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सिंघु बॉर्डर: किसानों के धरने पर फॉगिंग मशीन से डेंगू के प्रभाव को किया जा रहा कम

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Published : Dec 11, 2020, 3:27 PM IST

सिंघु बॉर्डर पर किसान फॉगिंग मशीन से मच्छरों के प्रकोप को कम करने में जुट गए हैं. किसानों की संख्या इतनी है कि डेंगू का खतरा भी बढ़ गया है. जिसे कम करने के लिए फॉगिंग मशीन से फॉगिंग की जा रही है.

singhu border farmers protest
singhu border farmers protest

सोनीपत: सिंघु बॉर्डर पर बीते 16 दिनों से किसानों का धरना जारी है. किसानों को मच्छर के प्रकोप से बचाने के लिए अब फॉगिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. फॉगिंग मशीन भी किसान खुद लेकर पहुंच रहे हैं. फॉगिंग मशीन से सभी ट्रैक्टर-ट्रालियों में फॉगिंग की जा रही है, ताकि किसानों को मच्छरों से बचाया जा सके.

फॉगिंग मशीन से डेंगू के प्रभाव को किया जा रहा कम, देखें वीडियो

बता दें, सिंघु बॉर्डर से बीते कई दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों का साफ कहना है कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक उनका धरना ऐसे ही जारी रहेगा.

ये भी पढे़ं- किसान आंदोलन में पंजाब से पहुंचे वैध, मुफ्त में कर रहे इलाज

9 अक्टूबर को सरकार की ओर से किसानों को कानूनों मे संशोधन का प्रस्ताव भी भेजा गया था. लेकिन किसानों ने एक मत से प्रस्ताव तो ठुकरा दिया. किसान नेताओं ने कहा कि इन कानूनों में संशोधन से काम नहीं चलेगा. अगर सरकार आंदोलन को समाप्त करवाना चाहती है तो कानूनों को रद्द करना ही एकमात्र विकल्प है.

सोनीपत: सिंघु बॉर्डर पर बीते 16 दिनों से किसानों का धरना जारी है. किसानों को मच्छर के प्रकोप से बचाने के लिए अब फॉगिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. फॉगिंग मशीन भी किसान खुद लेकर पहुंच रहे हैं. फॉगिंग मशीन से सभी ट्रैक्टर-ट्रालियों में फॉगिंग की जा रही है, ताकि किसानों को मच्छरों से बचाया जा सके.

फॉगिंग मशीन से डेंगू के प्रभाव को किया जा रहा कम, देखें वीडियो

बता दें, सिंघु बॉर्डर से बीते कई दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों का साफ कहना है कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक उनका धरना ऐसे ही जारी रहेगा.

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9 अक्टूबर को सरकार की ओर से किसानों को कानूनों मे संशोधन का प्रस्ताव भी भेजा गया था. लेकिन किसानों ने एक मत से प्रस्ताव तो ठुकरा दिया. किसान नेताओं ने कहा कि इन कानूनों में संशोधन से काम नहीं चलेगा. अगर सरकार आंदोलन को समाप्त करवाना चाहती है तो कानूनों को रद्द करना ही एकमात्र विकल्प है.

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