सिरसा: 10 अक्तूबर 2017 को प्रशासन की ओर से सिरसा को कैटल फ्री जिला घोषित किया गया था, लेकिन स्थिति इससे बिलकुल उल्ट है. सिरसा में आवारा पशुओं की समस्या जस की तस बनी हुई है. शहर की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशु प्रशासन के कैटल फ्री सिरसा के दावे की पोल खोलते नजर आते हैं. ये बेसहारा पशु लोगों की जान के लिए खतरा बने हुए हैं.
सिर्फ कागजों में कैटल फ्री सिरसा!
लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने कागजों में सिरसा को कैटल फ्री घोषित कर दिया है, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ नहीं है. लोगों ने सरकार से मांग की है कि सरकार जल्द इन बेसहारा पशुओं को गोशाला में भेजकर समस्या का समाधान करें. वही नगर परिषद के उप प्रधान भी इस समस्या का समाधान जल्द करने का आश्वासन दे रहे है.
फेल हो रहे प्रशासन के दावे
प्रशासन ने दावा किया था कि सिरसा को बेसहारा पशु मुक्त घोषित करने के बाद सड़कों पर केवल डेढ़ हजार बेसहारा पशु बचे हैं, जबकि सच्चाई इससे उलट है और बेसहारा पशुओं की संख्या तीन से चार हजार के बीच है. पिछले तीन वर्षों में बेसहारा पशुओं के कारण जिलेभर में 100 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं.
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सरकारी कागजों में सिरसा को कैटल फ्री घोषित करने की जल्दबाजी के कारण जनता को खोखले दावे के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हो पाया है. शहर के बरनाला रोड, हिसार रोड, बेगू रोड, डबवाली रोड, रंगड़ी रोड, हिसार रोड, रानियां रोड, सिविल अस्पताल रोड, नोहरिया बाजार, भादरा बाजार, गोशाला रोड, आर्य समाज रोड सहित सभी 31 वार्डों के अंदर सडडकों और गलियों में बेसहारा पशु हर समय दिखाई देते हैं.