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रानियां पार्क घोटाला: छुट्टी के दिन नगर पालिका दफ्तर आए अधिकारी, कागजों में हेरफेर की आशंका - सिरसा

सिरसा के रानियां में एक पार्क में करोड़ों रुपये के घोटाले की जानकारी मिलते ही नगर पालिका रानियां के अधिकारी हरकत में आ गए. लोगों का आरोप है कि नगर पालिका अधिकारियों ने छुट्टी के दिन कार्यालय खोला और घोटाले के कागजों में हेर-फेर किया है.

rania park scam
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Published : Aug 20, 2019, 7:36 PM IST

सिरसा: रानियां के एक पार्क में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. नगर पालिका के कार्यालय में जहां सोमवार को नगर पालिका के अधिकारी अपने कार्यालय में मौजूद नहीं रहे तो वहीं शनिवार और रविवार यानि छुटटी के दिन कर्मचारी अपने कार्यालय में मौजूद थे. ऐसे में लोगों का मानना है कि पार्क में हुए घोटाले के कागजों में जरूर हेरफेर किया गया है.

रानियां में छुट्टी के दिन नगर पालिका का कार्यालय खुलने पर उठे सवाल

सोमवार के दिन नगर पालिका कार्यालय में कुर्सियां खाली पड़ी मिली तो वहीं दूसरी ओर शनिवार और रविवार को छुट्टी के दिन नगर पालिका रानियां के कर्मचारी अपने कार्यालय में काम करते हुए दिखाई दिए. वहीं सोमवार के दिन अपनी शिकायतें और फरियाद लेकर कार्यालय में आए लोग परेशान रहे.

छुटटी के दिन अधिकारियों का कार्यालय में आना एक ही बात की ओर इशारा कर रहा है कि जो पार्क में करोडों का महाघोटाला किया गया था. उसकी भरपाई कागजों में छुट्टी के दिन की जा रही थी. लेकिन जब पता किया तो कर्मचारियों ने बताया कि उपायुक्त महोदय के आदेश के बाद ही छुट्टी के दिन कार्यालय खोला गया.

जब इस बारे में पार्क महाघोटाले की जांच कर रहे कमेटी के सदस्य बलवान जांगड़ा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वे इस मामले की भी जांच कर रहे हैं कि आखिर छुट्टी के दिन कर्मचारी कार्यालय में उपायुक्त के आदेश से आए थे या फिर कागजों के साथ छेड़छाड़ करने की जांच चल रही है और जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि कागजों के साथ फिर से छेड़छाड़ की गई है या नहीं.

एक ओर तो उपायुक्त के आदेश पर छुट्टी के दिन भी कर्मचारी कार्यालय में होते हैं लेकिन वहीं अगर उससे अगले ही दिन की बात करें तो नगर पालिका कार्यालय में केवल तीन ही कर्मचारी दिखाई पड़ते हैं. ऐसे में लोगों का मानना है कि पार्क में हुए घोटाले के कागजों में जरूर हेरफेर किया गया है.

सिरसा: रानियां के एक पार्क में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. नगर पालिका के कार्यालय में जहां सोमवार को नगर पालिका के अधिकारी अपने कार्यालय में मौजूद नहीं रहे तो वहीं शनिवार और रविवार यानि छुटटी के दिन कर्मचारी अपने कार्यालय में मौजूद थे. ऐसे में लोगों का मानना है कि पार्क में हुए घोटाले के कागजों में जरूर हेरफेर किया गया है.

रानियां में छुट्टी के दिन नगर पालिका का कार्यालय खुलने पर उठे सवाल

सोमवार के दिन नगर पालिका कार्यालय में कुर्सियां खाली पड़ी मिली तो वहीं दूसरी ओर शनिवार और रविवार को छुट्टी के दिन नगर पालिका रानियां के कर्मचारी अपने कार्यालय में काम करते हुए दिखाई दिए. वहीं सोमवार के दिन अपनी शिकायतें और फरियाद लेकर कार्यालय में आए लोग परेशान रहे.

छुटटी के दिन अधिकारियों का कार्यालय में आना एक ही बात की ओर इशारा कर रहा है कि जो पार्क में करोडों का महाघोटाला किया गया था. उसकी भरपाई कागजों में छुट्टी के दिन की जा रही थी. लेकिन जब पता किया तो कर्मचारियों ने बताया कि उपायुक्त महोदय के आदेश के बाद ही छुट्टी के दिन कार्यालय खोला गया.

जब इस बारे में पार्क महाघोटाले की जांच कर रहे कमेटी के सदस्य बलवान जांगड़ा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वे इस मामले की भी जांच कर रहे हैं कि आखिर छुट्टी के दिन कर्मचारी कार्यालय में उपायुक्त के आदेश से आए थे या फिर कागजों के साथ छेड़छाड़ करने की जांच चल रही है और जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि कागजों के साथ फिर से छेड़छाड़ की गई है या नहीं.

एक ओर तो उपायुक्त के आदेश पर छुट्टी के दिन भी कर्मचारी कार्यालय में होते हैं लेकिन वहीं अगर उससे अगले ही दिन की बात करें तो नगर पालिका कार्यालय में केवल तीन ही कर्मचारी दिखाई पड़ते हैं. ऐसे में लोगों का मानना है कि पार्क में हुए घोटाले के कागजों में जरूर हेरफेर किया गया है.

Intro:एंकर - रानियां के एक पार्क में करोडों रूपए के घोटाले की जानकारी मिलते ही नगर पालिका रानियां के अधिकारी एक दम से हरकत में आ गए। जहां सोमवार को नगर पालिका के अधिकारी अपने कार्यालय में मौजूद नहीं रहे तो वहीं शनिवार और रविवार यानि छुटटी के दिन कर्मचारी अपने कार्यालय में मौजूद रहे। ऐसे में लोगों का मानना है कि पार्क में हुए घोटाले के कागजांे की भरपाई अवश्य की होगी।

Body:वीओ -सामने दिखाई दे रही तस्वीरें रानियां के नगर पालिका कार्यालय की हैं। इन तस्वीरों को देखकर आप यही सोच रहे होंगे कि ये तस्वीरें रविवार या छुटटी के दिन की है जी नहीं ये तस्वीरें सोमवार की हैं जिस दिन कोई सरकारी छुटटी नहीं थी। लेकिन स्क्रीन पर दिखाई दे रही खाली कुर्सियों को देखकर यही अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद छुटटी हो। लेकिन वहीं दूसरी तस्वीर आपको दिखाते हैं जिसमें आपको नगर पालिका रानियां के कर्मचारी अपने कार्यालय में काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं ये काम शनिवार और रविवार को हो रहा था यानि छुटटी के दिन। इन दोनों तस्वीरों को देखकर हम अगर अपने काम से नगर पालिका कार्यालय आएं तो किस दिन आएं समझना थोडा मुश्किल है। यहां आए लोगों को अधिकारियों के मौजूद ना होने के कारण बहुत ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पडा है। सोमवार को नगर पालिका रानियां के कार्यालय मंे केवल तीन ही कर्मचारी मौजूद थे।
बाईट - दर्पण, सुनील स्ािानीय निवासी।

वीओ - छुटटी के दिन अधिकारियों का कार्यालय मंे आना एक ही बात की ओर इशारा कर रहा है कि जो पार्क में करोडों का महाघोटाला किया गया था उसकी भरपाई कागजों में छुटटी के दिन की जा रही थी। लेकिन जब पता किया तो कर्मचारियों ने बताया कि उपायुक्त महोदय के आदेश के बाद ही छुटटी के दिन कार्यालय खोला गया है। लेकिन अगर बिना छुटटी के दिन की बात करें तो केवल तीन ही कर्मचारी कार्यालय में मौजूद दिखाई दिए। वहीं जब इस बारे में पार्क महाघोटाले की जांच कर रहे कमेटी के सदस्य बलवान जांगडा से बातचीत की गई तो उनहोंने बताया कि वे इस मामले की भी जांच कर रहे हैं कि आखिर छुटटी के दिन कर्मचारी कार्यालय में उपायुक्त महोदय के आदेश से आए थे या फिर कागजों के साथ छेडछाड करने। जांच चल रही है जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि कागजों के साथ फिर से छेडछाड की गई है या नहीं।
बाईट - बलवान जांगडा, सदस्य पार्क महाघोटाला जांच कमेेटी।

Conclusion:वीओ - एक ओर तो उपायुक्त महोदय के आदेश पर छुटटी के दिन भी कर्मचारी कार्यालय में होते हैं लेकिन वहीं अगर उससे अगले ही दिन की बात करें तो नगर पालिका कार्यालय में केवल तीन ही कर्मचारी दिखाई पडते हैं। अब अगर किसी को नगर पालिका कार्यालय में कोई काम से आना पडे तो वो किस दिन आए छुटटी के दिन या बिना छुटटी के दिन। शहर वासी इस समस्या में दिखाई दे रहे हैं।
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