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जहरीली शराब मामला: 8 युवक करते थे शराब की होम डिलीवरी, नशा बढ़ाने के लिए मिलाया था केमिकल

जहरीली शराब मामले में हर रोज बड़े खुलासे हो रहे हैं. अब पता चला है कि अवैध शराब की सप्लाई को सतपाल ने शहर में आठ युवक लगाए हुए थे. ये दिन छिपते ही स्कूटी से शराब की सप्लाई शुरू कर देते थे. जिले के दूर-दराज के क्षेत्रों में तड़के तीन बजे के बाद कार से अवैध शराब की सप्लाई होती थी.

sonipat poisonous liquor death case
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Published : Nov 9, 2020, 9:14 AM IST

सोनीपत: जहरीली शराब के सप्लायरों के राज एक-एक कर खुलने शुरू हुए हैं. पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपित आबकारी विभाग के समानांतर धंधा चला रहे थे. शहर और गांव में अवैध ठिकाने बनाने के अलावा शराब के ठेकों से भी अवैध शराब की बिक्री की जाती थी. शहर में ही 20 से ज्यादा स्थानों पर 50 पेटी अवैध शराब की बिक्री की जाती थी. आरोपितों के निशाने पर ज्यादातर मलीन बस्तियां और दूर-दराज की कालोनियां रहती थीं.

शाम होते ही निकल जाते थे सप्लाई के लिए

अवैध शराब की सप्लाई को सतपाल ने शहर में आठ युवक लगाए हुए थे. ये शाम होते ही स्कूटी से शराब की सप्लाई शुरू कर देते थे. शहर में अवैध शराब की औसतन 50 पेटी रोजाना की सप्लाई होती थी. सतपाल और उसके साथ सप्लाई करने वाले बाघडू के रणवीर ने अवैध शराब की बिक्री वाले 50 स्थानों की पहचान कराई है.

नशा कम होने की शिकायत पर बढ़ाई केमिकल की मात्रा

जहरीली शराब के मुख्य सरगना सतपाल बैंयापुर ने बताया कि नैना ततारपुर में तैयार की जा रही शराब के पिछले लाट में केमिकल की मात्रा कम रह गई थी. इससे शराब पीने से नशा कम होने की शिकायत मिल रही थी. ऐसे में धंधा चौपट हो जाने का डर था. इसके चलते नए लाट में केमिकल की मात्रा थोड़ी बढ़ाने को कहा गया था. गलती से फैक्ट्री वालों ने ज्यादा केमिकल डाल दिया. इससे शराब जहरीली हो गई. शराब के नए लाट की सप्लाई 28 अक्टूबर को की गई थी. इसके जहरीली होने का पता एक नवंबर को लोगों की तबीयत खराब होने पर लगा था.

ठेको से बेची गई अवैध शराब

पुलिस के अनुसार सतपाल ने स्वीकार किया है कि अवैध शराब की बिक्री ठेको से की जाती थी. ठेको पर शाम के समय अवैध शराब की बिक्री कराते थे. उसने पुलिस को ऐसे ठेको की जानकारी भी दी है. हालांकि नई खेप की बिक्री ठेको पर नहीं की गई थी. इस खेप की शराब ही जहरीली निकली है. शुरुआत में नई खेप की शराब को अवैध बिक्री वाले स्थानों पर ही सप्लाई किया गया था.

शराब के जहरीली होने का पता लगने पर वापस लेने की कोशिश भी की

एक नवंबर को शराब के जहरीली होने की जानकारी मिलते ही आरोपितों ने अवैध ठिकानों से उसको वापस लाने का प्रयास किया था. कई क्षेत्रों से शराब को वापस भी लिया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. 28 अक्टूबर से एक नवंबर तक करीब 100 पेटी शराब की सप्लाई की जा चुकी थी. इनमें से 40 पेटी शराब जिले में सप्लाई की गई थी, जबकि 60 पेटी शराब कहां-कहां भेजी गई, इसका पता फैक्ट्री मालिक नरेश की गिरफ्तारी के बाद ही चल सकेगा.

ये भी पढ़ें- खरखौदा में अवैध शराब फैक्ट्री चलाने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार

सोनीपत: जहरीली शराब के सप्लायरों के राज एक-एक कर खुलने शुरू हुए हैं. पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपित आबकारी विभाग के समानांतर धंधा चला रहे थे. शहर और गांव में अवैध ठिकाने बनाने के अलावा शराब के ठेकों से भी अवैध शराब की बिक्री की जाती थी. शहर में ही 20 से ज्यादा स्थानों पर 50 पेटी अवैध शराब की बिक्री की जाती थी. आरोपितों के निशाने पर ज्यादातर मलीन बस्तियां और दूर-दराज की कालोनियां रहती थीं.

शाम होते ही निकल जाते थे सप्लाई के लिए

अवैध शराब की सप्लाई को सतपाल ने शहर में आठ युवक लगाए हुए थे. ये शाम होते ही स्कूटी से शराब की सप्लाई शुरू कर देते थे. शहर में अवैध शराब की औसतन 50 पेटी रोजाना की सप्लाई होती थी. सतपाल और उसके साथ सप्लाई करने वाले बाघडू के रणवीर ने अवैध शराब की बिक्री वाले 50 स्थानों की पहचान कराई है.

नशा कम होने की शिकायत पर बढ़ाई केमिकल की मात्रा

जहरीली शराब के मुख्य सरगना सतपाल बैंयापुर ने बताया कि नैना ततारपुर में तैयार की जा रही शराब के पिछले लाट में केमिकल की मात्रा कम रह गई थी. इससे शराब पीने से नशा कम होने की शिकायत मिल रही थी. ऐसे में धंधा चौपट हो जाने का डर था. इसके चलते नए लाट में केमिकल की मात्रा थोड़ी बढ़ाने को कहा गया था. गलती से फैक्ट्री वालों ने ज्यादा केमिकल डाल दिया. इससे शराब जहरीली हो गई. शराब के नए लाट की सप्लाई 28 अक्टूबर को की गई थी. इसके जहरीली होने का पता एक नवंबर को लोगों की तबीयत खराब होने पर लगा था.

ठेको से बेची गई अवैध शराब

पुलिस के अनुसार सतपाल ने स्वीकार किया है कि अवैध शराब की बिक्री ठेको से की जाती थी. ठेको पर शाम के समय अवैध शराब की बिक्री कराते थे. उसने पुलिस को ऐसे ठेको की जानकारी भी दी है. हालांकि नई खेप की बिक्री ठेको पर नहीं की गई थी. इस खेप की शराब ही जहरीली निकली है. शुरुआत में नई खेप की शराब को अवैध बिक्री वाले स्थानों पर ही सप्लाई किया गया था.

शराब के जहरीली होने का पता लगने पर वापस लेने की कोशिश भी की

एक नवंबर को शराब के जहरीली होने की जानकारी मिलते ही आरोपितों ने अवैध ठिकानों से उसको वापस लाने का प्रयास किया था. कई क्षेत्रों से शराब को वापस भी लिया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. 28 अक्टूबर से एक नवंबर तक करीब 100 पेटी शराब की सप्लाई की जा चुकी थी. इनमें से 40 पेटी शराब जिले में सप्लाई की गई थी, जबकि 60 पेटी शराब कहां-कहां भेजी गई, इसका पता फैक्ट्री मालिक नरेश की गिरफ्तारी के बाद ही चल सकेगा.

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