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हरियाणा में लंपी वायरस का कहर जारी, सिरसा में अब तक 127 पशुओं की मौत

Lumpy virus in Haryana हरियाणा में लंपी वायरस का कहर जारी है. लंपी डिजीज के चलते हरियाणा के सिरसा में 127 पशुओं की अब तक मौत हो चुकी है. वहीं प्रशासन की ओर से लगातार टीकाकरण अभियान भी चलाया जा रहा है.

Vaccine for lumpy skin in haryana
सिरसा में लंपी स्किन डिसीज से 127 पशुओं की हुई मौत
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Published : Aug 21, 2022, 5:05 PM IST

सिरसा: हरियाणा के सिरसा में लंपी वायरस का प्रकोप (Lumpy skin disease in Haryana) बढ़ता जा रहा है. शनिवार को सिरसा में लंपी स्किन डिजीज से 22 पशुओं की मौत हुई है, जिनमें से 15 पशु पालतू हैं और सात गोवंश गौशाला से है. ज्यादा प्रकोप कालांवाली और डबवाली क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. पशुओं में इस भंयकर प्रकोप को देखते हुए सिरसा के उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने अहतियाहत के तौर पर सिरसा में धारा 144 लगा दी है. इसके अलावा सिरसा के उपायुक्त अजय तोमर ने सिरसा में पशुओं के बाड़े में आवागमन पर रोक लगा दी है.

पशुपालन विभाग अलर्ट: सिरसा में इतने बड़े स्तर पर पशुओं में इस बीमारी के फैलने के बाद अब न सिर्फ पशुपालन विभाग अलर्ट दिखाई दे रहा है बल्कि जिला प्रशासन ने भी पशुओं पर लंपी स्किन डिजीज के रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. वीके बंसल ने मीडिया से बताया कि सिरसा में लंपी बीमारी से अब तक 127 पशुओं की मौत हो (Lumpy virus death in Sirsa) चुकी है. सिरसा में 5,151 पशु अब तक बीमारी से ग्रस्त हुए हैं. इनमें से 3,872 पशु स्वस्थ हो गए हैं. एक दिन पहले भी तकरीबन 25 पशुओं की मौत हुई थी और मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा (Lumpy virus death in Sirsa) है. इसी वजह से अब प्रशासन ने बीमारी की रोकथाम के लिए कई अहम कदम उठाए हैं.

जिले में धारा 144 लागू: उन्होंने कहा कि सिरसा के उपायुक्त ने धारा 144 लागू कर दी है जिसके बाद बीडीपीओ को निर्देश दिए हैं कि क्षेत्र में किसी प्रकार का पशु मेला न लगे और न ही बड़े स्तर पर पशुओं का आवागमन हो. यदि दूसरे राज्यों से पशु चरवाहे आ रहे हैं तो उन्हें रोका जाए और न ही सिरसा से बाहर पशुओं का बड़ा दल जाने पाए. पशुपालन विभाग ने स्वस्थ पशुओं को बाहर ले जाए जाने पर भी रोक लगा दी है.

पशु ले जाने के लिए परमिट की आवश्यकता: दूसरे राज्य में पशु ले जाने के लिए परमिट की आवश्यकता है लेकिन प्रशासन किसी को परमिट जारी नहीं कर रहा है. यह भी हिदायत दी है कि एक साथ अधिक पशुओं को चराने के लिए भी न ले जाया जाए इससे भी पशुओं में संक्रमण फैलने का अंदेशा है. प्रशासन ने बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाए हैं. मेलों पर रोक लगा दी है. पशुओं का अधिक आवागमन नहीं हो सकता. मृत पशुओं की चमड़ी नहीं उतारी जा सकती इसलिए उन्हें दफनाना होगा. विभाग ने शनिवार को नौ हजार पशुओं का टीकाकरण (Lumpy skin disease vaccine) किया है जो हर रोज जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें-हरियाणा में पशु वैक्सीनेशन एक हफ्ते में होगा पूरा, 8 जिलों में अब तक 211 पशुओं की मौत

सिरसा: हरियाणा के सिरसा में लंपी वायरस का प्रकोप (Lumpy skin disease in Haryana) बढ़ता जा रहा है. शनिवार को सिरसा में लंपी स्किन डिजीज से 22 पशुओं की मौत हुई है, जिनमें से 15 पशु पालतू हैं और सात गोवंश गौशाला से है. ज्यादा प्रकोप कालांवाली और डबवाली क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. पशुओं में इस भंयकर प्रकोप को देखते हुए सिरसा के उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने अहतियाहत के तौर पर सिरसा में धारा 144 लगा दी है. इसके अलावा सिरसा के उपायुक्त अजय तोमर ने सिरसा में पशुओं के बाड़े में आवागमन पर रोक लगा दी है.

पशुपालन विभाग अलर्ट: सिरसा में इतने बड़े स्तर पर पशुओं में इस बीमारी के फैलने के बाद अब न सिर्फ पशुपालन विभाग अलर्ट दिखाई दे रहा है बल्कि जिला प्रशासन ने भी पशुओं पर लंपी स्किन डिजीज के रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. वीके बंसल ने मीडिया से बताया कि सिरसा में लंपी बीमारी से अब तक 127 पशुओं की मौत हो (Lumpy virus death in Sirsa) चुकी है. सिरसा में 5,151 पशु अब तक बीमारी से ग्रस्त हुए हैं. इनमें से 3,872 पशु स्वस्थ हो गए हैं. एक दिन पहले भी तकरीबन 25 पशुओं की मौत हुई थी और मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा (Lumpy virus death in Sirsa) है. इसी वजह से अब प्रशासन ने बीमारी की रोकथाम के लिए कई अहम कदम उठाए हैं.

जिले में धारा 144 लागू: उन्होंने कहा कि सिरसा के उपायुक्त ने धारा 144 लागू कर दी है जिसके बाद बीडीपीओ को निर्देश दिए हैं कि क्षेत्र में किसी प्रकार का पशु मेला न लगे और न ही बड़े स्तर पर पशुओं का आवागमन हो. यदि दूसरे राज्यों से पशु चरवाहे आ रहे हैं तो उन्हें रोका जाए और न ही सिरसा से बाहर पशुओं का बड़ा दल जाने पाए. पशुपालन विभाग ने स्वस्थ पशुओं को बाहर ले जाए जाने पर भी रोक लगा दी है.

पशु ले जाने के लिए परमिट की आवश्यकता: दूसरे राज्य में पशु ले जाने के लिए परमिट की आवश्यकता है लेकिन प्रशासन किसी को परमिट जारी नहीं कर रहा है. यह भी हिदायत दी है कि एक साथ अधिक पशुओं को चराने के लिए भी न ले जाया जाए इससे भी पशुओं में संक्रमण फैलने का अंदेशा है. प्रशासन ने बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाए हैं. मेलों पर रोक लगा दी है. पशुओं का अधिक आवागमन नहीं हो सकता. मृत पशुओं की चमड़ी नहीं उतारी जा सकती इसलिए उन्हें दफनाना होगा. विभाग ने शनिवार को नौ हजार पशुओं का टीकाकरण (Lumpy skin disease vaccine) किया है जो हर रोज जारी रहेगा.

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