सोनीपतः गोहाना में बुधवार को हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दिया है. बारिश के चलते गोहाना की मंडी के खुले में किसानों की पड़ी हजारों क्विंटल धान की फसल भीग गई तो वहीं मिलरों द्वारा मंडी में खरीदी गई धान की फसल की बोरियां भी भीग गई. अनाज मंडी में किसी तरह के रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई. ऐसे में किसानों ने सरकार से उनकी खराब फसल के लिए उचित मुआवजे की मांग की है.
मंडी में नहीं कोई इंतजाम
किसानों के साथ-साथ मंडी के आढ़तियों व खरीदारों को भी काफी नुकशान उठाना पड़ रहा है. वहीं मंडी में पानी निकासी को लेकर प्रशासन की तरफ से मंडी में कोई इंजताम नहीं दिखाई दिया.
जिसके चलते मिलर्स द्वारा खरीदा हुआ लाखों क्विंटल धान की बोरियां भीगी हुई नजर आई. बेमौसम हुई भारी बारिश के कारण किसानों की सारी गेहूं की बोरियां भीग गई और खुले में रखा धान भी खराब हो गया.
किसान के साथ-साथ खरीददार परेशान
मंडी के आढ़तियों और छोटे खरीदारों की मानें तो इस बेमौसमी बारिश से किसानों के अलावा खरीदार को भी नुकशान है. बारिश से जहां एक तरह भाव में कमी आएगी तो वहीं दूसरी और मंडी में खरीदा गया धान भीगने से अब उसका समय पर उठान नहीं हो सकेगा. जिसके चलते इस गीली फसल को उठाने में समय लगेगा. दुकानदारों की मानें तो इस खरीदी हुई धान की फसल जो बारिश से गीली हुई पहले उसे सुखाना पड़ेगा उसके बाद इसका उठान होगा.
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गौरतलब है कि अबकी बार प्रदेश में किसानों की धान के फसलों के उचित भाव नहीं मिल रहे. ऊपर से आज हुई बारिश के चलते किसानो की चिंता और बढ़ गई है. बारिश से एक बार फिर धान की फसल के भाव में गिरावट देखने को मिल सकती है. वहीं किसानों की आने वाली गेहूं की फसल को भी इस बारिश से नुकसान हो सकता है.