ETV Bharat / state

ओपी चौटाला को माइक न देने पर किसान नेता का बड़ा बयान - ओपी चौटाला किसान धरना माइक

हरियाणा में किसान अब इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला (om prakash Chautala) के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. किसानों ने चौटाला का पुतला फूंका और माफी मांगने के लिए कहा है. वहीं इस मामले पर सिरसा से किसान नेता प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने भी बड़ा बयान दिया है.

om prakash chautala farmer protest
om prakash chautala farmer protest
author img

By

Published : Jul 26, 2021, 7:54 PM IST

सिरसा: जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर रविवार को खाप नेता के साथ हुए दुर्व्यवहार के बाद किसानों में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला (om prakash Chautala) के खिलाफ काफी गुस्सा है. चरखी दादरी जिले में जहां किसानों ने ओपी चौटाला के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका पुतला फूंका और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात कही तो वहीं अब सिरसा से किसान नेता प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने भी ओपी चौटाला को लेकर बड़ा बयान दिया है.

ओमप्रकाश चौटाला को मंच न आने देने के प्रश्र पर किसान नेता प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि ये पहले से ही तय था कि किसी भी राजनेता को किसान आंदोलन में मंच पर बोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी. कोई भी राजनेता समर्थन दे सकता है, लेकिन पंडाल में बैठकर.

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों का धरना लगातार जारी है. इसी धरने में शामिल होने रविवार को ओपी चौटाला को आना था, लेकिन किसानों की ओर से पहले ही ऐलान कर दिया गया था कि वो ओपी चौटाला को ना तो मंच साझा करने देंगे और ना ही उन्हें बोलने के लिए माइक देंगे. किसानों के मना करने के बाद भी ओपी चौटाला रविवार को खटकड़ टोल प्लाजा पर पहुंचे, जहां किसानों ने उन्हें बोलने का मौका तक नहीं दिया. ओपी चौटाला माइक मांगते रह गए, लेकिन किसानों ने उन्हें माइक नहीं दिया.

ये भी पढ़ें- हरियाणा: किसानों ने ओपी चौटाला को नहीं दिया माइक, तिलमिलाकर किसान को मारी छड़ी!

ओपी चौटाला ने यहां तक कहा कि एक बार जनता से पूछ लो कि माइक देना है कि नहीं, लेकिन इसके बाद भी किसान अपनी फैसले पर अड़े रहे. इस दौरान ओपी चौटाला ने किसान नेताओं से कई बार माइक मांगा, लेकिन किसानों ने माइक नहीं दिया. इसके बाद गुस्से में आकर ओपी चौटाला किसानों के धरने से बैंरग लौटने पर मजबूर हुए.

वहीं सिरसा में गिरफ्तार हुए किसानों की रिहाई पर संशय को लेकर किसान नेता प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि हमारा आंदोलन पर्चे दर्ज करवाने का नहीं, बल्कि कृषि कानून को रद्द करवाने का है. हम पर्चों से नहीं डरते, लेकिन अगर किसानों को गिरफ्तारी होगी, तो हम प्रदर्शन करेंगे. देशद्रोह मामले में गिरफ्तार किसानों की बेशर्त रिहाई हुई है. हमने जमानत नहीं ली, कृषि कानून रद्द होने के बाद पर्चे भी रद्द हो जाएंगे. हमारी लड़ाई कृषि कानूनों से है, हम हर हाल में जीतेंगे और पर्चे भी रद्द होंगे.

ये भी पढ़ें- जानिए क्यों किसानोंं ने फूंका ओपी चौटाला का पुतला, क्या माफी मांगेंगे इनेलो सुप्रीमो ?

सिरसा: जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर रविवार को खाप नेता के साथ हुए दुर्व्यवहार के बाद किसानों में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला (om prakash Chautala) के खिलाफ काफी गुस्सा है. चरखी दादरी जिले में जहां किसानों ने ओपी चौटाला के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका पुतला फूंका और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात कही तो वहीं अब सिरसा से किसान नेता प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने भी ओपी चौटाला को लेकर बड़ा बयान दिया है.

ओमप्रकाश चौटाला को मंच न आने देने के प्रश्र पर किसान नेता प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि ये पहले से ही तय था कि किसी भी राजनेता को किसान आंदोलन में मंच पर बोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी. कोई भी राजनेता समर्थन दे सकता है, लेकिन पंडाल में बैठकर.

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों का धरना लगातार जारी है. इसी धरने में शामिल होने रविवार को ओपी चौटाला को आना था, लेकिन किसानों की ओर से पहले ही ऐलान कर दिया गया था कि वो ओपी चौटाला को ना तो मंच साझा करने देंगे और ना ही उन्हें बोलने के लिए माइक देंगे. किसानों के मना करने के बाद भी ओपी चौटाला रविवार को खटकड़ टोल प्लाजा पर पहुंचे, जहां किसानों ने उन्हें बोलने का मौका तक नहीं दिया. ओपी चौटाला माइक मांगते रह गए, लेकिन किसानों ने उन्हें माइक नहीं दिया.

ये भी पढ़ें- हरियाणा: किसानों ने ओपी चौटाला को नहीं दिया माइक, तिलमिलाकर किसान को मारी छड़ी!

ओपी चौटाला ने यहां तक कहा कि एक बार जनता से पूछ लो कि माइक देना है कि नहीं, लेकिन इसके बाद भी किसान अपनी फैसले पर अड़े रहे. इस दौरान ओपी चौटाला ने किसान नेताओं से कई बार माइक मांगा, लेकिन किसानों ने माइक नहीं दिया. इसके बाद गुस्से में आकर ओपी चौटाला किसानों के धरने से बैंरग लौटने पर मजबूर हुए.

वहीं सिरसा में गिरफ्तार हुए किसानों की रिहाई पर संशय को लेकर किसान नेता प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि हमारा आंदोलन पर्चे दर्ज करवाने का नहीं, बल्कि कृषि कानून को रद्द करवाने का है. हम पर्चों से नहीं डरते, लेकिन अगर किसानों को गिरफ्तारी होगी, तो हम प्रदर्शन करेंगे. देशद्रोह मामले में गिरफ्तार किसानों की बेशर्त रिहाई हुई है. हमने जमानत नहीं ली, कृषि कानून रद्द होने के बाद पर्चे भी रद्द हो जाएंगे. हमारी लड़ाई कृषि कानूनों से है, हम हर हाल में जीतेंगे और पर्चे भी रद्द होंगे.

ये भी पढ़ें- जानिए क्यों किसानोंं ने फूंका ओपी चौटाला का पुतला, क्या माफी मांगेंगे इनेलो सुप्रीमो ?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.