ETV Bharat / state

क्या 1 दिसंबर को खत्म हो सकता है किसान आंदोलन? Etv Bharat पर किसान नेता का बड़ा बयान

संयुक्त किसान मोर्चा ने 1 दिसंबर को इमरजेंसी मीटिंग (samyukt kisan morcha emergency meeting) बुलाई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि किसान एक तारीख को आंदोलन खत्म कर सकते हैं. किसान नेता जंगवीर सिंह चौहान ने भी इस बात की ओर इशारा किया है और कहा है कि सरकार ने हमारी बड़ी-बड़ी मांगें तो मान ली है अब अगर छोटी मांगें भी मान ले तो एक दिसंबर को किसान वापस अपने घर लौट जाएंगे.

samyukt kisan morcha meeting
samyukt kisan morcha meeting
author img

By

Published : Nov 29, 2021, 7:47 PM IST

Updated : Nov 29, 2021, 8:00 PM IST

सोनीपत: कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार 1 साल से दिल्ली के बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें आखिरकार किसानों को सफलता मिल ही गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद सोमवार को लोकसभा में तीनों कृषि कानून वापसी बिल (farm laws repealed bill parliament) पास हो गया है. वहीं सोमवार को ही सोनीपत-कुंडली बॉर्डर पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की बैठक (punjab farmers union meeting) हुई. इस बैठक में आंदोलन की अन्य मांगों को लेकर चर्चा की गई.

पंजाब के किसान संगठनों की बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के प्रधान और संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्य जंगवीर सिंह चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद में तीनों कृषि कानून रद्द कर दिए हैं. अब संयुक्त किसान मोर्चा ((samyukt kisan morcha emergency meeting) ने 1 दिसंबर को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. 1 दिन सरकार को दिया गया है ताकि हमारी सभी मांगें मानी जाए. 1 दिसंबर को 11 बजे बैठक शुरू होगी. आंदोलन अभी जारी रहेगा. आंदोलन की रणनीति अगली बैठक में तय होंगी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बड़ा दिल दिखाते हुए हमारी बड़ी मांगें तो मान ली हैं. अब अगर छोटी मांगें भी मान लें तो एक दिसंबर को किसान वापस अपने घर लौट जाएंगे.

किसान नेता जंगवीर सिंह चौहान ने क्या कहा सुनिए

ये भी पढ़ें- हरियाणा के किसान नेता बोले, 'MSP पर कानून, शुरू से ही आंदोलन की मुख्य मांग होनी चाहिए थी'

बता दें कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद किसान नेताओं की बैठकों का दौर जारी है. 27 नवंबर को भी संयुक्त किसान मोर्चा ने एक अहम बैठक कर 29 नवंबर का संसद कूच टाल दिया था. वहीं 4 दिसंबर को एक बार फिर अन्य मुद्दों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक होने वाली है. हालांकि उससे पहले अब 1 दिसंबर को भी संयुक्त किसान मोर्चा ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. इस बैठक में आंदोलन को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्य जंगवीर सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने लोकसभा में तीनों कृषि कानूनों को आज वापस ले लिया है, किसानों की यह बड़ी जीत है. हम सभी किसान संगठन के नेताओं और किसानों को इसकी बधाई देते हैं कि उन्होंने आखिरकार लंबे समय चले इस आंदोलन को जीत लिया. हमने सरकार को खुली चिट्ठी लिखी है कि एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए, किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए मुकदमे वापस लिए जाएं, लखीमपुर खीरी की घटना में शामिल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त किया जाए और अन्य जो हमारी छोटी मोटी मांगें हैं, उनको जल्द से जल्द पूरा किया जाए. जिससे हमारा आंदोलन खत्म हो और हम अपने घरों को वापस लौट सकें.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv BharatAPP

सोनीपत: कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार 1 साल से दिल्ली के बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें आखिरकार किसानों को सफलता मिल ही गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद सोमवार को लोकसभा में तीनों कृषि कानून वापसी बिल (farm laws repealed bill parliament) पास हो गया है. वहीं सोमवार को ही सोनीपत-कुंडली बॉर्डर पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की बैठक (punjab farmers union meeting) हुई. इस बैठक में आंदोलन की अन्य मांगों को लेकर चर्चा की गई.

पंजाब के किसान संगठनों की बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के प्रधान और संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्य जंगवीर सिंह चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद में तीनों कृषि कानून रद्द कर दिए हैं. अब संयुक्त किसान मोर्चा ((samyukt kisan morcha emergency meeting) ने 1 दिसंबर को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. 1 दिन सरकार को दिया गया है ताकि हमारी सभी मांगें मानी जाए. 1 दिसंबर को 11 बजे बैठक शुरू होगी. आंदोलन अभी जारी रहेगा. आंदोलन की रणनीति अगली बैठक में तय होंगी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बड़ा दिल दिखाते हुए हमारी बड़ी मांगें तो मान ली हैं. अब अगर छोटी मांगें भी मान लें तो एक दिसंबर को किसान वापस अपने घर लौट जाएंगे.

किसान नेता जंगवीर सिंह चौहान ने क्या कहा सुनिए

ये भी पढ़ें- हरियाणा के किसान नेता बोले, 'MSP पर कानून, शुरू से ही आंदोलन की मुख्य मांग होनी चाहिए थी'

बता दें कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद किसान नेताओं की बैठकों का दौर जारी है. 27 नवंबर को भी संयुक्त किसान मोर्चा ने एक अहम बैठक कर 29 नवंबर का संसद कूच टाल दिया था. वहीं 4 दिसंबर को एक बार फिर अन्य मुद्दों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक होने वाली है. हालांकि उससे पहले अब 1 दिसंबर को भी संयुक्त किसान मोर्चा ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. इस बैठक में आंदोलन को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्य जंगवीर सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने लोकसभा में तीनों कृषि कानूनों को आज वापस ले लिया है, किसानों की यह बड़ी जीत है. हम सभी किसान संगठन के नेताओं और किसानों को इसकी बधाई देते हैं कि उन्होंने आखिरकार लंबे समय चले इस आंदोलन को जीत लिया. हमने सरकार को खुली चिट्ठी लिखी है कि एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए, किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए मुकदमे वापस लिए जाएं, लखीमपुर खीरी की घटना में शामिल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त किया जाए और अन्य जो हमारी छोटी मोटी मांगें हैं, उनको जल्द से जल्द पूरा किया जाए. जिससे हमारा आंदोलन खत्म हो और हम अपने घरों को वापस लौट सकें.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv BharatAPP

Last Updated : Nov 29, 2021, 8:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.