सिरसा: 'खेलेगा युवा-बढेगा युवा' के नारे को प्राथमिकता से लागू करने वाली सरकार के दावों की पोल सिरसा के रानियां में बने स्टेडियम में खुलती नजर आ रही है. रानियां में भी सरकार ने हर क्षेत्र की तरह खेल स्टेडियम तो बना दिया लेकिन सुविधाएं अभी तक दुरूस्त नहीं की गई. जिसका परिणाम यह है कि ये स्टेडियम ताश खेलने वालों के लिए बनकर रह गया है.
यहां दिन भर खाली लोग ताश खेलकर अपना समय व्यतीत करते हैं तो दोपहर व रात में नशेड़ी अपना अड्डा बना लेते हैं. इस बारे में जब युवाओं से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि खेल स्टेडियम बने हुए लगभग 6 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली है.
रानियां के इस खेल स्टेडियम का शिलान्यास 29 सितंबर 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने किया था और 20 जुलाई 2015 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस खेल परिसर का उद्घाटन किया. उस वक्त युवाओं को लगा कि शायद अब उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन स्टेडियम तो बन गया सुविधाएं नहीं मिली.
रानियां का खेल स्टेडियम बाहर से देखने में बडा शानदार लगता है लेकिन अंदर जाकर देखें तो करोड़ों रुपयों की परियोजना पर पानी फिर रहा है. रानियां के समाजसेवी लोगों ने बताया कि जब स्टेडियम बना था तभी से स्टेडियम में सुविधाएं दुरूस्त करने की मांग की जाने लगी था. समस्याओं के निपटान के लिए उन्होंने काफी चक्कर काटे सभी नेताओं, मंत्रियों व अधिकारियों के पास गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. आखिर में सीएम विंडो पर अर्जी लगाई तो जवाब आया कि तमाम सुविधाएं दुरूस्त हैं लेकिन हकीकत क्या है आप खुद इन तस्वीरों में देख सकते हैं.