सिरसा: नगर परिषद के प्रधान पद के चुनाव में एक फिर नया मोड़ आ गया है. आज यानि मंगलवार के दिन चुनाव होना था, लेकिन देर रात को चुनाव पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने स्टे लगा दिया जिससे आज फिर एक बार चुनाव टल गया. ये स्टे कांग्रेस समर्थित नगर पार्षद बलजीत कौर के नाम पर डाली गई याचिका पर हुआ है.
पार्षद बलजीत कौर ने याचिका लगाने से किया इंकार
आज होने वाले चुनाव में कांग्रेस की ओर से बलजीत कौर को प्रधान पद के लिए प्रत्याशी बनाया गया था. चुनाव के लिए करीब 15 पार्षद भी नगर परिषद में पहुंच गए खे, लेकिन यहां पहुंचकर एसडीएम ने जानकारी दी कि कोर्ट के स्टे के चलते अब 27 अगस्त तक चुनाव टाल दिया गया है. उधर पार्षद बलजीत कौर ने साफ तौर पर स्टे के लिए हाई कोर्ट में याचिका नहीं लगाने की बात कही. साथ ही कहा कि जिस वकील की ओर से याचिका लगाई गई है वह उसे भी नहीं जानती.
उन्होंने आरोप जड़ा कि किसी ने धोखाबाजी कर उनके नाम से याचिका डाली है इसलिए इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. इस बार में सिरसा के एसडीएम जयवीर यादव ने बताया कि हाई कोर्ट से स्टे आर्डर के आदेश जारी किये गए. स्टे आर्डर के चलते आगामी तारीख तक चुनाव स्थगित किये गए हैं. उन्होंने बताया कि अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी, उसके बाद जो भी फैसला आएगा उसी के अनुसार कार्यवाई की जाएगी.
कांग्रेस ने बीजेपी और हलोपा पर लगाया आरोप
वहीं पार्षद बलजीत कौर ने कहा कि उनकी ओर से कोई याचिका नहीं डाली गई. उन्होंने बताया कि किसी ने धोखे से उनके नाम से याचिका डाली है. इस मामले की जांच होनी चाहिए. इस मामले पर कांग्रेस नेता राजकुमार शर्मा ने कहा कि भाजपा व हलोपा की मिलीभगत से सिरसा विकास के मामले में पिछड़ रहा है. चुनाव पर स्टे होने को लेकर भी उन्होंने विधायक गोपाल कांडा और भाजपा नेताओं को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि 7 अगस्त को स्टे हो गया था बावजूद इसके भाजपा व हलोपा नेताओं ने मिलकर चुनावी सरगर्मियों को तेज रखा.
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वहीं इस मामले पर सिरसा के विधायक गोपाल कांडा ने नगर परिषद चुनाव को लेकर मंगलवार को हुई घटना की निंदा करते हुए कहा कि जो लोग नगर का विकास नहीं चाहते उन्होंने ही इस मामले में पेंच फंसाया है. हाई कोर्ट की ओर से जारी स्टे पर पार्षद बलजीत कौर ने झूठ बोला है. बलजीत कौर ने याचिका लगाई है और याचिका में आधार कार्ड भी दिया गया है. अगर याचिका में हस्ताक्षर बलजीत कौर ने नहीं किए तो उन्हें हाई कोर्ट और डीसी के समक्ष पेश होकर शपथ दे देना चाहिए.