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Farmers Protest in Haryana: गन्ने के भाव में 10 रुपये की बढ़ोतरी से किसानों में नाराजगी, कहा- ऊंट के मुंह में जीरा - Haryana sugarcane price

हरियाणा सरकार की ओर से किए गए गन्ने के भाव में दस रुपये की बढ़ोतरी के बाद किसानों में नाराजगी बनी हुई है. किसानों ने कहा कि दस रुपये में कुछ नहीं होता है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम मिलों को चलने नहीं (Farmers protest in Haryana) देंगे.

Farmers protest in Haryana
हरियाणा में किसानों का प्रदर्शन
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Published : Jan 26, 2023, 4:53 PM IST

हरियाणा में किसानों का प्रदर्शन

सोनीपत: हरियाणा में गन्ना उत्पादक किसान लगातार सरकार के खिलाफ गन्ने के भाव में बढ़ोतरी को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि गन्ने के दाम बढ़ाए जाएं. लेकिन बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने बीते दिन 10 रुपये की बढ़ोतरी तो कर दी, लेकिन किसान इससे संतुष्ट नजर नहीं हुए. वहीं, सोनीपत में किसान गन्ना लेकर शुगर मिल पहुंच गए. किसानों ने हरियाणा सरकार के इस फैसले का विरोध किया. विरोध करते हुए किसान गन्ने का तोल करने वाले कांटे पर बैठ गए और गन्ने के तोल पर रोक लगा दी.

किसानों का विरोध देखते हुए भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और किसानों को वहां से बलपूर्वक उठाकर एक बार फिर शुगर मिल के बाहर कर दिया गया. गन्ना उत्पादक किसान 10 रुपये की बढ़ोतरी के बाद अपना गन्ना शुगर मिल लेकर पहुंचे. किसानों ने शुगर मिल के कांटे पर इसका विरोध करना शुरू कर दिया, लेकिन जैसे ही किसानों के इस विरोध का पता सोनीपत जिला प्रशासन को चला तो मौके पर भारी पुलिस बल पहुंच गया.

इसके बाद किसानों पर अपना बल प्रयोग करते हुए पुलिस वालों ने उन्हें वहां से भगा दिया. किसानों से कहा गया कि अगर उन्हें प्रदर्शन करना है तो वह शुगर मिल के बाहर करें, शुगर मिल में किसी भी तरह का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा. सरकार का विरोध कर रहे किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने कहा कि शुगर मिल में गन्ना लेकर केवल भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश कौशिक के कार्यकर्ता ही पहुंच रहे हैं और इस धरने को उग्र करना चाहते हैं ताकि यह धरना खत्म हो जाए. किसानों ने कहा कि ये सरकार किसानों की हितैषी नहीं है.

यह भी पढ़ें-गृहमंत्री अमित शाह की रैली में सांप और बिच्छू छोड़ेंगे हरियाणा के किसान

भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप से जुड़े किसान वीरेंद्र पहल और महिला किसान इंदु के मुताबिक यहां पर गन्ना लेकर आना बीजेपी के नेताओं की चाल है जोकि हमारे शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे धरने को उग्र करना चाहते हैं. सरकार ने 10 रुपये प्रति क्विंटल का भाव तो बढ़ा दिया है, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा है. इस भाव से किसान का भला नहीं हो सकता. किसान वीरेंद्र ने कहा कि सरकार हमारे साथ धोखा कर रही है. 10 रुपये प्रति क्विंटल भाव बढ़ाने से कुछ भी नहीं होता. हम किसी भी सूरत में मिलों को नहीं चलने देंगे.

हरियाणा में किसानों का प्रदर्शन

सोनीपत: हरियाणा में गन्ना उत्पादक किसान लगातार सरकार के खिलाफ गन्ने के भाव में बढ़ोतरी को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि गन्ने के दाम बढ़ाए जाएं. लेकिन बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने बीते दिन 10 रुपये की बढ़ोतरी तो कर दी, लेकिन किसान इससे संतुष्ट नजर नहीं हुए. वहीं, सोनीपत में किसान गन्ना लेकर शुगर मिल पहुंच गए. किसानों ने हरियाणा सरकार के इस फैसले का विरोध किया. विरोध करते हुए किसान गन्ने का तोल करने वाले कांटे पर बैठ गए और गन्ने के तोल पर रोक लगा दी.

किसानों का विरोध देखते हुए भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और किसानों को वहां से बलपूर्वक उठाकर एक बार फिर शुगर मिल के बाहर कर दिया गया. गन्ना उत्पादक किसान 10 रुपये की बढ़ोतरी के बाद अपना गन्ना शुगर मिल लेकर पहुंचे. किसानों ने शुगर मिल के कांटे पर इसका विरोध करना शुरू कर दिया, लेकिन जैसे ही किसानों के इस विरोध का पता सोनीपत जिला प्रशासन को चला तो मौके पर भारी पुलिस बल पहुंच गया.

इसके बाद किसानों पर अपना बल प्रयोग करते हुए पुलिस वालों ने उन्हें वहां से भगा दिया. किसानों से कहा गया कि अगर उन्हें प्रदर्शन करना है तो वह शुगर मिल के बाहर करें, शुगर मिल में किसी भी तरह का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा. सरकार का विरोध कर रहे किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने कहा कि शुगर मिल में गन्ना लेकर केवल भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश कौशिक के कार्यकर्ता ही पहुंच रहे हैं और इस धरने को उग्र करना चाहते हैं ताकि यह धरना खत्म हो जाए. किसानों ने कहा कि ये सरकार किसानों की हितैषी नहीं है.

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भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप से जुड़े किसान वीरेंद्र पहल और महिला किसान इंदु के मुताबिक यहां पर गन्ना लेकर आना बीजेपी के नेताओं की चाल है जोकि हमारे शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे धरने को उग्र करना चाहते हैं. सरकार ने 10 रुपये प्रति क्विंटल का भाव तो बढ़ा दिया है, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा है. इस भाव से किसान का भला नहीं हो सकता. किसान वीरेंद्र ने कहा कि सरकार हमारे साथ धोखा कर रही है. 10 रुपये प्रति क्विंटल भाव बढ़ाने से कुछ भी नहीं होता. हम किसी भी सूरत में मिलों को नहीं चलने देंगे.

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