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यूट्यूब से सीखी खेती की तकनीक और अब बिना मिट्टी उगा रहा सब्जी

हाइड्रोपोनिक तकनीक से होने वाली खेती में मिट्टी का कोई इस्तेमाल नहीं है. क्योंकि खेती जमीन से अलग होती है. खेती सिर्फ पानी के सहारे ही होती है, लेकिन इस खेती में पानी भी बहुत कम मात्रा में उपयोग किया जाता है. जिससे पानी की बचत भी होती है.

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Published : Jan 12, 2020, 7:48 PM IST

Updated : Jan 12, 2020, 9:07 PM IST

growing vegetable without soil
growing vegetable without soil

सोनीपतः गोहाना के रहने वाले एक युवा किसान सुनील हाइड्रोपोनिक खेती कर किसानों को खेती का एक नया तरीका सीखा रहा है. युवा किसान सुनील कुमार ने यूट्यूब से हाइड्रोपोनिक खेती सीखी और अपने घर की छत पर ही इसकी शुरुआत कर दी. सुनील कुमार अपने घर के छत पर ही पाइपों और प्लास्टिक के डिब्बों के सहारे खेती कर रहे हैं. सुनील कुमार ने अपने घर के छत पर ही फूल गोभी, पालक जैसी सब्जियों के साथ-साथ फूल भी उगा रहे हैं.

पूरी तरह ऑर्गेनिक होती हैं उगाई गई सब्जियां
सुनील कुमार का कहना है कि इस तरह की खेती करने में सब्जियों में किसी तरह के कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. जिसके चलते सब्जियां किसी भी तरह के दूषित नहीं होती है. जमीन में बीमारी बहुत ज्यादा होती हैं, जिसके चलते मौजूदा वक्त में सब्जियों में किसान काफी मात्रा में कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं. जिससे सब्जियां कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए भी जिम्मेदार हो रही है. लेकिन इस खेती से सब्जियों में कोई बीमारी नहीं होती और सभी की सभी सब्जियां ऑर्गेनिक होती हैं.

यूट्यूब से सीखी खेती की तकनीक और अब बिना मिट्टी उगा रहा सब्जी, देखें वीडियो.

ये भी पढ़ेंः- हिसार:गौ अभ्यारण में ठंड से एक साथ 14 गायों की मौत, एक गाय की पेट से निकला 20 किलोग्राम पॉलीथिन

पानी के सहारे खेती, फिर भी पानी की बचत
हाइड्रोपोनिक तकनीक से होने वाली खेती में मिट्टी का कोई इस्तेमाल नहीं है. क्योंकि खेती जमीन से अलग होती है. खेती सिर्फ पानी के सहारे ही होती है, लेकिन इस खेती में पानी भी बहुत कम मात्रा में उपयोग किया जाता है. जिससे पानी की बचत भी होती है.

पौधों को लिक्विड फॉर्म में दिए जाते हैं पोषक तत्व
सुनील कुमार ने बताया कि मिट्टी में पौधे जो 16 पोषक तत्व प्राप्त करके हैं. लेकिन हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती में पौधा तीन पोषक तत्व सूर्य की रोशनी और वायुमंडल से प्राप्त करता है और जो 13 पोषक तत्व होते हैं, जिसमें मैग्निशियम, सल्फेट, कॉर्बन, पोटैशियम, मोनो अमोनियम, कॉपर, जिंक, सिल्वर है, ऐसे 13 पोषक तत्वों के लिक्विड को वो पौधे के लिए लगाए गए पानी के टैंक में डालते हैं और टैंक का पानी पौधे के जड़ों तक घुमकर फिर टैंक के अंदर आता है. जिससे पानी की भी बचत होती है. पानी का केवल 10 प्रतिशत ही पौधों को उगाने के लिए इस्तेमाल होता है.

आसपास के इलाके में सुनील कुमार की खेती की चर्चा हो रही है और रोजाना आसपास के किसान आकर यहां इस तकनीक के बारे में सीख रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः- बच्चे के इलाज के लिए मिन्नत करने पर थप्पड़ मारने वाला डॉक्टर सस्पेंड, विज ने दिए कार्रवाई के आदेश

सोनीपतः गोहाना के रहने वाले एक युवा किसान सुनील हाइड्रोपोनिक खेती कर किसानों को खेती का एक नया तरीका सीखा रहा है. युवा किसान सुनील कुमार ने यूट्यूब से हाइड्रोपोनिक खेती सीखी और अपने घर की छत पर ही इसकी शुरुआत कर दी. सुनील कुमार अपने घर के छत पर ही पाइपों और प्लास्टिक के डिब्बों के सहारे खेती कर रहे हैं. सुनील कुमार ने अपने घर के छत पर ही फूल गोभी, पालक जैसी सब्जियों के साथ-साथ फूल भी उगा रहे हैं.

पूरी तरह ऑर्गेनिक होती हैं उगाई गई सब्जियां
सुनील कुमार का कहना है कि इस तरह की खेती करने में सब्जियों में किसी तरह के कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. जिसके चलते सब्जियां किसी भी तरह के दूषित नहीं होती है. जमीन में बीमारी बहुत ज्यादा होती हैं, जिसके चलते मौजूदा वक्त में सब्जियों में किसान काफी मात्रा में कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं. जिससे सब्जियां कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए भी जिम्मेदार हो रही है. लेकिन इस खेती से सब्जियों में कोई बीमारी नहीं होती और सभी की सभी सब्जियां ऑर्गेनिक होती हैं.

यूट्यूब से सीखी खेती की तकनीक और अब बिना मिट्टी उगा रहा सब्जी, देखें वीडियो.

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पानी के सहारे खेती, फिर भी पानी की बचत
हाइड्रोपोनिक तकनीक से होने वाली खेती में मिट्टी का कोई इस्तेमाल नहीं है. क्योंकि खेती जमीन से अलग होती है. खेती सिर्फ पानी के सहारे ही होती है, लेकिन इस खेती में पानी भी बहुत कम मात्रा में उपयोग किया जाता है. जिससे पानी की बचत भी होती है.

पौधों को लिक्विड फॉर्म में दिए जाते हैं पोषक तत्व
सुनील कुमार ने बताया कि मिट्टी में पौधे जो 16 पोषक तत्व प्राप्त करके हैं. लेकिन हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती में पौधा तीन पोषक तत्व सूर्य की रोशनी और वायुमंडल से प्राप्त करता है और जो 13 पोषक तत्व होते हैं, जिसमें मैग्निशियम, सल्फेट, कॉर्बन, पोटैशियम, मोनो अमोनियम, कॉपर, जिंक, सिल्वर है, ऐसे 13 पोषक तत्वों के लिक्विड को वो पौधे के लिए लगाए गए पानी के टैंक में डालते हैं और टैंक का पानी पौधे के जड़ों तक घुमकर फिर टैंक के अंदर आता है. जिससे पानी की भी बचत होती है. पानी का केवल 10 प्रतिशत ही पौधों को उगाने के लिए इस्तेमाल होता है.

आसपास के इलाके में सुनील कुमार की खेती की चर्चा हो रही है और रोजाना आसपास के किसान आकर यहां इस तकनीक के बारे में सीख रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः- बच्चे के इलाज के लिए मिन्नत करने पर थप्पड़ मारने वाला डॉक्टर सस्पेंड, विज ने दिए कार्रवाई के आदेश

Intro:किसानों के लिए अच्छी खबर

खेती नहीं है घाटे का सौदा तकनीक सीख कर कमाया जा सकता है बहुत ज्यादा फायदा

हाइड्रोकोनिक खेती कर युवा किसान उगा रहा सभी तरह की सब्जियां

नेट से सीखी खेती करनी अब घर की छत पर उगा रहा है सभी सब्जियां

किसानों को युवा किसान ने सिखाई सब्जी उगाने की नई तकनीकBody: गोहाना के रहने वाले एक युवा किसान ने हाइड्रोकोनिक खेती कर किसानों को एक नई तकनीक सिखाई है। युवा किसान सुनील कुमार ने यूट्यूब के माध्यम से हाइड्रोकोनिक खेती सीखी और अपने घर की छत पर ही इसकी शुरुआत कर दी। सुनील कुमार का कहना है कि इस तरह की खेती करने से होने वाली सब्जियों में कोई बीमारी भी नहीं होती है।क्योंकि आज के समय में कैंसर जैसी भयानक बीमारी सब्जियों के कारण होती है और इस खेती में पानी भी बहुत कम मात्रा में उपयोग किया जाता है। जिससे पानी की बचत भी होती है। फिलहाल सुनील कुमार का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ किसानों को नई तकनीक सिखाना है और उसकी शुरुआत वो कर चुके हैं।Conclusion:वीओ-1- यह तस्वीरें सोनीपत के गोहाना की हैं जहां पर आप देख सकते हैं कि चारों तरफ जमीन से कुछ ऊंचाई पर पाइपों में सब्जियां उगाई गई हैं।आप देख सकते हैं कि फूल गोभी, पालक जैसे सब्जियां उगाई गई है।यह जमीन पर नहीं बल्कि गोहाना के रहने वाले युवा किसान सुनील कुमार ने अपने घर की छत पर उगाई हैं। सुनील कुमार ने बताया कि उन्होंने 2 साल पहले नेट के माध्यम से हाइड्रोकोनिक खेती के बारे में सीखा था और उन्होंने अपने घर की छत पर इसकी शुरुआत कर दी है। उन्होंने कहा कि इस खेती के लिए ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं है और आज के समय में बहुत ज्यादा दवाई के कारण सब्जियों में कैंसर जैसी बीमारियां हो गई हैं। लेकिन इस खेती से सब्जियों में कोई बीमारी नहीं होती और सभी के सभी सब्जियां ऑर्गेनिक होती हैं।
बाइट-सुनील कुमार-युवा किसान

वीओ-2- युवा कुशान सुनील कुमार ने बताया कि इस तरह की खेती करने से किसान को बहुत ज्यादा फायदा हो सकता है। क्योंकि जमीन में बीमारी बहुत ज्यादा होती हैं और यह कहती जमीन से कुछ ऊंचाई पर होती है। इसके लिए मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती पानी में ही इसकी पूर्ति हो जाती है। वही पानी भी महज 10 परसेंट ही इस्तेमाल होता है। जिससे पानी की बचत भी की जाती है सुनील कुमार सब्जियों के अलावा यहां पर फूल भी होगा रहे हैं और आसपास के एरिया में सुनील कुमार की खेती चर्चा का विषय बनी हुई है। वही रोजाना आसपास के किसान आकर यहां इस तकनीक के बारे में सीख रहे हैं।
बाइट-सुनील कुमार-युवा किसान

वीओ-3- बहराल आज के समय में किसानों को सुनील कुमार जैसे युवा किसानों की बहुत ज्यादा जरूरत है।क्योंकि चारों तरफ से किसानों की आत्महत्या की खबरें तो आती हैं।लेकिन खेती एक फायदे का सौदा है।यह खबरें बहुत ज्यादा कम हो गई हैं। बहरहाल सुनील कुमार की मेहनत कितना रंग लाती है।यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन आज की किसानों के लिए सुनील कुमार ने एक नई तकनीक अपनाकर बहुत अच्छा प्रयास किया है।।
Last Updated : Jan 12, 2020, 9:07 PM IST
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