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नशेड़ियों और ताश खेलने वालों के लिए हरियाणा में बना है स्टेडियम ! देखिए ये रिपोर्ट

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए हर गांव कस्बे में खेल स्टेडियम बना रखे हैं और युवाओं में खेल भावना भरने के लिए सरकार सबसे अच्छी खेल नीति होने का दम भी भर रही है लेकिन इसके विपरीत मौजूदा हालात क्या हैं वो हम आज आपको इस रिपोर्ट के माध्यम से दिखाने जा रहे हैं.

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Published : Jun 18, 2019, 2:17 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 4:20 PM IST

rania sports complex

सिरसा: 'खेलेगा युवा-बढेगा युवा' के नारे को प्राथमिकता से लागू करने वाली सरकार के दावों की पोल सिरसा के रानियां में बने स्टेडियम में खुलती नजर आ रही है. रानियां में भी सरकार ने हर क्षेत्र की तरह खेल स्टेडियम तो बना दिया लेकिन सुविधाएं अभी तक दुरूस्त नहीं की गई. जिसका परिणाम यह है कि ये स्टेडियम ताश खेलने वालों के लिए बनकर रह गया है.

रानियां का स्टेडियम सुविधाओं के अभाव में बदहाली के आंसू रो रहा है, देखिए ये रिपोर्ट.

यहां दिन भर खाली लोग ताश खेलकर अपना समय व्यतीत करते हैं तो दोपहर व रात में नशेड़ी अपना अड्डा बना लेते हैं. इस बारे में जब युवाओं से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि खेल स्टेडियम बने हुए लगभग 6 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली है.

रानियां के इस खेल स्टेडियम का शिलान्यास 29 सितंबर 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने किया था और 20 जुलाई 2015 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस खेल परिसर का उद्घाटन किया. उस वक्त युवाओं को लगा कि शायद अब उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन स्टेडियम तो बन गया सुविधाएं नहीं मिली.

रानियां का खेल स्टेडियम बाहर से देखने में बडा शानदार लगता है लेकिन अंदर जाकर देखें तो करोड़ों रुपयों की परियोजना पर पानी फिर रहा है. रानियां के समाजसेवी लोगों ने बताया कि जब स्टेडियम बना था तभी से स्टेडियम में सुविधाएं दुरूस्त करने की मांग की जाने लगी था. समस्याओं के निपटान के लिए उन्होंने काफी चक्कर काटे सभी नेताओं, मंत्रियों व अधिकारियों के पास गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. आखिर में सीएम विंडो पर अर्जी लगाई तो जवाब आया कि तमाम सुविधाएं दुरूस्त हैं लेकिन हकीकत क्या है आप खुद इन तस्वीरों में देख सकते हैं.

सिरसा: 'खेलेगा युवा-बढेगा युवा' के नारे को प्राथमिकता से लागू करने वाली सरकार के दावों की पोल सिरसा के रानियां में बने स्टेडियम में खुलती नजर आ रही है. रानियां में भी सरकार ने हर क्षेत्र की तरह खेल स्टेडियम तो बना दिया लेकिन सुविधाएं अभी तक दुरूस्त नहीं की गई. जिसका परिणाम यह है कि ये स्टेडियम ताश खेलने वालों के लिए बनकर रह गया है.

रानियां का स्टेडियम सुविधाओं के अभाव में बदहाली के आंसू रो रहा है, देखिए ये रिपोर्ट.

यहां दिन भर खाली लोग ताश खेलकर अपना समय व्यतीत करते हैं तो दोपहर व रात में नशेड़ी अपना अड्डा बना लेते हैं. इस बारे में जब युवाओं से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि खेल स्टेडियम बने हुए लगभग 6 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली है.

रानियां के इस खेल स्टेडियम का शिलान्यास 29 सितंबर 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने किया था और 20 जुलाई 2015 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस खेल परिसर का उद्घाटन किया. उस वक्त युवाओं को लगा कि शायद अब उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन स्टेडियम तो बन गया सुविधाएं नहीं मिली.

रानियां का खेल स्टेडियम बाहर से देखने में बडा शानदार लगता है लेकिन अंदर जाकर देखें तो करोड़ों रुपयों की परियोजना पर पानी फिर रहा है. रानियां के समाजसेवी लोगों ने बताया कि जब स्टेडियम बना था तभी से स्टेडियम में सुविधाएं दुरूस्त करने की मांग की जाने लगी था. समस्याओं के निपटान के लिए उन्होंने काफी चक्कर काटे सभी नेताओं, मंत्रियों व अधिकारियों के पास गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. आखिर में सीएम विंडो पर अर्जी लगाई तो जवाब आया कि तमाम सुविधाएं दुरूस्त हैं लेकिन हकीकत क्या है आप खुद इन तस्वीरों में देख सकते हैं.

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Ramesh Jakhar Rania





एंकर - हरियाणा सरकार ने युवाओं में खेल नीति जागृत करने के लिए हर गांव कस्बे में खेल स्टेडियम तो बना दिए और युवाओं में खेल भावना भरने का दम भी सरकार भर रही है लेकिन इसके विपरीत इन खेल स्टेडियमों का हाल क्या है वो हम आज आपको इस रिपोर्ट के माध्यम से दिखाने जा रहे हैं। 



वीओ 1 - खेलेगा युवा बढेगा युवा के नारे को प्राथमिकता से लागू करने वाली सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। रानियां में भी सरकार ने हर क्षेत्र की तरह खेल स्टेडियम तो बना दिया लेकिन सुविधाएं अभी तक दुरूस्त नहीं की गई। जिसका परिणाम यह है कि यह खेल स्टेडियम ताश खेलने के का स्टेडियम ही रह गया है। यहां दिन भर खाली लोग ताश खेलकर अपना समय व्यतीत करते हैं तो दोपहर व रात में नशेडी अपना अडडा बना लेते हैं। इस बारे जब युवाओं से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि खेल स्टेडियम बने हुए लगभग 6 साल हो गए लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली है। सरकार ने युवाओं के हितो को ध्यान में रखते हुए करोडों रूपए लगाकर स्टेडियम तो बना दिया लेकिन सुविधाएं ना देने से सरकार का यह करोडों रूपया व्यर्थ हो रहा है। स्टेडियम के अंदर हालत की बात करे  तो जगह जगह गंदगी पडी हुई है।

बाईट - अमरीक4 और हरपाल 6



वीओ 2 - रानियां के खेल स्टेडियम का शिलान्यास 29 सितंबर 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा ने किया और 20 जुलाई 2015 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने इस खेल परिसर का उदघाटन किया। उस वक्त युवाओं को लगा कि शायद अब उन्हे किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन स्टेडियम बन गया सुविधाएं नहीं मिली और आज भी आलम यह है कि सुविधाओं के नाम पर स्टेडियम खाली है। बडा मल्टी परपज हाल बना दिया गया, टॉयलेट बना दिए गए लेकिन बनाने के बाद कभी संभाल नहीं हुई जिसका नतीजा यह हुआ कि नशेडी यहां के सीवरेज के ढक्कन, शीशे तक उखाड के ले गए। इसके इलावा खेल परिसर में साफ सफाई भी बडी गंभीर समस्य बनी हुई है स्टेडियम के बाहर कूडे के ढेर लगे हुए हैं। ग्राउंड में घास उगी हुई है। कबडडी खेलने आने वाले खिलाडियों का कहना है कि वे सबसे पहले आते ही ग्राउंड से घास निकालते हैं और उसके बाद खुद ग्राउंड तैयार करते हैं फिर वे खेलते हैं।

बाईट - नवीन 7 ओर रवि 8



वीओ 3 - रानियां का खेल स्टेडियम बाहर से देखने में बडा शानदार लगता है लेकिन अंदर जाकर देखें तो करोडों रूपयों की परियोजना पर पानी फिरा लगता है। रानियां ंके समाज सेवी लोगों ने बताया कि जब स्टेडियम बना था तभी से स्टेडियम में सुविधाएं दुरूस्त करने की मांग की जाने लगी। बिना सुविधाओं के स्टेडियम सुनसान पडा है। आज भी मेन होल के ताला लगा पडा हुआ है। लोगों का कहना है कि स्टेडियम के बिल्कुल उपर से बिजली की हाई टेंशन तारें भी जाती है जिससे खिलाडियां को जान का खतरा भी रहता है। इन तमाम समस्याओं के निपटान के लिए उन्होंने काफी चक्कर काटे सभी नेताओं के पास मंत्रियों के पास अधिकारियों के पास गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर में सीएम विंडो लगाई तो जवाब आया कि तमाम सुविधाएं दुरूस्त है। लेकिन हकीकत क्या है आप खुद इन तस्वीरों में देख सकते हैं।

बाईट - मदन लाल9, जीतू 3, अशोक 5


Conclusion:
Last Updated : Jun 18, 2019, 4:20 PM IST
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