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दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय में भारतीय जीवन शैली पर व्याख्यान का आयोजन - दीनबंधु छोटूराम विश्विद्यालय सोनीपत

दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भारतीय जीवन शैली पर व्याख्यान आयोजित किया गया. जिसमें आरएसएस के प्रांत कार्यवाह सुभाष आहुजा ने शिरकत की.

lecture organised on indian lifestyle at dcrust sonipat
DCRUST में भारतीय जीवन शैली पर व्याख्यान का आयोजन
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Published : Sep 14, 2020, 2:23 PM IST

Updated : Sep 14, 2020, 3:19 PM IST

सोनीपत: आरएसएस के प्रांत कार्यवाह सुभाष आहुजा ने कहा कि भारतीय जीवन शैली को अपनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करके हम चीन की आर्थिक तौर पर कमर तोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय खानपान से हमारे अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

बता दें कि दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 12 हरियाणा एनसीसी बटालियन सोनीपत की ओर से भारतीय जीवन शैली पर व्याख्यान आयोजित किया गया.जिसमें आरएसएस के प्रांत कार्यवाह सुभाष आहुजा ने शिरकत की.

इस दौरान एनसीसी कैडेट को संबोधित करते हुए सुभाष आहुजा ने कहा कि भारतीय संस्कृति और जीवन शैली में मानव कल्याण की भावना है. हमें प्रकृति का शोषण नहीं बल्कि सहयोग करना चाहिए. यही हमें भारतीय जीवन शैली सीखाती है.

उन्होंने कहा कि हमारी दैनिक अवाश्यक्ताओं की पूर्ति करने वाली गाय और गंगा को हमारी संस्कृति में मां का दर्जा दिया गया है. गाय आधारित कृषि , ग्राम आधारित उद्योग और भारतीय जीवन शैली के माध्यम से हम देश को आत्मनिर्भर बना सकते हैं.

ये भी पढ़िए: रविवार को मिले 2526 नए केस, कुल मरीजों का आंकड़ा 93 हजार पार

आरएसएस के प्रांत कार्यवाह आहुजा ने कहा कि एक हजार ई.पूर्व तक हमारे देश का विश्व की जीडीपी में 32 प्रतिशत हिस्सा था, जो 1500 ई. तक 29 प्रतिशत रह गया. 1700 ई. तक देश का विश्व की जीडीपी में 19 प्रतिशत, 1800 ई. तक 12 प्रतिशत था.

विश्व की जीडीपी में देश का हिस्सा ज्यादा होने के कारण भारतीय जीवन शैली थी. उस समय देश में कोई भी बेरोजगार नहीं था. उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में गांव-गांव में प्रत्येक घर में कुटीर उद्योग चल रहे थे. अंग्रेजों के आने से पहले देश आत्मनिर्भर था. भारत विश्व गुरु कहलाता था.

सोनीपत: आरएसएस के प्रांत कार्यवाह सुभाष आहुजा ने कहा कि भारतीय जीवन शैली को अपनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करके हम चीन की आर्थिक तौर पर कमर तोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय खानपान से हमारे अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

बता दें कि दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 12 हरियाणा एनसीसी बटालियन सोनीपत की ओर से भारतीय जीवन शैली पर व्याख्यान आयोजित किया गया.जिसमें आरएसएस के प्रांत कार्यवाह सुभाष आहुजा ने शिरकत की.

इस दौरान एनसीसी कैडेट को संबोधित करते हुए सुभाष आहुजा ने कहा कि भारतीय संस्कृति और जीवन शैली में मानव कल्याण की भावना है. हमें प्रकृति का शोषण नहीं बल्कि सहयोग करना चाहिए. यही हमें भारतीय जीवन शैली सीखाती है.

उन्होंने कहा कि हमारी दैनिक अवाश्यक्ताओं की पूर्ति करने वाली गाय और गंगा को हमारी संस्कृति में मां का दर्जा दिया गया है. गाय आधारित कृषि , ग्राम आधारित उद्योग और भारतीय जीवन शैली के माध्यम से हम देश को आत्मनिर्भर बना सकते हैं.

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आरएसएस के प्रांत कार्यवाह आहुजा ने कहा कि एक हजार ई.पूर्व तक हमारे देश का विश्व की जीडीपी में 32 प्रतिशत हिस्सा था, जो 1500 ई. तक 29 प्रतिशत रह गया. 1700 ई. तक देश का विश्व की जीडीपी में 19 प्रतिशत, 1800 ई. तक 12 प्रतिशत था.

विश्व की जीडीपी में देश का हिस्सा ज्यादा होने के कारण भारतीय जीवन शैली थी. उस समय देश में कोई भी बेरोजगार नहीं था. उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में गांव-गांव में प्रत्येक घर में कुटीर उद्योग चल रहे थे. अंग्रेजों के आने से पहले देश आत्मनिर्भर था. भारत विश्व गुरु कहलाता था.

Last Updated : Sep 14, 2020, 3:19 PM IST
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