सोनीपत: सिंघु बॉर्डर पर किसान लगातार तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों की सिर्फ यही मांग है कि तीनों कृषि कानून रद्द हों, लेकिन सरकार कानून रद्दे करने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में किसान अब कुर्बानी के रास्ते पर चल पड़े हैं.
किसान ने सिंघु बॉर्डर पर खाया जहर
सिंघु बॉर्डर पर ही संतराम सिंह ने अपने आप को गोली मारकर मौत के घाट उतारा था. तो आज एक पंजाब से आए किसान ने भी जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. किसान ने बताया कि वो किसानों का दुख दर्द सहन नहीं कर पाया और तीनों कृषि कानून के खिलाफ उसने कुर्बानी दी है. फिलहाल किसान की हालत बिगड़ी हुई है और उसे रोहतक पीजीआई इलाज के लिए भेज दिया गया है.
आत्महत्या की कोशिश क्यों की?
किसान निरंजन सिंह ने बताया कि आज सुबह सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा था और वहां पर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. मोदी सरकार ने जो तीन कानून बनाए हैं उनको लेकर विरोध कर रहे हैं. आज मैंने सोचा बगैर कुर्बानी के ये जंग जीत नहीं सकते और मैंने जहर खा लिया, क्योंकि सरकार कुर्बानी के बिना ये कानून वापस नहीं लेगी. सरकार किसानों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है. बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग किसान सब इतनी सर्दी में आंदोलन कर रहे हैं. ये ठीक नहीं है. कुर्बानी नहीं देंगे तो और क्या देंगे.
रोहतक पीजीआई रेफर
मिली जानकारी के अनुसार किसान निरंजन सिंह ने धरनास्थल पर पहुंचकर जहर खा लिया. वहां मौजूद आंदोलनकारी किसानों ने आनन-फानन में निरंजन सिंह को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया, लेकिन यहां से उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया. जांच के लिए खून का नमूना डॉक्टर्स ने ले लिया है. साथ ही पुलिस ने भी मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. इस दौरान निरंजन सिंह के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है.
ये भी पढे़ं- पंजाब के किसान ने सिंघु बॉर्डर पर खाया जहर, गंभीर हालत में रोहतक PGI रेफर