सिरसा: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 12 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया है. वहीं, सिरसा और फतेहाबाद जिले के कई क्षेत्रों में अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने रविवार को सिरसा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान डिप्टी सीएम ने अधिकारियों से सिरसा में बाढ़ की स्थिति को लेकर चर्चा भी की. वहीं, दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सिरसा में घग्गर नदी का जलस्तर लगातार कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि, अब बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है और उपायुक्त स्तर पर नुकसान के आकलन के दिशा निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सभी प्रभावितों की पर्याप्त सहायता की जाएगी.
-
सिरसा के ओटू, कुत्ताबढ़ व कृपालपट्टी, शेखूखेड़ा व आसपास के क्षेत्र में बाढ़ बचाव कार्यों का जायजा लिया। मौके पर प्रशानिक अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। फिलहाल बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। pic.twitter.com/DSQbGSD6fe
— Dushyant Chautala (@Dchautala) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">सिरसा के ओटू, कुत्ताबढ़ व कृपालपट्टी, शेखूखेड़ा व आसपास के क्षेत्र में बाढ़ बचाव कार्यों का जायजा लिया। मौके पर प्रशानिक अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। फिलहाल बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। pic.twitter.com/DSQbGSD6fe
— Dushyant Chautala (@Dchautala) July 23, 2023सिरसा के ओटू, कुत्ताबढ़ व कृपालपट्टी, शेखूखेड़ा व आसपास के क्षेत्र में बाढ़ बचाव कार्यों का जायजा लिया। मौके पर प्रशानिक अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। फिलहाल बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। pic.twitter.com/DSQbGSD6fe
— Dushyant Chautala (@Dchautala) July 23, 2023
ये भी पढ़ें: बाढ़ प्रभावित किसानों को 40 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दे सरकार, भूपेंद्र हुड्डा ने AAP पर भी साधा निशाना
हरियाणा में बाढ़ से करीब 1400 गांव प्रभावित: ओटू हेड पर पहुंचे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि, हरियाणा में करीब 1400 से अधिक गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं जिन्हें सरकार की ओर से पर्याप्त मदद दी जा रही है. उन्होंने कहा कि, खेतों में जमा पानी की निकासी के लिए भी उपायुक्तों को दिशा निर्देश दिए गए हैं. प्रशासनिक स्तर पर मदद के उद्देश्य से प्रशासन डीजल और अन्य आर्थिक मदद देकर किसानों की क्षतिपूर्ति की जा रही है. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के साथ सिरसा के डीसी पार्थ गुप्ता भी मौजूद रहे.
भूपेंद्र हुड्डा पर पलटवार: हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बाढ़ संबंधी मामले में राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सिरसा में घग्गर के इतिहास में कभी भी 50 हजार क्यूसेक से अधिक पानी नहीं आया. ऐसे में शासन प्रशासन ने स्थिति को बेहतर तरीके से संभालते हुए प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. इसलिए पूर्व सीएम को बयान देने से पहले वास्तविक स्थिति का अंदाजा होना चाहिए. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि, 25 जुलाई के बाद राज्य सरकार उन सभी जिलों की समीक्षा करेगी जो बाढ़ से प्रभावित रहे हैं. जहां तक उन जिलों को बाढ़ से आर्थिक रूप से मदद देने की बात है तो राज्य सरकार के पास पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है. इसके अलावा यदि राज्य सरकार को केंद्र सरकार से मदद की आवश्यकता पड़ी तो मदद ली जाएगी.
-
जिला उपायुक्त स्तर पर नुकसान के आंकलन के निर्देश दिये गए है। खेतों में खड़े पानी की निकासी के लिए भी निर्देश दिए हैं। pic.twitter.com/JNSGT8wSVI
— Dushyant Chautala (@Dchautala) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">जिला उपायुक्त स्तर पर नुकसान के आंकलन के निर्देश दिये गए है। खेतों में खड़े पानी की निकासी के लिए भी निर्देश दिए हैं। pic.twitter.com/JNSGT8wSVI
— Dushyant Chautala (@Dchautala) July 23, 2023जिला उपायुक्त स्तर पर नुकसान के आंकलन के निर्देश दिये गए है। खेतों में खड़े पानी की निकासी के लिए भी निर्देश दिए हैं। pic.twitter.com/JNSGT8wSVI
— Dushyant Chautala (@Dchautala) July 23, 2023
ये भी पढ़ें: सिरसा में घग्गर नदी का रौद्र रूप, 50 गांवों पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, करीब 20 गांव जलमग्न, सरकार ने दी सहायता राशि
आम आदमी पार्टी पर बरसे दुष्यंत चौटाला: आम आदमी पार्टी की ओर से हरियाणा पर दिल्ली को बाढ़ से डुबोने के सवाल पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा के तो स्वयं 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बाढ़ का कारण दिल्ली सरकार की ओर से प्रबंधन में कमी है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि, हरियाणा में करीब 5 से 7 लाख एकड़ भूमि में फसल प्रभावित हुई है. ऐसे में एसडीआरएफ की ओर से राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट पर बहुत कुछ निर्भर करता है कि किस जिले में कितनी सहायता दी जानी है. उन्होंने कहा कि, पहले मदद के चेक जिला ट्रेजरी में आते थे, लेकिन सरकार ने सहायता राशि को जल्द से जल्द प्रभावितों तक पहुंचाने की दिशा में कदम उठाते हुए इसे पोर्टल के माध्यम से दिया जाना अनिवार्य किया है.