सिरसा: नौकरी से हटाए गए पीटीआई शिक्षकों का धरना और क्रमिक अनशन रविवार को 63वें दिन भी लघु सचिवालय में जारी रहा. प्रदर्शनकारियों ने सरकार द्वारा 23 अगस्त को दोबारा परीक्षा करवाने के फैसले पर भी विरोध जताया.
बर्खास्त पीटीआई शिक्षक ने कहा कि पहले भी वे परीक्षा देकर नौकरी पर लगे थे. इसलिए अब दोबारा वे परीक्षा नहीं देंगे. सरकार उनको प्रताड़ित करने के लिए नई-नई नीतियां बना रही है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी बहाली नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
नौकरी से हटाए गए शिक्षकों ने कहा कि इस बार उन्होंने राष्ट्रीय पर्व भी काले दिवस के रूप में मनाया है. सरकार हठधर्मिता अपनाए हुए है. लगातार 63 दिनों से वे आंदोलन कर रहे हैं लेकिन इस ओर ध्यान देने की बजाए नए-नए कानून बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 23 अगस्त को होने वाली परीक्षा में प्रदेशभर से एक भी अध्यापक हिस्सा नहीं लेगा.
आपको बता दें कि राज्य में बर्खास्त किए गए 1983 पीटीआई की जगह नए सिरे होने वाली भर्ती परीक्षा 23 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने 2010 की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया था. इसलिए दोबारा कमीशन की ओर से प्रक्रिया शुरू की गई है. बताया जा रहा है कि इस परीक्षा में नौकरी से निकाले गए पीटीआई शिक्षक हिस्सा नहीं लेंगे.
ये है पूरा मामला?
हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यार्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी गई थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं.
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए हरियाणा सरकार ने इसी साल 1983 पीटीआई शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है. जिसके बाद से प्रदेशभर में पीटीआई शिक्षकों की बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी है.
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