सोनीपत: सोनीपत की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Additional District and Sessions Judge of Sonipat) डॉक्टर शैलेंद्र सिंह की अदालत ने इज्जत के नाम पर बेटी की हत्या करने के मामले में सुनवाई करते हुए दोषी पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई है. दोषी पर 35 हजार रुपये जुर्माना भी किया गया है. जुर्माना न देने पर 15 माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी. मामले में गवाह दोषी की पत्नी के गवाही से मुकरने के बावजूद अदालत ने सुबूतों के आधार पर पिता को दोषी करार दिया.
कुंडली थाना पुलिस को 3 अगस्त, 2019 को सूचना मिली थी कि गांव दहिसरा की रहने वाली शिवानी (19) की हत्या कर दी गई है और यमुना तट पर उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा है. जिस पर पुलिस टीम यमुना किनारे पहुंची तो परिजन शिवानी के शव का अंतिम संस्कार कर उसके अवशेष यमुना में प्रवाहित कर चुके थे. पुलिस ने मौके से कुछ सबूत जुटाए थे और युवती के पिता संतराम को हिरासत में ले लिया था.
पुलिस ने संतराम की पत्नी शशि से पूछताछ की तो उसने बताया था कि उसके पति ने तड़के करीब चार बजे बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी है. उसने बताया था कि वह जमीन पर सो रही थी और उसकी बेटी बेड पर थी. तड़के उसकी आंख खुली तो देखा कि उसका पति बेटी शिवानी का गला दबा रहा था. उसने रोका तो उसके पति ने कहा था कि इसने बेइज्जती करा दी है. जिसके चलते उसकी हत्या कर दी है.
बाद में उसने सुबह साढ़े छह बजे ग्रामीणों को बताया था कि बेटी की हृदय गति रुकने से मौत हो गई है. वह ग्रामीणों के साथ उसका अंतिम संस्कार करने चला गया था. पुलिस ने शिवानी की मां शशि के बयान पर पति संतराम के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया था. बताया गया था कि युवती दो साल पहले घर से भी चली गई थी. पुलिस ने मामले में आरोपी पिता संतराम को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था.
आरोपी ने पुलिस को बताया था कि उसकी बेटी उनकी मर्जी से शादी भी नहीं कर रही थी. मामले की सुनवाई के बाद एएसजे डॉ. शैलेंद्र सिंह की कोर्ट ने संतराम को दोषी करार दिया है. शुक्रवार को अदालत ने दोषी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में उम्रकैद व 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. वहीं धारा 201 में भी दोषी करार देकर 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना न देने पर 15 महीने अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी.