सोनीपत: हरियाणा सरकार केंद्र के साथ मिलकर कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ रेलवे कॉरिडोर का निर्माण कर रही है. रेलवे कॉरिडोर के लिए हरियाणा सरकार ने सोनीपत के किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया है. इस भूमि अधिग्रहण का मुआवजा किसानों को दिया जा रहा है. जिन किसानों की भूमि रेलवे कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण की गई है. उन्होंने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है. मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग को लेकर सोनीपत में किसानों ने प्रदर्शन किया.
मंगलवार को छोटू राम धर्मशाला से लेकर सोनीपत लघु सचिवालय तक किसानों ने पदयात्रा निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी, तब तक सोनीपत लघु सचिवालय का गेट बंद कर दिया जाएगा. किसान नेताओं ने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा. हरियाणा में भूमि अधिग्रहण को लेकर अलग कानून है.
इस कानून के तहत अगर किसी किसान की जमीन का अधिग्रहण सरकार विकास कार्यों के लिए करती है, तो उसको कलेक्ट्रेट अलग अलग मुआवजा देने का प्रावधान है. अगर किसी किसान की जमीन नेशनल हाईवे के साथ है, तो उसे कलेक्ट्रेट रेट का चार गुना मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है. हरियाणा सरकार ने कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे का दर्जा दे रखा है. लिहाजा सरकार रेलवे कॉरिडोर के लिए जो भूमि अधिग्रहण कर रही है.
उसमें मुआवजा राशि अलग-अलग प्रकार से दी जा रही है. जिसका किसान विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर किसान लगातार सरकार के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं. किसानों की मांग है कि उन्हें कलेक्ट्रेट से भूमि अधिग्रहण बिल 2013 के तहत चार गुना मुआवजा दिया जाए. मंगलवार को किसानों ने इसी मांग को लेकर सोनीपत छोटू राम धर्मशाला से लघु सचिवालय तक पैदल मार्च किया.
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किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि वो सरकार के विकास कार्यों के खिलाफ नहीं है, लेकिन सरकार जो मुआवजा दे रही है, वो कम है. एक तरफ तो सरकार कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे पर नेशनल हाईवे की दरों से टोल वसूल रही है, तो दूसरी तरफ जो मुआवजा दिया जा रहा है. वो बहुत ही कम है, क्योंकि इस एरिया में जो जमीन कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ है. वो करोड़ों रुपये की है. सरकार उसे कौड़ियों के भाव में खरीदकर किसानों के साथ गलत किया है.