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Stubble burning in Sirsa: पराली जलाने के 218 मामले दर्ज, प्रशासन करेगा सख्त कार्रवाई - 218 stubble cases registered in Sirsa

सिरसा में पराली जलाने (Stubble burning in Sirsa) के मामले में तेजी से बढ़ रहे हैं. सिरसा जिले में अभी तक 218 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. किसानों पर 2 लाख 80 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.

218 cases of stubble registered in Sirsa
सिरसा में पराली के 218 मामले दर्ज
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Published : Nov 20, 2022, 3:37 PM IST

सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले में पिछले काफी समय से किसान लगातार पराली जला (Stubble Burning in Sirsa) रहे हैं. जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अब जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी शुरू कर दी है.

वहीं जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने अब सख्त हिदायत दी है कि किसी भी किसान ने अगर पराली जलाई तो उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी फसलों के अवशेष जलाने वाले किसानों पर अब कृषि विभाग और सख्त होता दिखाई दे रहा है. हालांकि क्षेत्र में अभी भी धान की कटाई जारी है लेकिन आने वाले 10 से 15 दिन कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए बहुत अहम है.

क्योंकि इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो अब तक कुल 90% तक धान की कटाई की जा चुकी है. क्षेत्र में 2 लाख 31 हजार हेक्टेयर मे धान की बिजाई की जाती है. अधिकतर किसान पराली प्रबंधन कर विभाग की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. लेकिन क्षेत्र के कुछ किसान फसलों के अवशेषों को जला रहे हैं.

हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल आगजनी की घटना काफी कम हुई है और अब तक कुल 2 लाख 80 हजार का जुर्माना भी किया जा चुका है. वहीं पराली जलाने के मामले भी दर्ज किए गए हैं. कृषि उप निदेशक डॉ. बाबूलाल ने जानकरी दी है कि सिरसा जिले में अभी तक 218 (218 stubble cases registered in Sirsa) मामले दर्ज किए जा चुके हैं.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद में DAP खाद की कमी से किसान बेहाल, बोले- गेहूं की बुआई में देरी से पड़ेगा उत्पादन पर असर

वहीं उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों और पुलिस प्रशासन के सहयोग से फसलों के अवशेष में आग लगाने वाले किसानों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है. अब तक कुल 90 प्रतिशत तक धान की कटाई हो चुकी है. उन्होंने सिरसा जिले के सभी किसानों से अपील भी की कि किसान अपने खेतों में धान की पराली को ना जलाएं और सरकार द्वारा पराली प्रबंधन के लिए दी जाने वाली स्कीमों का लाभ उठाएं.

सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले में पिछले काफी समय से किसान लगातार पराली जला (Stubble Burning in Sirsa) रहे हैं. जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अब जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी शुरू कर दी है.

वहीं जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने अब सख्त हिदायत दी है कि किसी भी किसान ने अगर पराली जलाई तो उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी फसलों के अवशेष जलाने वाले किसानों पर अब कृषि विभाग और सख्त होता दिखाई दे रहा है. हालांकि क्षेत्र में अभी भी धान की कटाई जारी है लेकिन आने वाले 10 से 15 दिन कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए बहुत अहम है.

क्योंकि इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो अब तक कुल 90% तक धान की कटाई की जा चुकी है. क्षेत्र में 2 लाख 31 हजार हेक्टेयर मे धान की बिजाई की जाती है. अधिकतर किसान पराली प्रबंधन कर विभाग की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. लेकिन क्षेत्र के कुछ किसान फसलों के अवशेषों को जला रहे हैं.

हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल आगजनी की घटना काफी कम हुई है और अब तक कुल 2 लाख 80 हजार का जुर्माना भी किया जा चुका है. वहीं पराली जलाने के मामले भी दर्ज किए गए हैं. कृषि उप निदेशक डॉ. बाबूलाल ने जानकरी दी है कि सिरसा जिले में अभी तक 218 (218 stubble cases registered in Sirsa) मामले दर्ज किए जा चुके हैं.

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वहीं उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों और पुलिस प्रशासन के सहयोग से फसलों के अवशेष में आग लगाने वाले किसानों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है. अब तक कुल 90 प्रतिशत तक धान की कटाई हो चुकी है. उन्होंने सिरसा जिले के सभी किसानों से अपील भी की कि किसान अपने खेतों में धान की पराली को ना जलाएं और सरकार द्वारा पराली प्रबंधन के लिए दी जाने वाली स्कीमों का लाभ उठाएं.

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