सोनीपत: कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों की परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लिया हैय आंतरिक मूल्यांकन में 75 प्रतिशत से अधिक अंक (ग्रेड) देने वाले का संबंधित शिक्षण संस्थान को रिकॉर्ड रखना होगा. अगर कोई विद्यार्थी अपने ग्रेड में सुधार करना चाहता है तो विश्वविद्यालय स्थिति सामान्य होने पर अवसर प्रदान करेगा, जबकि पहली बार होने वाली परीक्षाओं का परिणाम आंतरिक मूल्याकंन के आधार पर तैयार किया जाएगा.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार डीसीआरयूएसटी ने परीक्षाएं न कराने का निर्णय लिया है. इससे पूर्व परीक्षा के मूल्यांकन को लेकर कमेटी द्वारा रिपोर्ट तैयार की गई थी. विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. एम.एस.धनखड़ ने रिपोर्ट बनाकर प्रदेश सरकार को भेजी थी. उस रिपोर्ट पर प्रदेश सरकार की मंजूरी के बाद परीक्षा न कराने का निर्णय लिया गया है.
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परीक्षा नियंत्रक प्रो. एम.एस.धनखड़ ने कहा कि मई-जून 2020 में होने वाली किसी भी सेमेस्टर, प्रोग्राम की थ्योरी व प्रायोगिक परीक्षाएं नहीं होंगी. अगर कोई विद्यार्थी अपने ग्रेड में सुधार करना चाहता तो उस विद्यार्थी को सामान्य स्थिति होने पर विश्वविद्यालय अवसर प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल उन विद्यार्थियों का ही मुख्य री-अपीयर की परीक्षा परिणाम तैयार करेगा जो मई-जून 2020 की परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे.
प्रो. धनखड़ ने कहा कि मुख्य परीक्षा का परिणाम 50 प्रतिशत बीते सेमेस्टर और 50 प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर तैयार किया जाएगा, जबकि री-अपीयर की परीक्षा का परिणाम उस सत्र के सभी विषयों की औसत के आधार पर तैयार किया जाएगा, जिस सत्र में उस विद्यार्थी की री-अपीयर है. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट, डेजरटेशन, ट्रेनिंग व सेमीनार के अंक विभाग या कॉलेज के द्वारा मूल्याकंन के आधार पर परिणाम तैयार किया जाएगा.
परीक्षा नियंत्रक प्रो. धनखड़ ने कहा कि अगर किसी विद्यार्थी के आंतरिक मूल्यांकन के अंक 75 प्रतिशत से ज्यादा दिए जाते हैं तो ऐसे विद्यार्थी का रिकॉर्ड संबंधित शिक्षण संस्थान द्वारा पूरा रखना होगा, जिसकी आवश्यकता पड़ने पर परीक्षा नियंत्रक रिव्यू के आदेश दे सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोग्राम जिनकी परीक्षा पहली बार होनी हैं उदाहरण के तौर पर बी.एड प्रथम वर्ष व पीएच.डी कोर्स वर्क, उनका परीक्षा परिणाम पूरी तरह से आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर तैयार किया जाएगा.