सोनीपत: सरकार लगतार सरकारी स्कूलों और स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. उसके बावजूद प्रदेश के सरकारी स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र केवल सफेद हाथी बन कर रह गए हैं. कर्मचारियों का अपने काम के प्रति लापरवाह होना और गैर जिम्मेदार होना भी इसकी बड़ी वजह है.
गोहाना में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां एसडीएम के द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के दौरान स्कूल टाइम में अध्यापक आराम फरमाते मिले. एसडीएम ने ऐसी लापरवाही को लेकर अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
गोहाना एसडीएम ने साथ ही लाठ और बिधल गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र पर भी अचानक दौरा किया गया, जहां लाठ गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र में दो स्वास्थ्य कर्मचारियों को अनुपस्थित पाया गया. साथ ही हाजिरी रजिस्टर में भी उपस्थित और अनुपस्थित का रिकॉर्ड नहीं मिला. वही बिधल गांव में लेब अटेंडेंट भी गायब मिला, जिसके चलते एक एएमओ व विभाग के एक कर्मचारी और बिधल गांव के लैब अटेंडेंट के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के फरमान जारी कर दिए हैं.
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प्रदेश के सरकारी स्कूलों में टीचर कहीं गप्पे हांकते मिलते हैं तो कहीं आराम फरमाते दिखाई देते हैं. स्कूल में अध्यापक कक्षा के समय मे क्लास में बच्चों को पढ़ाने की बजाए कमरों के बाहर धूप के आनंद लेते दिखाई दिए. लेकिन अधयापकों को क्लास टाइम में धूप सेंकना उस वक्त महंगा पड़ गया, जब लाठ गांव के सरकारी स्कूल पर अचानक गोहाना के एसडीएम औचक निरीक्षण के लिए पहुंच गए.
अधिकारी ने स्कूल टाइम टेबल चेक किया तो आराम फरमा रहे अध्यापकों की क्लास में ड्यूटी दर्शायी गयी थी. लेकिन जनाब आराम फरमा रहे थे. एसडीएम ने मौके पर ही प्रिंसिपल को बुलाकर अध्यापकों की अनुपस्थिति लगाने के आदेश दिए और क्लास में नियमित न होने की सूरत में विभागीय कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए.
गोहाना एसडीएम ने जानकारी देते हुए कहा कि आज गोहाना के कई गांवों के सरकारी स्कूलों और उपस्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण किया, जहां पर मौके पर क्लास टाइम में अधयापक धूप सेंकते मिले और साथ ही उपस्वास्थ्य केंद्रों पर कई कर्मचारी गैरहाजिर मिले हैं, सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
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