सिरसा: अगर मन में दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो हौसलों की उड़ान को कोई रोक नहीं सकता. यह बात शहर में ई-रिक्शा चला रही महिलाओं पर सटीक बैठती है. सिरसा की महिला ई-रिक्शा चालक अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं. ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही शहर की इन 5 महिलाओं को सिरसा पुलिस अधीक्षक डॉ. अर्पित जैन ने अपने कार्यालय में सम्मानित किया. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अगर महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर होंगी तो परिवार भी अधिक सम्पन्न और समृद्ध होंगे. इस दौरान ई-रिक्शा चालक महिलाओं ने भी खुशी जताते हुए कहा कि महिलाओं को घरों में कैद नहीं रहना चाहिए. वे भी काम कर आत्मनिर्भर बन सकती हैं.
महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है. क्षेत्र कोई भी हो, महिलाओं ने हर क्षेत्र में खुद को साबित किया है. सिरसा शहर में 5 महिलाएं ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही हैं और अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं. इसी को लेकर सिरसा पुलिस अधीक्षक डॉ. अर्पित जैन ने अपने कार्यालय में इन महिला ई-रिक्शा चालकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस अवसर पर ट्रैफिक थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बहादुर सिंह भी मौजूद रहे.
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पुलिस अधीक्षक से सम्मानित होने पर यह महिला ई-रिक्शा चालक बेहद खुश है. इन महिला चालकों का भी सपना है कि उनके बच्चे भी बड़े होकर अधिकारी बने. पुलिस अधीक्षक ने ई-रिक्शा चालक खुशी, सुमन देवी, सविता राणो तथा गीता को सम्मानित किया. इस दौरान पुलिस अधीक्षक डॉ. अर्पित जैन ने कहा कि अगर महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर होगी, तो परिवार और अधिक तरक्की करेगा.
उन्होंने कहा कि अगर किसी परिवार में महिला भी आत्मनिर्भर होगी, तो उस परिवार में आजीविका के साधन भी बढ़ेंगे. इससे परिवार अधिक समृद्ध होंगे. उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं, इसलिए ऐसा कोई भी कार्य नहीं है, जिसे महिला नहीं कर सकती हो. उन्होंने महिलाओं से आत्मनिर्भर बनने और अपने परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने परिवार की तरक्की के लिए कार्य करने की अपील की.
एसपी ने कहा कि ईमानदारी से किया गया कोई भी कार्य बुरा नहीं होता है बल्कि समाज में प्रशंसा ही दिलाता है. सम्मानित होने पर महिला ई-रिक्शा चालक सविता और सुमन ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के द्वारा सम्मानित होने पर वे अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. उन्होंने इस अवसर पर अन्य महिलाओं से भी आह्वान किया कि वे पूरी तरह आत्मनिर्भर बनें और अपने बच्चों की देखभाल के साथ साथ आजीविका के अन्य साधन भी अपनाएं.
महिला ई-रिक्शा चालक सविता ने कहा कि वो अपनी बेटी को बड़ा अधिकारी बनाना चाहती है. उसकी बेटी की भी इच्छा है कि वो पुलिस अधिकारी बने. वहीं महिला ई-रिक्शा चालक सुमन ने कहा कि वो किराये का रिक्शा चलाती है, अगर प्रशासन सहयोग कर उसे ई-रिक्शा दिला दे, तो वो और कड़ी मेहनत कर अपने परिवार को बेहतर शिक्षा दे सकेगी.