सोनीपत: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की ओर से राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर सोनीपत में भी देखने को मिला. आईएमए डॉक्टर्स के हड़ताल पर रहने की वजह से सभी गैर-आपातकालीन और गैर-कोविड मेडिकल सेवाएं ठप रही.
सोनीपत में हड़ताल पर गए डॉक्टर्स ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. डॉक्टर्स ने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने आयुर्वेद के डॉक्टर्स से सर्जरी कराने का फैसला लिया है वो बिल्कुल गलत है, क्योंकि एक एमबीबीएस डॉक्टर को सर्जरी करने में 12 साल लग जाते हैं और सरकार आयुर्वेद के डॉक्टर को सिर्फ 6 महीने की ट्रेनिंग देने के बाद ही इस तरह की छूट दे रही है, जो कि मरीजों के साथ गलत होगा और हम सरकार के इस फैसले का विरोध करते हैं.
डॉक्टर्स ने कहा कि एक सर्जरी करने में बेहोशी से लेकर एंटीबायोटिक दवाई दी जाती है. अगर आयुर्वेद के डॉक्टर इस तरह की सर्जरी करने लगेंगे तो वो आयुर्वेद नहीं रह जाएगा और इसमें एमबीबीएस और आयुर्वेद एक ही हो जाएंगे और हम इस का पुरजोर विरोध करते हैं.
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दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हड़ताल का ऐलान सरकार के एक फैसले के विरोध में किया है. भारत सरकार ने आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी करने की इजाजत दी है, लेकिन वहीं आईएमए सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है. आईएमए ने कहा कि सभी तरह की चिकित्सा पद्धतियों के बीच में एक अंतर यानी लक्ष्मण रेखा होनी जरूरी है.