सोनीपत: बहुचर्चित खरखौदा शराब घोटाले और तस्करी के मुख्य आरोपी भूपेंद्र, उसके भाई जितेंद्र सहित तीन आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका पर सेशन न्यायालय ने शुक्रवार को निर्णय नहीं दिया. इस के लिए 26 जून की तारीख तय की गई है. इसके साथ ही कोर्ट ने अग्रिम जमानत लगाने वालों को जांच में सहयोग करने की भी हिदायत दी है.
बता दें कि खरखौदा शराब घोटाले का मुख्य आरोपी भूपेंद्र अभी गुजरात पुलिस की रिमांड पर है. उसने न्यायालय में जमानत के लिए याचिका लगाई है. जिसपर सेशन कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. सत्र न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद इस मामले में 26 जून की तारीख निर्धारित की है.
वहीं भूपेंद्र का भाई जितेंद्र भी शराब घोटाले और तस्करी में सह आरोपी है. वो रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहा है. उसकी ओर से भी न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाई गई थी. उसकी याचिका पर भी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 26 जून की तारीख लगा दी है. वहीं आबकारी विभाग के पूर्व अनुबंधित कर्मचारी और शराब घोटाले में नामजद सुनील कुमार ने भी अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी. जिसपर भी 26 जून को ही कोर्ट फैसला लेगी.
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गौरतलब है कि खरखौदा शराब तस्करी, चोरी और भ्रष्टाचार के मामले में कई सवालों से पर्दा उठाने के लिए एसआईटी गुजरात पुलिस की मदद ले रही है. गुजरात पुलिस मुख्य आरोपी भूपेंद्र को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. इससे पहले एसआईटी रिमांड के दौरान भूपेंद्र के बीमार हो जाने के चलते पूरी तरह पूछताछ नहीं कर पाई थी. वहीं भूपेंद्र की ओर से कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की गई है. जिसपर कोर्ट 26 जून को फैसला लेगी.
जानिए क्या है मामला:
सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र खरखौदा थाने में सरेंडर कर चुका है. जिसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है.