सिरसा: सुभाष बस्ती के रहने वाले 9 मजदूरों ने पहले नई साइकिलें खरीदी. फिर किसी मजबूरी में नहीं, बस टीवी पर देखकर सिरसा से सैंकड़ो किलोमीटर दूर बिहार के मुजफ्फरपुर और पटना के लिए रवाना हो गए. इन मजदूरों को तीन दिन बाद रोहतक पुलिस ने पकड़ा और फिर सिरसा पुलिस के हवाले कर दिया.
सिरसा से बिहार के लिए निकले दिनकर ने बताया कि उन्हें सिरसा में कोई समस्या नहीं थी. बस उन्होंने टीवी पर देखा कि लोग अपने-अपने घर की ओर पलायन कर रहे हैं. जिसके बाद उन्होंने भी साइकिल से बिहार अपने घर जाने के बारे में सोचा.
बता दें कि सिरसा से छुपते छुपाते साईकिलों पर सवार होकर ये 9 मजदूर तीन दिन बाद रोहतक पहुंचे थे. यहां रोहतक पुलिस ने इन्हें काबू किया. जिसके बाद मजदूरों की साइकिल जब्त करने के बाद रोहतक पुलिस ने विशेष बस से इन्हें सिरसा के सिविल लाइन थाना पुलिस के हवाले किया. फिर पुलिस ने इन्हें सुभाष बस्ती भेज दिया, लेकिन बस्ती के लोगों ने इन्हें घरों में घुसने से रोक दिया.
ये भी पढ़िए: कोरोना: कुछ ऐसे वर्दी के फर्ज के साथ घर की जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं DGP मनोज यादव
जब इसकी सूचना वार्ड पार्षद रीना सेठी को मिली तो उन्होंने सिविल लाइन थाना पुलिस की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल वैन को बुला कर इन सभी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग करवाई. प्राथमिक जांच में इनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिले हैं. फिर भी एतिहात बरतते हुए सभी को होने क्वारंटीन करने के निर्देश दिए गए हैं.