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अगर आपने ये पेंटिंग्स नहीं देखी तो कुछ नहीं देखा, जानें 25 हजार तस्वीरों का राज - etvBharatHaryana

शंकर शर्मा ने बनाई हैं 25 हजार से ज्यादा तस्वीरें देश की संस्कृति को दिया तस्वीरों का रूप राष्ट्रपति सहित विश्व भर के कई नेताओं ने दिया सम्मान

शंकर शर्मा की चित्रकारी का कोलाज
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Published : May 18, 2019, 2:42 PM IST

सिरसा: नौहरियां बाजार निवासी शंकर शर्मा के जुनून के आगे हर कोई नत्मसतक हो जाता है. उनकी कला न केवल भारत में प्रचलित है बल्कि विदेशों में भी उन्होंने हरियाणा का नाम रोशन किया है. शंकर शर्मा की कलम से लिखी दीवारें कुछ न कुछ बयां करती रहती हैं. बचपन से पेंटिंग्स का शोक रखने वाले शंकर शर्मा अब तक लगभग 25000 चित्रों को रूप दे चुके है.

अब तक हजारों पेंटिंग, ऑयल पेंटिंग, वॉअर कलर, मिटटी के कले, वूडन से भी अनेक चीजें बनाई हैं. शंकर शर्मा को पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, चीन के सांस्कृतिक मंत्री, हरियाणा के पूर्व राज्यपाल धनिक लाल मंडल के साथ अनेकों बार जिला प्रशासन ने भी सम्मानित किया है.

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शंकर शर्मा ने बॉलीवुड के स्टारों की भी वाटर पेंटिंग बनाई हैं. जिसे आम लोगों ने काफी पसंद किया है. शंकर शर्मा ने भारत की पुरानी संस्कृति को भी अपनी कला के माध्यम से संजोया हुआ है. पुराने समय की महिला के रहन-सहन को भी शंकर शर्मा ने अपनी पेंटिंग के माध्यम से दर्शाया है.

शंकर शर्मा 1977 से पेंटिंग बनाते आ रहे हैं. ईटीवी से बात करते हुए शंकर शर्मा ने कहा कि इस आधुनिक युग में युवा वर्ग इस कला में रूचि ले रहे हैं. पुरानी संस्कृति पहले की तरह अब भी कायम है. पेंटिंग में उनके बेटों के बाद अब उनकी तीसरी पीढ़ी यानि उनके पोते की भी रूचि जुड़ गई है.

सिरसा: नौहरियां बाजार निवासी शंकर शर्मा के जुनून के आगे हर कोई नत्मसतक हो जाता है. उनकी कला न केवल भारत में प्रचलित है बल्कि विदेशों में भी उन्होंने हरियाणा का नाम रोशन किया है. शंकर शर्मा की कलम से लिखी दीवारें कुछ न कुछ बयां करती रहती हैं. बचपन से पेंटिंग्स का शोक रखने वाले शंकर शर्मा अब तक लगभग 25000 चित्रों को रूप दे चुके है.

अब तक हजारों पेंटिंग, ऑयल पेंटिंग, वॉअर कलर, मिटटी के कले, वूडन से भी अनेक चीजें बनाई हैं. शंकर शर्मा को पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, चीन के सांस्कृतिक मंत्री, हरियाणा के पूर्व राज्यपाल धनिक लाल मंडल के साथ अनेकों बार जिला प्रशासन ने भी सम्मानित किया है.

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शंकर शर्मा ने बॉलीवुड के स्टारों की भी वाटर पेंटिंग बनाई हैं. जिसे आम लोगों ने काफी पसंद किया है. शंकर शर्मा ने भारत की पुरानी संस्कृति को भी अपनी कला के माध्यम से संजोया हुआ है. पुराने समय की महिला के रहन-सहन को भी शंकर शर्मा ने अपनी पेंटिंग के माध्यम से दर्शाया है.

शंकर शर्मा 1977 से पेंटिंग बनाते आ रहे हैं. ईटीवी से बात करते हुए शंकर शर्मा ने कहा कि इस आधुनिक युग में युवा वर्ग इस कला में रूचि ले रहे हैं. पुरानी संस्कृति पहले की तरह अब भी कायम है. पेंटिंग में उनके बेटों के बाद अब उनकी तीसरी पीढ़ी यानि उनके पोते की भी रूचि जुड़ गई है.

Intro:एंकर -कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो व्यक्ति कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है। ऐसा ही कर दिखाया है सिरसा के पेंटर शंकर शर्मा ने जो कि पिछले करीब 4 दशक से सिरसा में पेंटिंग बना रहे है। शंकर की उम्र अब 60 वर्ष से भी ज्यादा है लेकिन उनके हौंसले अभी भी बुलंद हैं।  शंकर शर्मा की पेंटिंग न सिर्फ भारत देश में प्रचलित है बल्कि इन्होंने अपनी कला का जौहर विदेशों में भी खूब दिखाया है। शंकर शर्मा को भारत के साथ साथ अनेक विदेशों के मंत्री सम्मानित कर चुके है। शंकर शर्मा ने अपनी इस कला को अपने तक सीमित न रखकर आगे बढाया है। शंकर शर्मा के तीनों बेटे भी अपने पिता के हुनर को आगे बढा रहे है। और उनके पोते भी पेंटिंग्स में अपना जादू बिखेरने लगे हैं। शंकर शर्मा के पास अभी 100 से ज्यादा स्टूडेंस है जो सुबह से लेकर शाम तक शंकर शर्मा से इस हुनर को सीख रहे है। स्टूडेंस भी इस कला को सीखने के लिए जी तोड मेहनत करने के साथ साथ अपने आपको काफी गौरवानित महसूस कर रहे है। 





Body:वीओ-1 सिरसा के नौहरियां बाजार निवासी शंकर शर्मा के जुनून के आगे हर कोई नत्मसतक हो जाता है। उनकी कला न केवल भारत में प्रचलित है बल्कि विदेशों में भी उनहोंने हरियाणा के सिरसा का नाम रोशन किया है। शंकर शर्मा की कलम से लिखी दिवारें भी कुछ न कुछ बयान करती है। अब तक हजारों पेंटिंग, ऑयल पेंटिंग, वॉअर कलर, मिटटी के कले, वूडन से भी अनेक चीजें बनाई है। शंकर शर्मा को पूर्व राष्टपति ज्ञानी जैल सिंह , चीन के सांस्कृतिक मंत्री, हरियाणा के पूर्व राज्यपाल धनिक लाल मंडल के साथ साथ अनेकों बार जिला प्रशासन ने भी सम्मानित किया है। शंकर शर्मा ने बॉलीवुड के स्टारों की भी वाटर पेंटिंग बनाई है जिसे आम लोगों ने काफी पसंद किया है। शंकर शर्मा ने भारत की पुरानी संस्कृति को भी  अपनी कला के माध्यम से संजोया हुआ है। पुराने समय की महिला के रहन सहन को भी शंकर शर्मा ने अपनी पेंटिंग के माध्यम से दिखाया है। 


वीओ-2 शंकर शर्मा ने कहा कि वे 1977 से पेंटिंग कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस आधुनिक युग में युवा वर्ग इस कला में रूचि ले रहे है। उन्हेने कहा कि पुरानी संस्कृति पहले की तरह अब भी कायम है। पेंटिंग में उनके बेटों के बाद अब उनकी तीसरी पीढ़ी यानि उनके पोते की भी अपार रूचि जुड़ गई है । शंकर शर्मा के पोते हर्ष ने बताया कि उन्होंने अपने दादा जी को देख देख कर पेंटिंग सीखी है। उन्होंने कहा कि वो अब तक करीब 200 पेंटिंग्स बना चुके हैं। हर्ष ने कहा कि वो पेंटिंग को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का जरिया मानते हैं।


बाईट- शंकर शर्मा, पेंटर। 
बाईट- गिरिजा शर्मा, पेंटर। 
बाइट - रवि शर्मा , पेंटर।
बाइट- हर्ष शर्मा , युवा पेंटर।



वोल-4 स्टूडेंस प्रियंका पिछले 2 सालों से इस कला को सीख रही है। उन्होंने कहा कि इस कला में युवा वर्ग भी काफी रूचि ले रहे है। उन्होंने कहा कि आधुनिक डिजीटल युग मे जहां बच्चों और युवाओं के हाथ में हर घड़ी मोबाइल जैसे होते हैं। वेसे युग मे भी पेंटिंग की अपनी अलग जगह है और पेटिंग करने में बहुत आनंद आता है। 


बाइट- प्रियंका सिंह , स्टूडेंस। 



वीओ - बचपन से पेंटिंग्स का शोक पाले शंकर शर्मा ने अब तक लगभग 25000 चित्रो को रूप दे चुके है.यह चित्र देश के साथ साथ प्रदेश में भी प्रचलित हुए है.शंकर अपनी इसी कला के जरिये सेंकडो बार सम्मानित हो चुके है। राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने भी शंकर शर्मा को सम्मानित किया हुआ है। वर्तमान युग के युवा पेंटरों की बात करते हुए शंकर शर्मा ने कहा कि आज का पेंटर बहुत सुलझे हुए हैं। और अब तो बहुत से तकनीकें आ गयी है। तो हमे तो उनसे सीखने की जरूरत है।



Conclusion:
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