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निराशा! मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसान परेशान, इन नई मुसीबतों से होना पड़ रहा दो चार - सरसों में नमी

हरियाणा में किसानों की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही. किसानों की कड़ी मेहनत पर बेमौसम बरसात से पानी फेर दिया है. खबर में जानिए मंडी में फसल बेचने पहुंच रहे किसानों की क्या है परेशानियां. (Haryana mustard purchase)

Farmers reached grain market mustard crop in sirsa
मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसान परेशान
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Published : Mar 30, 2023, 4:34 PM IST

सिरसा: किसान इन दिनों फिर से परेशान नजर आ रहे हैं. पहले 20 मार्च को सिरसा में बेमौसमी भारी बारिश और ओलावृष्टि के चलते हजारों किसानों की गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसल तकरीबन नष्ट हो गई है. अब जो भी फसल शेष सुरक्षित है, उसकी बिक्री के लिए भी अब किसानों को मंडी में पहुंचकर परेशानी झेलनी पड़ रही है. किसान अब सिरसा की अनाज मंडी में सरसों बेचने के लिए पहुंचे हैं. लेकिन, यहां भी उनकी परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है.

अनाज मंडी में किसान परेशान: अब किसान बारिश के मौसम में ही सरसों की बिक्री के लिए मंडी में पहुंचे हैं. लेकिन, सरकारी खरीद और प्राइवेट खरीद की उलझन में अब किसान फंसता हुआ दिखाई दे रहा है. सरकारी रेट के मुताबिक किसानों की सरसों 5450 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी जा रही है. लेकिन, प्राइवेट कंपनियां 4500 से लेकर 5000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों की खरीद कर रही है. ऐसे में किसान भी अब इस दुविधा में हैं, कि सरसों की बिक्री सरकारी करें या फिर प्राइवेट.

Farmers reached grain market mustard crop in sirsa
मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसान परेशान

बारिश के बाद अब रेट में फंसे किसान: वहीं, किसानों का आरोप है कि सरकारी अधिकारी सरसों में नमी का बहाना बनाकर सरसों की सरकारी खरीद नहीं कर रहे हैं. जिस वजह से किसानों को मजबूरन प्राइवेट कंपनियों को सरसों बेचनी पड़ रही है. सिरसा की अनाज मंडी में सरसों की फसल लेकर कई अन्नदाता पहुंचे हैं. लेकिन, सरसों की बिक्री नहीं होने के चलते किसान परेशान हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में 100 प्रतिशत हुआ रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण, पीएम मोदी ने दी बधाई

क्या डबल होने से पहले सुलझेगी समस्या: मंडी में किसानों का आरोप है कि सरसों की सरकारी खरीद नहीं हो रही है. जिस वजह से प्राइवेट कंपनियां सरसों की खरीद कर रही हैं. आज दूसरे दिन भी सरकारी खरीद नहीं हुई है. कई किसान तो 24 घंटों से अपनी सरसों की फसल की बिक्री का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में बरसात में मौसम होने के कारण भी उनकी परेशानियां दोगुनी हो गई है. अब किसानों ने सरकार और जिला प्रशासन को चेतावनी दी है, कि अगर उन्हें सही दाम नहीं मिला तो वे अपनी फसल को बिना बेचे ही वापस घर लौट जाएंगे.

सरकारी और प्राइवेट की उलझन में किसान: मीडिया से बातचीत करते हुए किसान अमर सिंह, चेतराम और ओम प्रकाश ने बताया कि सरसों की सरकारी खरीद सिरसा की अनाज मंडी में नहीं हो रही है. लेकिन, प्राइवेट कंपनियां सरसों की खरीद अपने तरीके से कर रही है. लेकिन, सरकारी रेट के मुकाबले प्राइवेट कंपनियां सरसों की फसल का दाम बहुत कम दे रही है. सिरसा में सरसों की सरकारी खरीद का दाम 5450 रुपए प्रति क्विंटल है. जबकि प्राइवेट कंपनियां 4500 से लेकर 5000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों की खरीद कर रही है. जिससे उनको काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है. किसानों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उन्हें सही दाम नहीं मिला तो वे अपनी सरसों की बिक्री नहीं करेंगे और सरसों बिना बेचे ही वापस लौट जाएंगे.

ये भी पढ़ें: पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग समिति के हाउस पैनल का निर्देश, चंडीगढ़ में ट्रैफिक जाम खत्म करने के लिए बनाएं फ्लाईओवर और अंडरपास

सिरसा: किसान इन दिनों फिर से परेशान नजर आ रहे हैं. पहले 20 मार्च को सिरसा में बेमौसमी भारी बारिश और ओलावृष्टि के चलते हजारों किसानों की गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसल तकरीबन नष्ट हो गई है. अब जो भी फसल शेष सुरक्षित है, उसकी बिक्री के लिए भी अब किसानों को मंडी में पहुंचकर परेशानी झेलनी पड़ रही है. किसान अब सिरसा की अनाज मंडी में सरसों बेचने के लिए पहुंचे हैं. लेकिन, यहां भी उनकी परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है.

अनाज मंडी में किसान परेशान: अब किसान बारिश के मौसम में ही सरसों की बिक्री के लिए मंडी में पहुंचे हैं. लेकिन, सरकारी खरीद और प्राइवेट खरीद की उलझन में अब किसान फंसता हुआ दिखाई दे रहा है. सरकारी रेट के मुताबिक किसानों की सरसों 5450 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी जा रही है. लेकिन, प्राइवेट कंपनियां 4500 से लेकर 5000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों की खरीद कर रही है. ऐसे में किसान भी अब इस दुविधा में हैं, कि सरसों की बिक्री सरकारी करें या फिर प्राइवेट.

Farmers reached grain market mustard crop in sirsa
मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसान परेशान

बारिश के बाद अब रेट में फंसे किसान: वहीं, किसानों का आरोप है कि सरकारी अधिकारी सरसों में नमी का बहाना बनाकर सरसों की सरकारी खरीद नहीं कर रहे हैं. जिस वजह से किसानों को मजबूरन प्राइवेट कंपनियों को सरसों बेचनी पड़ रही है. सिरसा की अनाज मंडी में सरसों की फसल लेकर कई अन्नदाता पहुंचे हैं. लेकिन, सरसों की बिक्री नहीं होने के चलते किसान परेशान हो रहे हैं.

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क्या डबल होने से पहले सुलझेगी समस्या: मंडी में किसानों का आरोप है कि सरसों की सरकारी खरीद नहीं हो रही है. जिस वजह से प्राइवेट कंपनियां सरसों की खरीद कर रही हैं. आज दूसरे दिन भी सरकारी खरीद नहीं हुई है. कई किसान तो 24 घंटों से अपनी सरसों की फसल की बिक्री का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में बरसात में मौसम होने के कारण भी उनकी परेशानियां दोगुनी हो गई है. अब किसानों ने सरकार और जिला प्रशासन को चेतावनी दी है, कि अगर उन्हें सही दाम नहीं मिला तो वे अपनी फसल को बिना बेचे ही वापस घर लौट जाएंगे.

सरकारी और प्राइवेट की उलझन में किसान: मीडिया से बातचीत करते हुए किसान अमर सिंह, चेतराम और ओम प्रकाश ने बताया कि सरसों की सरकारी खरीद सिरसा की अनाज मंडी में नहीं हो रही है. लेकिन, प्राइवेट कंपनियां सरसों की खरीद अपने तरीके से कर रही है. लेकिन, सरकारी रेट के मुकाबले प्राइवेट कंपनियां सरसों की फसल का दाम बहुत कम दे रही है. सिरसा में सरसों की सरकारी खरीद का दाम 5450 रुपए प्रति क्विंटल है. जबकि प्राइवेट कंपनियां 4500 से लेकर 5000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों की खरीद कर रही है. जिससे उनको काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है. किसानों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उन्हें सही दाम नहीं मिला तो वे अपनी सरसों की बिक्री नहीं करेंगे और सरसों बिना बेचे ही वापस लौट जाएंगे.

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