सोनीपत: तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब दो महीनों से किसान दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं. 26 नवंबर से किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. सरकार इन कानूनों को 18 महीनों तक के लिए रोकने पर सहमत हो गई है, लेकिन किसान कानून को रद्द करने के अलावा और कुछ भी नहीं चाहते हैं.
किसानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड पर दिल्ली के रिंग रोड में विशाल ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की है. जिसके चलते दिल्ली से लगती सीमाओं पर भारी मात्रा में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ पहुंच रहे हैं.
कुंडली मानेसर एक्सप्रेस-वे पर किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है. भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर कुंडली मानेसर एक्सप्रेस-वे पर पहूुंच रहे हैं ताकि वो 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड में हिस्सा ले सकें. किसान 15 से 18 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से ज्यादा ट्रैक्टर की स्पीड नही रख पाएंगे.
किसान नेताओं ने कहा कि हम शांतिपूर्वक रैली करना चाहते हैं. ट्रैक्टर रैली पूरी तरह से शांतिपूर्वक और अनुशासित तरीके से की जाएगी. हम लोग धीरे धीरे जाएंगे, रैली के साथ एंबुलेंस होगी और ये बॉर्डर के साथ रूट पर चलेगी. वहीं जसबीर सिंह गिल ने कहा सरकार की अगली बैठक की तारीख तय करने की जो जिम्मेदारी है, सरकार उससे भाग नहीं सकती है. इस सरकार की एक परेशानी है कि जब भी इनकी नाकामी सामने आती है तो ये अपना दोष किसी और पर डाल देते हैं. सरकार को 26 जनवरी को इन क़ानूनों को रद्द करने का ऐलान करना चाहिए