सोनीपत: हुक्का हरियाणा की शान और भाईचारे का प्रतीक कहलाता है. हरियाणा में ही नहीं देश के कई राज्यों में इसी हुक्के की गुड़गुड़ाहट के बीच गांव के बुजुर्ग राजनीति से लेकर कई तरह के मुद्दों पर चर्चा करते हैं, लेकिन अब यही हुक्का सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन की शान बढ़ाने का काम कर रहा है.
दरअसल, हरियाणा से आए किसान सिंघु बॉर्डर पर हुक्का लेकर बैठे हैं, जो हुक्के की गुड़गुड़ाहट के साथ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान किसानों ने कहा कि हुक्के के साथ उन्होंने कई बड़े-बड़े झगड़े और समस्याएं निपटाई हैं. ऐसे में वो ये मामला भी हुक्के साथ निपटाने आए हैं. किसानों ने कहा कि सरकार की वजह से आज वो सड़क पर बैठे हैं, लेकिन जबतक सरकार काले कानूनों को वापस नहीं लेगी तहतक वो ऐसे ही अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
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गौरतलब है कि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के संशोधन के लिखित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और सभी किसान नेता 3 कृषि कानून रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून लागू करवाने पर अड़िग हैं.साथ ही किसानों की ओर से आगे की रणनीति भी तैयार की गई है. जिसके तहत-
- 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को अवरुद्ध किया जाएगा
- किसान अदानी-अंबानी के उत्पादों जैसे रिलायंस की जियो सिम का बहिष्कार करेंगे
- 14 दिसंबर को पूरे देश में होगा विरोध प्रदर्शन
- 12 दिसंबर को टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा
- भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा
- 14 दिसंबर को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के किसान जिला मुख्यालयों पर एक दिन का धरना देंगे और अन्य राज्यों के किसान 14 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.
- जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा.