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पानी नहीं आने से सूख चुकी हैं सिरसा की नहरें, किसान परेशान और अधिकारी बेबस!

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Published : Apr 15, 2021, 1:58 PM IST

सिरसा के ऐलनाबाद क्षेत्र के किसानों को पानी की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि क्षेत्र में महीने में सिर्फ सात दिन ही पानी आता है. इसलिए इस क्षेत्र में पानी की समस्या गंभीर हो रही है.

water shortage in canals in sirsa region ellenabad farmers worry
पानी समस्या ऐलनाबाद क्षेत्र सिरसा

सिरसा: सिंचाई विभाग द्वारा पिछले काफी समय से गांवों में नहरी पानी की कटौती कर दी गई है. जिसके चलते किसानों के समस्या बढ़ गई है. फिलहाल इस समय गेहूं व सरसों की कटाई का समय चल रहा है. गेहूं व सरसों की कटाई के बाद किसान नरमें की बिजाई करेंगे, लेकिन पानी की कमी के चलते किसानों को नरमें की फसल की सिंचाई के लिए सभी से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: करनाल में आबादी बढ़ने से पानी उपलब्ध कराना जलापूर्ति विभाग के लिए बना सकंट

ऐलनाबाद हल्के में किसानों को नहीं मिल रहा पानी

अप्रैल से जून-जुलाई तक गर्मी का मौसम रहेगा. ऐसे में ग्रामीण आंचल के लोगों को पीने के पानी की समस्या से भी जूझना पड़ेगा. सिरसा के ऐलनाबाद हल्के के नाथूसरी चोपटा खण्ड का ईटीवी भारत की टीम ने दौरा किया, तो हैरानी हुई कि सिरसा से चोपटा मार्ग पर कई दर्जन नहरें आती हैं. जिसमें से अधिकतर नहरें सुखी हुई मिली. एक-दो नहरों में पानी दिखाई दिया, लेकिन उस पानी को खेतों में चढ़ाया नहीं जा सकता था.

नहरों में पानी नहीं आने से किसान परेशान, अधिकारी बेबस!

पानी की कमी के चलते किसान हैं बेबस

किसानों को पानी की कमी के कारण अपनी फसलों में सिंचाई करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. किसान ट्यूबवेल की मदद से सिंचाई तो कर रहे हैं, लेकिन ट्यूबवेल का पानी खारा होने की वजह से सिंचाई सही तरीके से नहीं हो पा रही है. किसानों ने हरियाणा सरकार व सिंचाई विभागों के अधिकारियों से गांवों में ज्यादा पानी देने की मांग की है.

ये भी पढ़ें:पलवल के सूखे पड़े रजवाहों में जल्द छोड़ा जाएगा पानी, विभाग ने तैयार की योजना

किसान कई बार अधिकारियों को करा चुके हैं मामले से अवगत

नहरी पानी की समस्या के बारे में किसानों ने विभाग के अधिकारियों को कई बार आवगत कराया है, लेकिन अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. किसानों ने बताया की गांवों में सिंचाई विभाग द्वारा नहरी पानी की कटौती की गई है. जिससे उनकी गेहूं-सरसों की फसल कटाई के बाद नरमें की फसल की सिंचाई प्रभावित होगी.

महीने में एक हफ्ते ही मिलता है पानी

किसानों ने कहा कि महीने में 1 हफ्ते ही नहरी पानी मिलता है. जबकि 16 दिन पानी की कटौती रहती है. उन्होंने कहा कि नहरी पानी की कमी के कारण ट्यूबबेल का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन ट्यूबवेल का पानी खारा होने के कारण सिंचाई सही से नहीं होती है. किसानों ने बताया की अगर इसी तरह पानी की कटौती चलती रही. तो गर्मियों में पेयजल की समस्या भी होगी. किसानों ने हरियाणा सरकार व सिंचाई विभाग से नहरी पानी ज्यादा देने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: हर टेल तक पानी पहुंचाने के लिए बनाई गई सिंचाई योजना, मनरेगा के तहत होता है रख रखाव

अधिकारी पानी कटौती की बात कह झाड़ रहे पल्ला

वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारी धर्मपाल मुवाल ने विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ही पूरे हरियाणा में नहरी पानी की कटौती की बात कहकर अपनी बेबसी दिखाई. उन्होंने कहा की नहरी पानी की कटौती इसी तरह जारी रहेगी.

एक तरफ हरियाणा की खट्टर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह रही है. वहीं किसानों को खेती करने के लिए भी पानी मुहैया नहीं कराया जा रहा है. अभी तो ये अप्रैल का महीना चल रहा है. जब मई और जून की गर्मी पड़ेगी तो नहरी विभाग किसानों को कितना पानी मुहैया कराएगी. ये देखने वाली बात होगी.

सिरसा: सिंचाई विभाग द्वारा पिछले काफी समय से गांवों में नहरी पानी की कटौती कर दी गई है. जिसके चलते किसानों के समस्या बढ़ गई है. फिलहाल इस समय गेहूं व सरसों की कटाई का समय चल रहा है. गेहूं व सरसों की कटाई के बाद किसान नरमें की बिजाई करेंगे, लेकिन पानी की कमी के चलते किसानों को नरमें की फसल की सिंचाई के लिए सभी से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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ऐलनाबाद हल्के में किसानों को नहीं मिल रहा पानी

अप्रैल से जून-जुलाई तक गर्मी का मौसम रहेगा. ऐसे में ग्रामीण आंचल के लोगों को पीने के पानी की समस्या से भी जूझना पड़ेगा. सिरसा के ऐलनाबाद हल्के के नाथूसरी चोपटा खण्ड का ईटीवी भारत की टीम ने दौरा किया, तो हैरानी हुई कि सिरसा से चोपटा मार्ग पर कई दर्जन नहरें आती हैं. जिसमें से अधिकतर नहरें सुखी हुई मिली. एक-दो नहरों में पानी दिखाई दिया, लेकिन उस पानी को खेतों में चढ़ाया नहीं जा सकता था.

नहरों में पानी नहीं आने से किसान परेशान, अधिकारी बेबस!

पानी की कमी के चलते किसान हैं बेबस

किसानों को पानी की कमी के कारण अपनी फसलों में सिंचाई करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. किसान ट्यूबवेल की मदद से सिंचाई तो कर रहे हैं, लेकिन ट्यूबवेल का पानी खारा होने की वजह से सिंचाई सही तरीके से नहीं हो पा रही है. किसानों ने हरियाणा सरकार व सिंचाई विभागों के अधिकारियों से गांवों में ज्यादा पानी देने की मांग की है.

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किसान कई बार अधिकारियों को करा चुके हैं मामले से अवगत

नहरी पानी की समस्या के बारे में किसानों ने विभाग के अधिकारियों को कई बार आवगत कराया है, लेकिन अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. किसानों ने बताया की गांवों में सिंचाई विभाग द्वारा नहरी पानी की कटौती की गई है. जिससे उनकी गेहूं-सरसों की फसल कटाई के बाद नरमें की फसल की सिंचाई प्रभावित होगी.

महीने में एक हफ्ते ही मिलता है पानी

किसानों ने कहा कि महीने में 1 हफ्ते ही नहरी पानी मिलता है. जबकि 16 दिन पानी की कटौती रहती है. उन्होंने कहा कि नहरी पानी की कमी के कारण ट्यूबबेल का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन ट्यूबवेल का पानी खारा होने के कारण सिंचाई सही से नहीं होती है. किसानों ने बताया की अगर इसी तरह पानी की कटौती चलती रही. तो गर्मियों में पेयजल की समस्या भी होगी. किसानों ने हरियाणा सरकार व सिंचाई विभाग से नहरी पानी ज्यादा देने की मांग की है.

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अधिकारी पानी कटौती की बात कह झाड़ रहे पल्ला

वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारी धर्मपाल मुवाल ने विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ही पूरे हरियाणा में नहरी पानी की कटौती की बात कहकर अपनी बेबसी दिखाई. उन्होंने कहा की नहरी पानी की कटौती इसी तरह जारी रहेगी.

एक तरफ हरियाणा की खट्टर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह रही है. वहीं किसानों को खेती करने के लिए भी पानी मुहैया नहीं कराया जा रहा है. अभी तो ये अप्रैल का महीना चल रहा है. जब मई और जून की गर्मी पड़ेगी तो नहरी विभाग किसानों को कितना पानी मुहैया कराएगी. ये देखने वाली बात होगी.

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