सोनीपतः लॉकडाउन के चलते जो प्रवासी मजदूर अपने घरों को किसी कारण से नहीं जा पाए उनके लिए जिला प्रशासन ने शेल्टर होम बनाए हुए हैं. मुरथल के शेल्टर होम में देश के विभिन्न राज्यों से काम-काज के सिलसिले में आए लोगों को ठहराया गया है. इन लोगों के खाने-पीने, चिकित्सा जैसी तमाम सुविधाओं का इंतजाम किया हुआ है. डॉक्टरों की टीम भी लगातार इनके सेहत जांचने और दवा वितरित करने पहुंच रही है.
100 प्रवासियों को मिली पनाह
मुरथल के शेल्टर होम में तकरीबन 100 प्रवासी लोगों को ठहराया हुआ है. जिला प्रशासन के आला अधिकारी समय-समय पर इन शेल्टर होम्स का निरीक्षण करने भी पहुंचते हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी हर समय अपनी जान जोखिम में डालकर इनकी चेकिंग के लिए पहुंच रही है.
महामारी के बीच जुटे डॉक्टर्स
शेल्टर होम में तमाम उम्र के लोग ठहरे हुए हैं, जिनमे महिलाएं अपने बच्चों के साथ ठहरी हुई हैं. स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक इन छोटे बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल करते हैं. जाहिर है कि कोरोना महामारी के बीच देश सेवा में जुटे इन डॉक्टरों की जितनी प्रशंसा की जाए कम है.
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खाने के साथ स्वास्थ्य सेवाएं
सरकार ने इन प्रवासी लोगों की भगदड़ रोकने के लिए ये इंतजाम किए हुए हैं. सभी लोगों को तीन वक्त का खाना और चिकित्सा निशुल्क मुहैया करवाई जा रही है. इन लोगों की सेहत ठीक रहे इसके लिए खेल विभाग के कोच भी यहां पर तैनात है, जो इनको जरूरत के अनुसार व्यायाम करवाते हैं.