सिरसा: जिला में आवारा पशु चिंता का विषय बने हुए हैं. जिसके चलते सड़क पर हादसा होने की संभावना बनी रही है. वहीं इस समस्या को देखते हुए सिरसा उपायुक्त ने गौरक्षा सेवा समिति और द-फार्मर प्रणाली वेलफेयर सॉल्यूशन ट्रस्ट की बैठक बुलाई. इस दौरान एसडीएम जयवीर यादव, एसडीओ पशुपालन विभाग सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.
उपायुक्त ने बताया कि शहर में बढ़ते आवारा पशु और नंदी आज चिंता का विषय बने हुए हैं. जिससे चलते सड़कों पर हादसे होने का संभावना बनी रहती है. उन्होंने बताया कि गौवंश को बचाने के साथ-साथ जिला को आवारा पशुओं से मुक्त बनाना भी बेहद जरूरी है. इसलिए सिरसा के नागरिक गौवंश को बचाने की पहल में आगे आएं और दान के साथ-साथ पशुओं को गोद लेकर सहयोग करें.
उन्होंने बताया कि कोई भी नागरिक एक पशु के चारे और देखभाल के लिए छह हजार रुपये प्रतिवर्ष देकर गोद ले सकता है. दान दी गई राशि में आयकर की धारा 80-जी के तहत छूट भी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि आमजन सड़कों पर चारा न डालें. नागरिक गौ रक्षा सेवा समिति की गाड़ी में ही पशुओं के लिए चारा डालें ताकि चारे का सदुपयोग हो सके.
उन्होंने बताया कि इस अभियान में गौ रक्षा सेवा समिति और द-फार्मर प्रणाली वेलफेयर सॉल्यूशन ट्रस्ट का हर तरह से लोगों को सहयोग करेगी. वहीं उन्होंने निर्देश दिए कि दुधारू पशुओं को सड़कों पर छोड़ने पर पशु मालिक पर पहली बार छह हजार रुपये का जुर्माना किया जाए.
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साथ ही दूसरी बार पशु छोड़ते पकड़े जाने पर 12 हजार रुपये जुर्माना किया जाएगा और अगर तीसरी बार पशु मालिक दुधारू पशु को छोड़ता पकड़ा जाता है तो पशु को गौशाला भेज दिया जाएगा और मालिक को वापिस नहीं किया जाएगा. अब देखना होगा कि इस अभियान को कितने लोगों का साथ मिलता है.