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Farmers Sedition Case: ना कपड़े पहनने दिए ना कारण बताया और उठा ले गई पुलिस- गिरफ्तार किसान का बेटा

सिरसा में हरियाणा के डिप्टी स्पीकर की कार के शीशे तोड़ने और देशद्रोह (Farmers Sedition Case) के मामले में गिरफ्तार हुए पांच किसानों के परिजन भी धरने पर पहुंचे. इस दौरान इन किसानों के परिजनों ने गिरफ्तारी वाले दिन का पूरा वाक्या बताया.

Farmers Sedition Case sirsa
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Published : Jul 18, 2021, 7:37 PM IST

सिरसा: हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा (Deputy Speaker Ranbir Gangwa Car Attack) की गाड़ी पर हमला करने के मामले में दो नामजद और करीब सौ किसानों पर देशद्रोह (Farmers Sedition Case) का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में पांच किसानों की गिरफ्तारी भी हुई है. इन पांच किसानों में से तीन किसान गांव फग्गू, एक किसान गांव रंगा व एक किसान सिरसा से ही है.

किसानों की गिरफ्तारी के बाद किसान जत्थेबंदियों में रोष बढ़ गया है. उसी के चलते किसानों द्वारा बीते दिन शहीद भगत सिंह स्टेडियम में महापंचायत का आयोजन भी किया गया. जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत सहित कई अन्य किसान नेताओं ने शिरकत की. केस हटाने और गिरफ्तार किसानों की रिहाई को लेकर किसानों ने लघु सचिवालय परिसर के बाहर धरना भी शुरू कर दिया है. इन सभी के बाद अब जानना ये होगा कि जिन-जिन गांवों से किसानों को गिरफ्तार किया गया है गिरफ्तारी के बाद उन गांवों में माहौल किस तरह का है.

सुनिए गिरफ्तार हुए किसानों के परिजनों का बयान

इसी विषय को लेकर आज गांव फग्गू और रंगा के किसानों व गिरफ्तार हुए किसानों के परिजनों से बातचीत की गई. बातचीत के दौरान गांव फग्गू से गिरफ्तार हुए बलकौर सिंह के बेटे लखविंदर सिंह ने पूरा वाक्या बताया. उन्होंने कहा कि उस दिन सुबह करीब 6 बजे का समय था. हम सभी सो रहे थे तभी अचानक तीन गाड़ियों में 20 से 25 पुलिसकर्मी आए और मेरे पापा को साथ ले गए. लखविंदर ने बताया के हमने पुलिसकर्मियों से पूछने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्होंने हमें कोई जवाब नहीं दिया.

ये भी पढ़ें- पुलिस शीशे तोड़े तो कोई बात नहीं, किसान तोड़े तो देशद्रोही, सुनिए टिकैत का बड़ा बयान

उन्होंने बताया कि मेरे पापा जिस स्थिति में सो रहे थे पुलिस उन्हें वैसे के वैसे ही उठा कर ले गई. उन्होंने पापा को कपड़े भी नहीं पहनने दिए. पिता की गिरफ्तारी के बाद भी लखविंदर ने हिम्मत दिखाते हुए कहा कि हम डरने वाले नहीं हैं. चाहे हमारी भी गिरफ्तारी क्यों न कर ली जाए, लेकिन हम पीछे नही हटेंगे और अपना हक लेकर ही हटेंगे.

वहीं जब इस विषय पर गांव रंगा के किसान दिलजीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद उनके ताऊ जोगिंदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सुबह करीब 6 बजे का समय था. तीन गाड़ियों में 20 से 25 पुलिसकर्मी आए और मेरे भतीजे को ले गए. पुलिसकर्मी ने बताया था कि 11 जुलाई को हुए प्रकरण के बारे में पूछताछ के लिए लेकर जा रहे है. इस विषय को लेकर 15 तारीख को हम पुलिस अधीक्षक से मिलने गए तो उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि इस विषय पर हमारी बातचीत अभी चल रही है जो करेंगे सही करेंगे.

उन्होंने कहा कि हमारा बच्चा बेकसूर है, बेवजह उसे जेल में डाल दिया गया है. किसानों ने कहा कि जल्द से जल्द गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा किया जाए नहीं तो ये आंदोलन और तेजी पकड़ेगा. बहरहाल इस मामले में फिलहाल पुलिस ने केस वापस लेने और किसानों को रिहा करने से इनकार कर दिया है. वहीं किसान भी बड़ी संख्या में सिरसा में लघु सचिवालय परिसर के बाहर धरने पर बैठे हैं.

ये भी पढ़ें- देशद्रोह मामला: अल्टीमेटम खत्म, पुलिस नहीं मानी, आमरण अनशन पर बैठे किसान

सिरसा: हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा (Deputy Speaker Ranbir Gangwa Car Attack) की गाड़ी पर हमला करने के मामले में दो नामजद और करीब सौ किसानों पर देशद्रोह (Farmers Sedition Case) का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में पांच किसानों की गिरफ्तारी भी हुई है. इन पांच किसानों में से तीन किसान गांव फग्गू, एक किसान गांव रंगा व एक किसान सिरसा से ही है.

किसानों की गिरफ्तारी के बाद किसान जत्थेबंदियों में रोष बढ़ गया है. उसी के चलते किसानों द्वारा बीते दिन शहीद भगत सिंह स्टेडियम में महापंचायत का आयोजन भी किया गया. जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत सहित कई अन्य किसान नेताओं ने शिरकत की. केस हटाने और गिरफ्तार किसानों की रिहाई को लेकर किसानों ने लघु सचिवालय परिसर के बाहर धरना भी शुरू कर दिया है. इन सभी के बाद अब जानना ये होगा कि जिन-जिन गांवों से किसानों को गिरफ्तार किया गया है गिरफ्तारी के बाद उन गांवों में माहौल किस तरह का है.

सुनिए गिरफ्तार हुए किसानों के परिजनों का बयान

इसी विषय को लेकर आज गांव फग्गू और रंगा के किसानों व गिरफ्तार हुए किसानों के परिजनों से बातचीत की गई. बातचीत के दौरान गांव फग्गू से गिरफ्तार हुए बलकौर सिंह के बेटे लखविंदर सिंह ने पूरा वाक्या बताया. उन्होंने कहा कि उस दिन सुबह करीब 6 बजे का समय था. हम सभी सो रहे थे तभी अचानक तीन गाड़ियों में 20 से 25 पुलिसकर्मी आए और मेरे पापा को साथ ले गए. लखविंदर ने बताया के हमने पुलिसकर्मियों से पूछने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्होंने हमें कोई जवाब नहीं दिया.

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उन्होंने बताया कि मेरे पापा जिस स्थिति में सो रहे थे पुलिस उन्हें वैसे के वैसे ही उठा कर ले गई. उन्होंने पापा को कपड़े भी नहीं पहनने दिए. पिता की गिरफ्तारी के बाद भी लखविंदर ने हिम्मत दिखाते हुए कहा कि हम डरने वाले नहीं हैं. चाहे हमारी भी गिरफ्तारी क्यों न कर ली जाए, लेकिन हम पीछे नही हटेंगे और अपना हक लेकर ही हटेंगे.

वहीं जब इस विषय पर गांव रंगा के किसान दिलजीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद उनके ताऊ जोगिंदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सुबह करीब 6 बजे का समय था. तीन गाड़ियों में 20 से 25 पुलिसकर्मी आए और मेरे भतीजे को ले गए. पुलिसकर्मी ने बताया था कि 11 जुलाई को हुए प्रकरण के बारे में पूछताछ के लिए लेकर जा रहे है. इस विषय को लेकर 15 तारीख को हम पुलिस अधीक्षक से मिलने गए तो उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि इस विषय पर हमारी बातचीत अभी चल रही है जो करेंगे सही करेंगे.

उन्होंने कहा कि हमारा बच्चा बेकसूर है, बेवजह उसे जेल में डाल दिया गया है. किसानों ने कहा कि जल्द से जल्द गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा किया जाए नहीं तो ये आंदोलन और तेजी पकड़ेगा. बहरहाल इस मामले में फिलहाल पुलिस ने केस वापस लेने और किसानों को रिहा करने से इनकार कर दिया है. वहीं किसान भी बड़ी संख्या में सिरसा में लघु सचिवालय परिसर के बाहर धरने पर बैठे हैं.

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