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Farmers Sedition Case: प्रशासन ने किसानों से लिखित में मांगी मांगे, गृह सचिव को भेजा गया लीगल नोटिस

सिरसा में किसानों पर हुए देशद्रोह के मुकदमों (Farmers Sedition Case) को लेकर सोमवार को भी काफी हलचल रही. एक तरफ जहां धरने पर बैठे किसानों को जिला प्रशासन ने बातचीत के लिए बुलाया तो वहीं दूसरी ओर किसानों पर देशद्रोह के केस करने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील ने हरियाणा के गृह सचिव राजीव अरोड़ा को लीगल नोटिस भेज दिया है.

sirsa Farmers Sedition Case
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Published : Jul 19, 2021, 9:30 PM IST

Updated : Jul 20, 2021, 4:01 PM IST

सिरसा: किसानों पर हुए देशद्रोह के मुकदमों (Farmers Sedition Case) का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. गिरफ्तार किसानों की रिहाई और केस हटाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान सिरसा लघु सचिवालय के परिसर के बाहर धरने पर बैठे हैं. शनिवार को इस मामले को लेकर शहीद भगत सिंह स्टेडियम में महापंचायत का आयोजन भी किया गया था. जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत सहित कई अन्य किसान नेताओं ने शिरकत की थी.

उसके बाद जिला प्रशासन से बातचीत विफल रहने के बाद से ही किसानों ने लघु सचिवालय परिसर के बाहर धरना शुरू कर दिया था, जो सोमवार को भी जारी रहा. वहीं प्रशासन द्वारा लघु सचिवालय के अंदर जाते रास्ते को बैरिकेड लगाकर बन्द किया गया है. साथ ही भारी पुलिस बल तैनात कर रखा है ताकि किसान लघु सचिवालय के अंदर न जा सकें.

प्रशासन से बातचीत होने के बाद किसान नेता का बयान

शनिवार को प्रशासन व किसानों में हुई बातचीत विफल होने के बाद किसानों ने पक्का मोर्चा लगा दिया था. जिसके बाद सोमवार को फिर से प्रशासन द्वारा किसानों को बातचीत के लिए बुलाया गया. प्रशासन के बुलावे पर किसान प्रतिनिधिमंडल प्रशासन से मिलने पहुंचा. प्रशासन से बातचीत होने के बाद किसान नेता मंजीत सिंह ने बताया कि प्रशासन द्वारा आज हमें बातचीत के लिए बुलाया गया था और हमारी कमेटी प्रशासन से मिलने गई.

ये भी पढ़ें- Farmers Sedition Case: हरियाणा के गृह सचिव को भेजा गया लीगल नोटिस

उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा हमसे हमारी मांगें पूछी गई और कहा कि आप अपनी मांगें लिखित में दे दो. हमनें प्रशासन के आगे मांग रखी कि हमारे किसान भाई जो गिरफ्तार हुए हैं उन्हें रिहा किया जाए और साथ ही किसानों पर जो धाराएं लगाई गई हैं उन्हें रद्द किया जाए. इसके साथ-साथ हमने प्रशासन के आगे एक और मांग रखी कि आपकी तरफ से जो महिला पुलिस कर्मचारियों को तैनात कर रखा है उन्हें न तैनात किया जाए. ये सब मांगें मान ली जाए उसके बाद हम अपना धरना यहां से उठा देंगे.

किसान नेता ने बताया कि हमनें अपनी मांगें प्रशासन को लिखित में दे दी है. हमारे द्वारा किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं किया जाएगा. हम संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान के मुताबिक काम करते हैं. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जो भी आदेश आएगा हम तभी अपनी रणनीति बनाएंगे. बात रही बैरिकेड तोड़ने की तो जब बैरिकेड तोड़ेंगे तो प्रशासन को चेताकर कर तोड़ेंगे.

बता दें कि, किसानों पर दर्ज देशद्रोह के मामले को लेकर सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील प्रदीप रापड़िया ने भी हरियाणा के गृह सचिव राजीव अरोड़ा को लीगल नोटिस भेजा है.

ये भी पढ़ें- Farmers Sedition Case: ना कपड़े पहनने दिए ना कारण बताया और उठा ले गई पुलिस- गिरफ्तार किसान का बेटा

सिरसा: किसानों पर हुए देशद्रोह के मुकदमों (Farmers Sedition Case) का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. गिरफ्तार किसानों की रिहाई और केस हटाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान सिरसा लघु सचिवालय के परिसर के बाहर धरने पर बैठे हैं. शनिवार को इस मामले को लेकर शहीद भगत सिंह स्टेडियम में महापंचायत का आयोजन भी किया गया था. जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत सहित कई अन्य किसान नेताओं ने शिरकत की थी.

उसके बाद जिला प्रशासन से बातचीत विफल रहने के बाद से ही किसानों ने लघु सचिवालय परिसर के बाहर धरना शुरू कर दिया था, जो सोमवार को भी जारी रहा. वहीं प्रशासन द्वारा लघु सचिवालय के अंदर जाते रास्ते को बैरिकेड लगाकर बन्द किया गया है. साथ ही भारी पुलिस बल तैनात कर रखा है ताकि किसान लघु सचिवालय के अंदर न जा सकें.

प्रशासन से बातचीत होने के बाद किसान नेता का बयान

शनिवार को प्रशासन व किसानों में हुई बातचीत विफल होने के बाद किसानों ने पक्का मोर्चा लगा दिया था. जिसके बाद सोमवार को फिर से प्रशासन द्वारा किसानों को बातचीत के लिए बुलाया गया. प्रशासन के बुलावे पर किसान प्रतिनिधिमंडल प्रशासन से मिलने पहुंचा. प्रशासन से बातचीत होने के बाद किसान नेता मंजीत सिंह ने बताया कि प्रशासन द्वारा आज हमें बातचीत के लिए बुलाया गया था और हमारी कमेटी प्रशासन से मिलने गई.

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उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा हमसे हमारी मांगें पूछी गई और कहा कि आप अपनी मांगें लिखित में दे दो. हमनें प्रशासन के आगे मांग रखी कि हमारे किसान भाई जो गिरफ्तार हुए हैं उन्हें रिहा किया जाए और साथ ही किसानों पर जो धाराएं लगाई गई हैं उन्हें रद्द किया जाए. इसके साथ-साथ हमने प्रशासन के आगे एक और मांग रखी कि आपकी तरफ से जो महिला पुलिस कर्मचारियों को तैनात कर रखा है उन्हें न तैनात किया जाए. ये सब मांगें मान ली जाए उसके बाद हम अपना धरना यहां से उठा देंगे.

किसान नेता ने बताया कि हमनें अपनी मांगें प्रशासन को लिखित में दे दी है. हमारे द्वारा किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं किया जाएगा. हम संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान के मुताबिक काम करते हैं. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जो भी आदेश आएगा हम तभी अपनी रणनीति बनाएंगे. बात रही बैरिकेड तोड़ने की तो जब बैरिकेड तोड़ेंगे तो प्रशासन को चेताकर कर तोड़ेंगे.

बता दें कि, किसानों पर दर्ज देशद्रोह के मामले को लेकर सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील प्रदीप रापड़िया ने भी हरियाणा के गृह सचिव राजीव अरोड़ा को लीगल नोटिस भेजा है.

ये भी पढ़ें- Farmers Sedition Case: ना कपड़े पहनने दिए ना कारण बताया और उठा ले गई पुलिस- गिरफ्तार किसान का बेटा

Last Updated : Jul 20, 2021, 4:01 PM IST
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