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सिरसा के हेल्थ इंस्पेक्टर ने की आत्महत्या, डेढ़ करोड़ के गबन का लगा था आरोप - सिरसा हेल्थ इंस्पेक्टर गबन आरोप

सिरसा के नागरिक अस्पताल के हेल्थ इंस्पेक्टर देवेंद्र मोंगा ने पंजाब की नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली है. देवेंद्र मोंगा पर मास्क चालान के एक करोड़ 60 लाख रुपये के गबन का आरोप लगा था.

sirsa health inspector committed suicide
sirsa health inspector committed suicide
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Published : Jun 2, 2021, 9:15 PM IST

Updated : Jun 2, 2021, 10:09 PM IST

सिरसा: नागरिक अस्पताल के हेल्थ इंस्पेक्टर देवेंद्र मोंगा पर मास्क का चालान करने के नाम पर एक करोड़ 60 लाख रुपये के गबन का आरोप लगा था. वहीं अब हेल्थ इंस्पेक्टर ने पंजाब की नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली है.

परिजनों ने चार लोगों पर लगाए आरोप

इस मामले को हेल्थ इंस्पेक्टर देवेंद्र मोंगा के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डॉक्टर मनीष बंसल, डिप्टी सीएमओ डॉक्टर प्रमोद शर्मा सहित चार लोगों पर देवेंद्र को प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाए हैं. मृतक के परिजनों ने कहा कि इन चार लोगों से परेशान होकर देवेंद्र नहर में कूदा है.

सिरसा के हेल्थ इंस्पेक्टर ने की आत्महत्या, डेढ़ करोड़ के गबन के लगे थे आरोप

वहीं देवेंद्र मोंगा के बारे में अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. गोताखोर फिलहाल देवेंद्र मोंगा को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं. परिजनों के मुताबिक देवेंद्र मोंगा की गाड़ी से चालान कॉपी व सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. परिजनों ने कहा कि सुसाइड नोट में सीएमओ डॉ मनीष बंसल, डिप्टी सीएमओ प्रमोद शर्मा सहित चार लोगों को देवेंद्र ने आत्महत्या करने का जिम्मेदार ठहराया है.

ये भी पढ़ें- सिरसा: कोरोना कैदियों के अस्थाई जेल में तैनात पुलिसकर्मी ने की खुदकुशी, ये थी वजह

हेल्थ इंस्पेक्टर देवेंद्र मोंगा के भाई सुदर्शन सिंह ने बताया कि हमने सुसाइड नोट में लिखे चार लोगों को ही मौत का जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने बताया कि जब से ये सीएमओ आया है तब से देवेंद्र और अधिक परेशान हो रहा था. देवेंद्र अपने बेटे को इस बारे में कई बार बता चुका था. देवेंद्र की तीन महीने की तनख्वाह भी रोकी गई थी. देवेंद्र की गाड़ी से अस्पताल से संबंधित रिकॉर्ड भी मिला है. जिसमें पैसे जमा करवाने का ब्यौरा है. जो कि पुलिस के पास है.

बेटे और पत्नी को बताई थी पूरी बात

28 मई को देवेंद्र अपने कार्यालय में भी जाकर आया था. मगर वहां उसको अपने खिलाफ साजिश दिखी तो वह वापस घर आ गया और हेड ऑफिस में ये बात पहुंचाने के लिए निकल गया. उसके बाद उसने अपने बेटे और पत्नी को फोन करके पूरी बात बताई. उसने बताया कि उसने गबन नहीं किया है और उसे फंसाया जा रहे है इसलिए वह अपनी जिंदगी खत्म कर रहा है.

इस मामले में पंजाब के रोपड़ जिले की पुलिस ने सुसाइड नोट और परिजनों के बयान के आधार पर नागरिक अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर मनीष बंसल, डिप्टी सीएमओ डॉक्टर प्रमोद शर्मा, क्लर्क राजेश भारद्वाज और एओ प्रेमचंद को आरोपी बनाया है.

क्या है मामला?

बता दें कि, देवेंद्र मोंगा नाम के हेल्थ इंस्पेक्टर पर चालान बुक और वसूली के डेढ़ करोड़ रुपयों सहित गायब होने का आरोप लगा था. इसके बाद हेल्थ इंस्पेक्टर देवेंद्र मोंगा ने फेसबुक पर लाइव आकर बोला था कि मैं सुसाइड कर लूंगा. साथ ही उसने आरोप लगाते हुआ कहा था कि नागरिक अस्पताल के दो डॉक्टर और एक अकाउंट ऑफिसर उसे प्रताड़ित कर रहे हैं.

इस मामले पर फिर सिविल सर्जन मनीष बंसल ने बताया था कि देवेंद्र मोंगा जो कि हेल्थ इंस्पेक्टर है. उन्होंने अब तक कुल 85 लाख रुपये की राशि जमा कराई है बाकी के लिए उन्हें रिटेन नोटिस दिया गया था. जिसके बाद वो खुद अस्पताल में आए और सिविल सर्जन से मिले. हेल्थ इंस्पेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग से 3 जून तक सारा रिकॉर्ड देने के लिए समय मांगा. सीएमओ ने साफ किया कि हेल्थ इंस्पेक्टर की ओर से रिकॉर्ड दिए जाने के बाद ही जांच की जाएगी.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में चालान के नाम पर डेढ़ करोड़ का गबन! AAP ने उठाई जांच की मांग

सिरसा: नागरिक अस्पताल के हेल्थ इंस्पेक्टर देवेंद्र मोंगा पर मास्क का चालान करने के नाम पर एक करोड़ 60 लाख रुपये के गबन का आरोप लगा था. वहीं अब हेल्थ इंस्पेक्टर ने पंजाब की नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली है.

परिजनों ने चार लोगों पर लगाए आरोप

इस मामले को हेल्थ इंस्पेक्टर देवेंद्र मोंगा के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डॉक्टर मनीष बंसल, डिप्टी सीएमओ डॉक्टर प्रमोद शर्मा सहित चार लोगों पर देवेंद्र को प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाए हैं. मृतक के परिजनों ने कहा कि इन चार लोगों से परेशान होकर देवेंद्र नहर में कूदा है.

सिरसा के हेल्थ इंस्पेक्टर ने की आत्महत्या, डेढ़ करोड़ के गबन के लगे थे आरोप

वहीं देवेंद्र मोंगा के बारे में अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. गोताखोर फिलहाल देवेंद्र मोंगा को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं. परिजनों के मुताबिक देवेंद्र मोंगा की गाड़ी से चालान कॉपी व सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. परिजनों ने कहा कि सुसाइड नोट में सीएमओ डॉ मनीष बंसल, डिप्टी सीएमओ प्रमोद शर्मा सहित चार लोगों को देवेंद्र ने आत्महत्या करने का जिम्मेदार ठहराया है.

ये भी पढ़ें- सिरसा: कोरोना कैदियों के अस्थाई जेल में तैनात पुलिसकर्मी ने की खुदकुशी, ये थी वजह

हेल्थ इंस्पेक्टर देवेंद्र मोंगा के भाई सुदर्शन सिंह ने बताया कि हमने सुसाइड नोट में लिखे चार लोगों को ही मौत का जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने बताया कि जब से ये सीएमओ आया है तब से देवेंद्र और अधिक परेशान हो रहा था. देवेंद्र अपने बेटे को इस बारे में कई बार बता चुका था. देवेंद्र की तीन महीने की तनख्वाह भी रोकी गई थी. देवेंद्र की गाड़ी से अस्पताल से संबंधित रिकॉर्ड भी मिला है. जिसमें पैसे जमा करवाने का ब्यौरा है. जो कि पुलिस के पास है.

बेटे और पत्नी को बताई थी पूरी बात

28 मई को देवेंद्र अपने कार्यालय में भी जाकर आया था. मगर वहां उसको अपने खिलाफ साजिश दिखी तो वह वापस घर आ गया और हेड ऑफिस में ये बात पहुंचाने के लिए निकल गया. उसके बाद उसने अपने बेटे और पत्नी को फोन करके पूरी बात बताई. उसने बताया कि उसने गबन नहीं किया है और उसे फंसाया जा रहे है इसलिए वह अपनी जिंदगी खत्म कर रहा है.

इस मामले में पंजाब के रोपड़ जिले की पुलिस ने सुसाइड नोट और परिजनों के बयान के आधार पर नागरिक अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर मनीष बंसल, डिप्टी सीएमओ डॉक्टर प्रमोद शर्मा, क्लर्क राजेश भारद्वाज और एओ प्रेमचंद को आरोपी बनाया है.

क्या है मामला?

बता दें कि, देवेंद्र मोंगा नाम के हेल्थ इंस्पेक्टर पर चालान बुक और वसूली के डेढ़ करोड़ रुपयों सहित गायब होने का आरोप लगा था. इसके बाद हेल्थ इंस्पेक्टर देवेंद्र मोंगा ने फेसबुक पर लाइव आकर बोला था कि मैं सुसाइड कर लूंगा. साथ ही उसने आरोप लगाते हुआ कहा था कि नागरिक अस्पताल के दो डॉक्टर और एक अकाउंट ऑफिसर उसे प्रताड़ित कर रहे हैं.

इस मामले पर फिर सिविल सर्जन मनीष बंसल ने बताया था कि देवेंद्र मोंगा जो कि हेल्थ इंस्पेक्टर है. उन्होंने अब तक कुल 85 लाख रुपये की राशि जमा कराई है बाकी के लिए उन्हें रिटेन नोटिस दिया गया था. जिसके बाद वो खुद अस्पताल में आए और सिविल सर्जन से मिले. हेल्थ इंस्पेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग से 3 जून तक सारा रिकॉर्ड देने के लिए समय मांगा. सीएमओ ने साफ किया कि हेल्थ इंस्पेक्टर की ओर से रिकॉर्ड दिए जाने के बाद ही जांच की जाएगी.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में चालान के नाम पर डेढ़ करोड़ का गबन! AAP ने उठाई जांच की मांग

Last Updated : Jun 2, 2021, 10:09 PM IST
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