिए रैपर कहां पर प्रिट कराते थे?

4. शराब के ब्रांड की असली खाली बोतल कहां से मंगवाते थे?

5. क्या डिस्टलरी में ही लेबल और पैकिंग चेंज कराई जाती थी?

6. शराब तस्करी में शामिल पंजाब के विधायक की भूमिका क्या थी?

7. बिना टैक्स चुकाए डिस्टलरी से शराब निकलवाने का मध्यस्थ कौन था?

8. शराब तस्करी में जसबीर की हिस्सेदारी कितनी थी?

9. पुलिस-प्रशासन के किन वरिष्ठ अधिकारियों को शुकराना जाता था?

10. आबकारी विभाग के अधिकारियों की भूमिका क्या रहती थी?

11. एक साथ कई राज्यों में तस्करी के खेल को संचालित कराने में कौन-कौन शामिल थे?

ये भी पढ़ें- गृह मंत्री शाह के निवास पर तैनात सुरक्षाकर्मी से कार लूट मामले में एक गिरफ्तार

अगर गुजरात पुलिस से भी जरूरी सवालों के उत्तर नहीं मिल पाते हैं तो एसईटी के पास कई रास्ते हैं. पुलिस के अनुसार अभी भूपेंद्र को राजस्थान, बिहार, दिल्ली, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कानपुर और मुरादाबाद आदि की पुलिस रिमांड पर ले जा सकती है. वहां पर भूपेंद्र ने शराब की तस्करी की थी. ऐसे कई मामलों में भूपेंद्र नामजद है तो कई अन्य अनसुलझे मामलों में उससे पूछताछ हो सकती है.

सोनीपत: खरखौदा शराब तस्करी के मामला सवालों की गुत्थी में उलझता जा रहा है. इस गुत्थी को सुलाझाया जा सके इसके लिए गुजरात पुलिस मुख्य आरोपी भूपेंद्र को पूछताछ और रिमांड के लिए लेकर गई है. ऐसे में एसईटी और सोनीपत पुलिस के सवालों के जवाब भी गुजरात पुलिस के माध्यम से पूछे जाएंगे.

सोनीपत पुलिस अधिकारियों ने कुछ महत्वपूर्ण सवालों की सूची तैयार कर गुजरात पुलिस को भेज दी है. एसईटी की रिमांड के दौरान भूपेंद्र की तबीयत खराब हो गई थी. जिसकी वजह से जरूरी पूछताछ नहीं हो पाई थी. अब गुजरात पुलिस आरोपी भूपेंद्र से पूछताछ करेगी.

खरखौदा शराब तस्करी का मामला कोई सामान्य नहीं है. ये शराब की ऐसी तस्करी है, जिसने पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है. हरियाणा के साथ ही पंजाब का तंत्र भी तस्करी के मामले में घिर गया है. दूसरे राज्यों की डिस्टलरी में सस्ती शराब को महंगे ब्रांड और कई राज्यों में सप्लाई की पैकिग में तैयार कराना आसान नहीं है. कई अधिकारियों का मानना है कि अकेले भूपेंद्र के लिए ये सब करना आसान नहीं था.

पुलिस ने इस घोटाले में कई और बड़े लोगों के शामिल होने की आशंका जताई है. इसकी पूछताछ के लिए एसईटी ने भूपेंद्र को चार दिन की रिमांड पर लिया था. इसी दौरान भूपेंद्र बीमार हो गया था. पुलिस ने उसको पीजीआइ रोहतक में भर्ती कराया. पीजीआइ से भूपेंद्र सीधे जेल चला गया. अब भूपेंद्र को गुजरात पुलिस रिमांड पर लेकर गई है.

सोनीपत पुलिस के गुजरात पुलिस को दिए गए सवाल:

1. पंजाब से शराब तस्करी का धंधा कब से चल रहा था?

2. शराब का ब्रांड और सर्किल बदलने का काम डिस्टलरी में होता था या गोदाम में?

3. बिना लेबल की शराब पर लगाने के लिए रैपर कहां पर प्रिट कराते थे?

4. शराब के ब्रांड की असली खाली बोतल कहां से मंगवाते थे?

5. क्या डिस्टलरी में ही लेबल और पैकिंग चेंज कराई जाती थी?

6. शराब तस्करी में शामिल पंजाब के विधायक की भूमिका क्या थी?

7. बिना टैक्स चुकाए डिस्टलरी से शराब निकलवाने का मध्यस्थ कौन था?

8. शराब तस्करी में जसबीर की हिस्सेदारी कितनी थी?

9. पुलिस-प्रशासन के किन वरिष्ठ अधिकारियों को शुकराना जाता था?

10. आबकारी विभाग के अधिकारियों की भूमिका क्या रहती थी?

11. एक साथ कई राज्यों में तस्करी के खेल को संचालित कराने में कौन-कौन शामिल थे?

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अगर गुजरात पुलिस से भी जरूरी सवालों के उत्तर नहीं मिल पाते हैं तो एसईटी के पास कई रास्ते हैं. पुलिस के अनुसार अभी भूपेंद्र को राजस्थान, बिहार, दिल्ली, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कानपुर और मुरादाबाद आदि की पुलिस रिमांड पर ले जा सकती है. वहां पर भूपेंद्र ने शराब की तस्करी की थी. ऐसे कई मामलों में भूपेंद्र नामजद है तो कई अन्य अनसुलझे मामलों में उससे पूछताछ हो सकती है.

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